मिस्र के फिरौन सम्राट, रामसेस महान ने ईसा से 1312 साल
पहले नेफरतारी से विवाह किया था और उसकी लगभग दो सौ पत्नियों में से नेफरतारी
मुख्य रानी थी, पत्नी थी । असल में रामसेस महान के हरम में उसकी सभी पत्नियों में
से, आठ रानियां मुख्य थीं, जिनमें सबसे पहला स्थान नेफरतारी का था ।
रामसेस महान से ब्याह के फौरन बाद रानी नेफरतारी ने रामसेस महान के ग्याहरवें
उत्तराधिकारियों में से सबसे पहले उत्तराधिकारी को जन्म दिया । रामसेस महान नेफरतारी
से इतना ज्यादा प्रभावित था कि, वो कहता कि, मेरा प्यार बेमिसाल है, अन्य कोई इसके
मुकाबले में नहीं है, नेफरतारी दुनिया की सबसे खूबसूरत महिला है, जिसने मेरा दिल
चुरा लिया है । फिरौन रामसेस महान के हरम में पत्नियों की भरमार थी, लेकिन नेफरतारी
उसकी परम प्रिय पत्नी थी ।
रामसेस महान ने अपने जीते जी अपनी और अपनी प्रिय पत्नी के
शानदार मकबरे की कल्पना की थी और उसने मकबरे के निर्माणकर्ताओं, वास्तुकारों और
कलाकारों को यह निर्देश दिया था कि, नेफरतारी हर तरह से उसके समान महत्व की है, ऐसा
मानकर मकबरे का निर्माण किया जाए । यही वजह है कि, नेफरतारी और रामसेस महान के
मकबरे और उनकी प्रतिमायें आज भी भव्य और खूबसूरत हैं, जोकि मिस्र की पुरातात्विक
धरोहर का अनूठा उपहार हैं । यह मिस्र के फिरौन राजाओं की परंपरा थी कि, वे स्वयं
की अमरता के लिए अपने जीते जी अपने भव्य मकबरों का निर्माण करवाते थे, जहां पर
उनकी मृत्यु के उपरांत, उनके ममीकृत शरीर संरक्षित रखे जाते थे, ताकि वे उचित समय
पर पुनर्जीवित हो सकें और पुनः अपनी देह का इस्तेमाल कर सकें।
उसने, नेफरतारी के लिए, मृत्यु पूर्व मकबरा बनवाने से पहले
अपने समकक्ष ऊंचाई और समान सजधज की मूर्ति बनाने की व्यवस्था की थी । रामसेस महान
मानता था कि, नेफरतारी का मंदिर भव्य होगा, जोकि मिस्र की वास्तुकला में गिने-चुने
उदाहरण में से एक होगा । पुरुष प्रधान समाज में अपनी पत्नी के लिए इतना गहन प्रेम
और उसकी मृत्यु के बाद उसके महत्त्व को अपने जैसा रखने की व्यवस्था करके रामसेस
महान ने यह सिद्ध कर दिया कि, वह नेफरतारी के प्रति अत्यधिक समर्पित था ।
पुरुष प्रधान समाज में सत्ता के शीर्ष पर बैठे फिरौन सम्राट
रामसेस महान की दो सौ पत्नियां, उसकी कामुकता और मिस्र में पुरुषों के मुकाबले
स्त्रियों की हीनदशाओं का स्पष्ट संकेत देती है । वह मिस्र के ख्यातनाम फिरौन सम्राटों
में से एक था। उसने तत्कालीन मिस्री समाज में प्रचलित परंपरा के अनुसार बहुस्त्रीगामिता
और हरम में अनेकों पत्नियां रखने की परंपरा का पालन किया, लेकिन इनमें से उसे आठ पत्नियां
विशेष प्रिय थीं, और उनमें से सर्वाधिक प्रिय नेफरतारी थी । उसने अपने जीते जी
अपने और नेफरतारी के भविष्य की योजना तैयार कर रखी थी कि, मृत्यु के उपरांत वे
दोनों फिर से जी उठेंगे । इसलिए उसने
दोनों के लिए समान महत्व, समान ऊंचाई और समान सौंदर्य मानकों से सुसज्जित प्रतिमाएं
तैयार करवाईं और मकबरे बनवाएं । असल में रामसेस या नेफरतारी के जन्म और दैनिक
जीवनचर्या के बारे में तथ्यगत जानकारियों का विलोप हो चुका है ।
फिर भी मृत्यु के बाद, उन दोनों के मकबरों से प्राप्त
वास्तुकला की निशानियां, यह स्पष्ट करती हैं कि, रामसेस महान, नेफरतारी से किस कदर प्रेम करता था । जब मिस्र
में पुरुषों की तुलना में बनाई गई, स्त्री प्रतिमाओं की ऊंचाई कम हुआ करती थी, उस
समय फिरौन रामसेस महान ने नेफरतारी की प्रतिमा अपने समान कद में बनवाई, जिससे
स्पष्ट होता है कि, वह नेफरतारी से कितना प्रभावित था । हम जानते हैं कि रामसेस महान
की प्रिय पत्नी नेफरतारी का पूरा नाम नेफरतारी मेरिमुट था, जिसमें से, नेफरतारी से
आशय, सुंदर साथी और मेरिमुट का अर्थ है, मातृ देवी मुट की प्रिया । रामसेस महान और
उसकी पत्नी की प्रेम कथा, इतिहास के बजाय मिथकों में भले ही कही जाती हो, लेकिन
उनका प्रेम अद्भुत था । मिस्री समाज में प्रेम के ऐसे अनेकों प्रकरण मिलते हैं,
किंतु सम्राट रामसेस महान और नेफरतारी के प्रेम के इस आख्यान को, उनमें से
सर्वाधिक प्रचलित आख्यान माना जा सकता है। कहते हैं, यदि आप प्रेम में हों, तो
आपका सिर, पूज्यनीय देवताओं से पहले प्रियतमा के आगे ही झुकेगा...