प्रेम संबंधों में नेरीटिस को खो चुकी, अफ़रोडाइट ने युद्ध
के देवता एरेस से टूट कर प्यार किया, यहां तक कि, देवताओं के संकट समय में देवी हेरा
को बचाने के लिए उसे, उसकी अनिच्छा के बावजूद हेरा के पुत्र अपंग हेफ़िस्टोस से
ब्याह करना पड़ा, तब भी वह एरेस को चाहती थी । हुआ यह कि, एक दिन एरेस युद्ध के मैदान से एक
मजबूत भाला लेकर आया और अफ़रोडाइट के दिव्य पुत्र इरोस के नन्हें हथियार पर हास परिहास
करने लगा । तब इरोस ने एरेस से कहा कि आप मेरे भाले को लेकर देखें, यह भी भारी है
और इसे आजमायें । दिव्य बालक के मुंह से ऐसा सुनते हुए एरेस ने उसका भाला अपने
हाथों में लिया और कहा, अरे यह तो मेरे भाले
से भी अधिक भारी है, इसे मुझसे वापस ले लो । इसे तुम ही रखो । एरेस के इस तरह व्यवहार
ने अफ़रोडाइट के मन में एरेस के प्रति रूमानियत का बीज बो दिया । लेकिन अफ़रोडाइट एरेस
साथ प्रणय संबंधों को धरातल पर भी नहीं ला पाई और उससे पहले उसे, देवताओं की रानी
और जिउस की पत्नी हेरा की सुरक्षा और मुक्ति के लिए, हेफ़िस्टोस से ब्याह करना पड़ा,
यूं तो अफ़रोडाइट और हेफ़िस्टोस के दरम्यान औपचारिक रूप से वैवाहिक संबंध था लेकिन
सभी देवता जानते थे कि, अफ़रोडाइट एरेस से प्रेम करती थी और उसने हेफ़िस्टोस से
देवलोक की व्यवस्था बनाए रखने के लिए मजबूरन ब्याह कर लिया है ।
देवलोक की व्यवस्था के नाम पर अफरोडाइट ने भले ही हेफ़िस्टोस
से ब्याह कर लिया और उसके साथ पत्नी की
तरह से यौन संबंध भी बनाए और उसे यह एहसास भी कराया कि, वो जिन सुखों के लिए वर्षों
से तरसा है, उन सुखों की अनुभूति उसे अफरोडाइट के माध्यम से हो रही है, लेकिन
अफ़रोडाइट के मन में विवाह से पहले भी एरेस का प्रेम प्रथम था और ब्याह के बाद भी
बना रहा । वह गुप्त रूप से एरेस के साथ अपने संबंधों को बनाए रख रही थी । शुरू में
हेफ़िस्टोस को पता नहीं चला, लेकिन बाद में अनेकों देवताओं ने देखा कि अफ़रोडाइट और
एरेस, प्रेम के नाम पर कामुकता की तमाम हदें पार कर रहे हैं , जबकि अफ़रोडाइट का
पति हेफ़िस्टोस शिल्पियों का देवता है । उसने अफ़रोडाइट से आधिकारिक रूप से ब्याह
किया और यह सोचा कि, उसके ब्याह के चलते एरेस उससे पिछड़ गया है, लेकिन ऐसा हुआ
नहीं । कहते हैं कि, एरेस और अफ़रोडाइट के
यौन आलिंगन ने हरमोनिया को जन्म दिया, लेकिन अफ़रोडाइट के विवाहेत्तर संबंधों के
उजागर हो जाने से अफ़रोडाइट और हेफ़िस्टोस के बीच ब्याह के लंबे चलने की संभावनाएं
खत्म हो गई थी ।
हुआ यह कि, शिल्पी देव हेफ़िस्टोस ने उन दोनों को अपनी शिल्प कला के
जरिए रंगे हाथों पकड़ लिया था फिर उसने अपने पिता जिउस को चिल्लाकर कहा कि देखो, यह तुम्हारा आशीर्वाद है,
जो अफ़रोडाइट का ब्याह मुझसे हुआ है, किंतु वह युद्ध के देवता एरेस के साथ रंगरेलियां मना रही है । आओ पिता । तुम
देखो । अब मुझे अफरोडाइट के साथ आगे का
जीवन व्यतीत नहीं करना है । हेफ़िस्टोस, जिउस से कहता है कि, देखो यह तुम्हारा
उपहार है । जिसमें अफ़रोडाइट मेरे लिए समर्पित नहीं है, क्योंकि मैं जन्म से अपंग
हूं और वह विनाशकारी एरेस, सुंदर और स्वस्थ है, तो मेरी पत्नी का समर्पण उसके लिए
है । वह मुझसे ब्याह कर चुकी है, इसके बावजूद उसने मेरी सहनशीलता का उपहास किया है
और मेरे होते हुए भी एरेस से विवाहेत्तर संबंध बनाये हैं । मेरा अपंग होना, मेरा
अपना दोष नहीं है बल्कि यह मेरे माता-पिता का दोष है । काश उन्होंने मुझे कभी जन्म
ही ना दिया होता । अब सभी देवता कहें कि, इन दोनों प्रेमियों को, मेरे ही बिस्तर
पर गले लगते देख कर मेरा मन कितना व्याकुल हो जाता होगा ?
