ये ब्रह्माण्ड
भले ही मैं बिछ जाता हूं
तुम्हारे संकेत मात्र से
किंतु एक दिन
ये ब्रह्माण्ड
मेरे चुम्बनों की ध्वनि से भर जाएगा !
हिमनद पिघल रहे हैं
इन दिनों
तुम्हारा ख्याल
अनछुई गुनगुन तपिश सा
अन्दर अनंत
हिमनद पिघल रहे हैं
ज़रूर कुछ
बस्तियां डूब जायेंगी !
समंदर हिल्लोरे मारने लगा
आह उस दिन तुम
बेकली से मुझ तक दौड़ीं
पर्वत हिल उट्ठे
धरती थर्राई
और मेरे अन्दर
समंदर हिल्लोरे मारने लगा !
तुम कोई जादूगरनी हो !
इब्नें मरियम
भी नहीं
कोई पयम्बर
भी नहीं
तुमसे उम्मीद
कि जी उठता हूँ
तुम कोई जादूगरनी हो !
इब्नें मरियम
भी नहीं
कोई पयम्बर
भी नहीं
तुमसे उम्मीद
कि जी उठता हूँ
( तारे टूटने से पहले के प्रेम गीत )