एडोनिस एक दरख्त से पैदा हुआ बच्चा था, जिसकी मां को अपने पिता
के क्रोध से बचने के लिए भागना पड़ा था, क्योंकि उसकी मां और उसके दादा के बीच
अनैतिक संबंध थे, जिसके कारण से एडोनिस की मां गर्भवती हो गई थी, लेकिन एडोनिस के
नाना इस बात से अत्यंत कुपित थे और अपनी पुत्री की जान लेना चाहते थे । वे चाहते
थे कि, एडोनिस की मां और उसके ससुर की कलंक कथा को मृत्यु दंड देकर समाप्त कर दिया
जाए, इसीलिए एडोनिस की मां अपनी जान बचाती हुई भागती फिरती रही, इस संकट काल में देवी
अफ़रोडाइट ने एडोनिस की मां को एक दरख्त में बदल दिया, जिससे कुछ समय बाद एडोनिस
का जन्म हुआ । बड़ा होकर वह नश्वर संसार में एक बेहद खूबसूरत युवा बन गया । जिससे
अफ़रोडाइट को प्यार हुआ और पाताल लोक की रानी पर्सेफोन भी उसके प्रेम में पड़ गई, हालांकि
पर्सेफोन ने एडोनिस का पालन पोषण भी किया था ।
एडोनिस, सांसारिक रूप से साइप्रस का राजकुमार था और उससे
प्रेम के नाम पर देवी अफ़रोडाइट और पाताल लोक की रानी पर्सेफोन एक दूसरे से युद्ध
करने जा रही थीं । यह युद्ध एडोनिस को प्रेमी बतौर पाने का युद्ध था, किंतु देवता जिउस
ने इस युद्ध की संभावना को समाप्त कर दिया और उसने यह व्यवस्था दी कि,एडोनिस साल
का एक तिहाई समय अफ़रोडाइट के साथ और दूसरा तिहाई समय पर्सेफोन के साथ बिताएगा और
तीसरा तिहाई समय वह जिसे चाहे ,उसके साथ व्यतीत कर सकता है। एडोनिस ने देवता जिउस के
द्वारा दी गई व्यवस्था के अंतर्गत सबसे पहला कालखंड देवी अफ़रोडाइट के साथ बिताया ।
उसे अफ़रोडाइट के एकमात्र नश्वर प्रेमी के रूप में जाना जाता है । कहते हैं कि,
जंगली सुअर के हमले से एडोनिस की मृत्यु हो गई, तो देवी अफ़रोडाइट ने उसे अपने
हाथों में उठाकर अत्यंत शोक मनाया और चीख चीख कर रोई । जब उसके आंसू एडोनिस के खून
से मिल गए तो उसने एडोनिस को एनीमोन का
फूल बना दिया।
यह कथा दो कारणों से महत्वपूर्ण है । एक तो यह कि, एडोनिस,
नश्वर मनुष्य था और साइप्रस का राजा भी, कहते हैं कि, एडोनिस के दादा और उसकी मां
के मध्य अनैतिक संबंध थे, जिन्हें ससुर और बहु के संबंधों का नाम भी दिया जा सकता
है । दूसरा यह कि, एडोनिस के नाना इन अनैतिक संबंधों से अत्यधिक कुपित थे और अपनी
पुत्री को मृत्युदंड देना चाहते थे । कुल मिलाकर एडोनिस की मां अपनी जान बचाती हुई
बहगम भाग कर रही थी, तब प्रेम और लालसा की देवी अफरोडाइट ने एडोनिस की मां को एक
दरख़्त में बदल दिया । जिससे कुछ समय बाद एडोनिस का जन्म हुआ । हमें यह मान लेना
चाहिए कि, एडोनिस अपने दादा और अपनी मां की संतान था, भले ही प्रतीकात्मक तौर पर
उसे दरख़्त से पैदा हुआ बताया गया है । कथा से पता चलता है कि, युवा एडोनिस बेहद
खूबसूरत था और दो देवियों के मध्य ईर्ष्या और वैमनस्य का कारण बन गया था ।
हुआ यह कि, देवी अफ़रोडाइट उसे पसंद करने लगी थी और उसी समय
पाताल लोक की रानी पर्सेफोन भी उस से प्रेम करने लगी, हालांकि पर्सेफोन ने एडोनिस का
पालन-पोषण किया था, इस नाते वह एडोनिस की पालक मां मानी जायेगी, किंतु इस कथा में,
सभी तरह की नैतिकताओं का घनघोर उल्लंघन किया जाना स्पष्ट होता है । ससुर का बहु से
अनैतिक संबंध, दादा के पुत्र के तौर पर एडोनिस का जन्म और जन्म के पश्चात युवा
होने पर उसकी मां की रक्षक देवी अफ़रोडाइट और पाताल लोक की रानी पर्सेफोन, जोकि,
उसकी पालक मां भी कहीं जाएगी, का एडोनिस के प्रति आकर्षण किसी भी तरह से उचित नहीं
कहा जा सकता । इस प्रकरण में देवी पर्सेफोन और अफरोडाइट के मध्य युद्ध होने की
संभावना थी, जिसे देवताओं के राजा जिउस ने एक व्यवस्था के तहत समाप्त कर दिया, उसने कहा
कि एडोनिस, वर्ष का एक तिहाई समय अफ़रोडाइट के साथ और दूसरा तिहाई समय रानी पर्सेफोन
के साथ बिताएगा, इसके अतिरिक्त बचा हुआ, एक तिहाई समय जिसके साथ चाहे व्यतीत कर
सकता है ।
अतः यह कथा, बहुस्त्रीगामिता की कथा भी है, जिसे देवों के
राजा जिउस का समर्थन प्राप्त है । संबंधों में अनैतिकता का घालमेल होते हुए भी, यह
कथा अनश्वर देवियों और नश्वर मनुष्य के मध्य प्रणय का महत्वपूर्ण उदाहरण है, जिसका
समापन, जंगली सूकर के हमले से घायल एडोनिस की मृत्यु के पश्चात् एडोनिस के रक्त और
अफरोडाइट के आंसुओं के मिल जाने और एडोनिस के एनीमोन का फूल बन जाने पर होता है,
वैसे भी वो एक दरख़्त से पैदा हुआ था...