अफ़रोडाइट की इच्छा
मेरे साथ विवाह संबंधों के स्वस्थ निर्वहन की नहीं है, अतः मैं अफ़रोडाइट से
मुक्ति चाहता हूं और दुष्ट एरेस को मेरी जंजीरें, मेरे बंधन, तब तक जकड़ कर रखेंगे
जब तक कि, मेरे पिता जिउस, मुझे उन सभी उपहारों को वापस नहीं दिला देते जो मैंने
अफ़रोडाइट को ब्याह के समय दिए थे । वो कहता है कि, अफ़रोडाइट के पास सुंदरता है
लेकिन शर्म की कोई भावना नहीं है । हेफ़िस्टोस रोता भी है और चिल्लाता भी । यह पहला
अवसर था जबकि सामर्थ्यवान देवता एरेस को अफ़रोडाइट के शिल्पी पति ने बंधनों में
बांध दिया था और सार्वजनिक रूप से उन दोनों की भर्त्सना की थी । बहरहाल एरेस और अफ़रोडाइट
के विवाहेत्तर संबंधों ने अफ़रोडाइट और हेफ़िस्टोस के बीच वैवाहिक संबंधों के, परित्यक्त
संबंधों में बदलने की परिस्थितियां पैदा कर दीं । हेफ़िस्टोस से तलाक हो जाने के
पश्चात, अफ़रोडाइट पूरी तरह से एरेस को समर्पित हो गई थी, किंतु एरेस और अफरोडाइट
के बच्चों को यह कहा जाता था कि, आप सब, अफ़रोडाइट के क्रूर बच्चे हैं, जिनका पिता
एरेस है । अफ़रोडाइट के बिस्तर का साथी एरेस
। जिसके लिए अफ़रोडाइट ने अपने पति से गद्दारी की ।
हालांकि अफ़रोडाइट और एरेस के संबंधों के दरम्यान इस तरह की
निंदा और कानाफूसियों की कोई जगह नहीं थी और उनका प्रेम, सभी देवताओं को मुंह
चिढाने जैसा बना रहा । कहते हैं कि, एक बार देव लोक जैसे रमणीय और शांत स्थल पर
अफ़रोडाइट अपने पति एरेस के कठोर आलिंगन के दौरान बेहोश हो गई थी । एरेस खयाल था
कि, अफ़रोडाइट से उसको, उसके जैसे सामर्थ्यवान बच्चे मिलेंगे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं ।
अफ़रोडाइट, नेरीटिस से प्रेम संबंध टूटने के उपरांत, युद्ध
के देवता एरेस से प्रेम करने लगी । भले ही इस अवधि में उसे देवलोक की व्यवस्था-जन्य
कारणों से महान शिल्पी हेफिस्टोस से ब्याह करना पड़ा, किंतु उसने एरेस से अपने प्रेम
संबंधों का परित्याग नहीं किया और वैवाहिक वर्जनाओं के उल्लंघन के कारण एरेस और
उसकी बहुत बदनामी भी हुई, क्योंकि हेफिस्टोस ने, एरेस को अफ़रोडाइट से विवाहेत्तर
संबंध को रखने की सजा बतौर बंदी बना लिया था और वह बड़ी मुश्किल से इन बंधनों से मुक्त
हो पाया था । एरेस को अफ़रोडाइट का मुख्य प्रेम माना जाता है, हालांकि इस प्रेम की
शुरुआत कुछ इस तरह से हुई कि वह, अफ़रोडाइट के दिव्य पुत्र इरोस के साथ हास परिहास
करते हुए, उसके भाले को अपने भाले से बेहतर बताता है, तभी अफ़रोडाइट के मन में एरेस
के प्रति रोमान का भाव पल्लवित होता है । संभव है कि, एरेस का युद्ध का देवता होना
अथवा सामर्थ्यशाली और सुन्दर होना भी इसकी पृष्ठभूमि में निहित कारक हो ।
बहरहाल एरेस, अफ़रोडाइट के प्रेम में, देवत्व की सारी हदों
को पार करते हुए, हेफिस्टोस और अफ़रोडाइट के वैवाहिक जीवन को बर्बाद कर देता है,
यद्यपि इस कृत्य में एरेस के जितना ही, अफ़रोडाइट को भी दोषी माना जाना चाहिए, हेफिस्टोस
से वैवाहिक संबंधों के विच्छेद के उपरांत अफ़रोडाइट और एरेस निर्बाध रूप से प्रणय
संबंधों में लीन हो गए, लेकिन हेफिस्टोस और अफरोडाइट के प्रकरण में हुई बदनामी के
उपरांत, उन दोनों के प्रेम संबंधों की परिणति के रूप में जिन बच्चों ने जन्म लिया
वे एरेस द्वारा, चाहे गए, सुंदर और स्वस्थ बच्चे नहीं थे, बल्कि देवलोक में उनका
उपहास उड़ाया जाता और कहा जाता कि तुम लोग, मर्यादाहीन अफरोडाइट की संतान हो, तुम्हारा
पिता एरेस है जो, अफ़रोडाइट की कामुकता का साथी है । लेकिन अफ़रोडाइट और एरेस, इस
तरह की निंदा, कानाफूसियों और बदनामियों को नज़र अंदाज़ करते हुए, अपने प्रेम
संबंधों को जीते रहे...