पोसीडॉन पाताल लोक का देवता है, जो कभी किसी भी बात पर
नाराज और खुश हो सकता है । यह उसके मूड पर निर्भर है कि, धरती पर कब सुनामी या
भूकंप आ जाए । देवलोक का राजा जिउस उसका भाई है, जिसे फ़िक्र थी ,कि किस प्रकार से
पोसीडॉन को शांत और खुशहाल रखा जाए । उसने सोचा अगर पोसीडॉन का विवाह कर दिया जाए
तो इससे उसके स्वभाव में फर्क पड़ेगा । उसने समुद्र के देवता नेरेस से कहा कि, वो
अपनी पुत्रियों में से किसी एक का ब्याह पोसीडॉन के साथ कर दे । नेरेस, जिउस के इस
प्रस्ताव से बेहद प्रसन्न हुआ । संयोगवश पोसीडॉन ने नेरेस की एक पुत्री एम्फीट्राईटी
को समुद्र में नाचते गाते, अठखेलियां करते हुए देखा था । वो उस पर मुग्ध हो गया था
फिर उसने सोचा कि, उसे अप्सरा एम्फीट्राईटी से ब्याह करना चाहिए, एम्फीट्राईटी से
ब्याह की उत्सुकता वश उसने हडबडी से काम लिया ।
बहरहाल जिउस और नेरेस द्वारा संयुक्त रूप से तय समय पर
नेरेस की सभी पुत्रियां पोसीडॉन के सामने उपस्थित हुईं, लेकिन पोसीडॉन ने कहा वो एम्फीट्राईटी
से ब्याह करेगा। एम्फीट्राईटी उसके
व्यवहार को लेकर पहले भी खुश नहीं थी, उसने पोसीडॉन से ब्याह करने से साफ़ इनकार कर
दिया और समुद्र की असीम गहराई में छुप गयी । पोसीडॉन, एम्फीट्राईटी की अस्वीकृति
से बेहद नाराज था और उसने समुद्र के चप्पे चप्पे की खोज करवाई, लेकिन एम्फीट्राईटी,
उसे कहीं नहीं मिली, इधर देवता जिउस भी एम्फीट्राईटी
की मां से कहता है कि, वो अपनी पुत्री को ढूंढ निकाले । इस घटना के बाद पोसीडॉन का गुस्सा तो बढ़ रहा था,
लेकिन वो हतोत्साहित नहीं हुआ । उसने अपनी सबसे वफादार डालफिन को एम्फीट्राईटी को
खोजने और समझा बुझा कर वापस लाने के लिए भेजा ।
डालफिन ने एम्फीट्राईटी को खोज निकाला और उसे समझाया कि,
पोसीडॉन बुरा देवता नहीं है और वो एम्फीट्राईटी को अत्यधिक प्रेम करता है । उसने
यह भी कहा कि, देवता जिउस और एम्फीट्राईटी के पालक इस ब्याह के लिए सहमत हैं । अंतत: डालफिन की मेहनत रंग लाई और एम्फीट्राईटी,
पोसीडॉन से ब्याह के लिए राजी होकर वापस आ गयी । पोसीडॉन अपनी वफादार डालफिन के इस कारनामे से
अत्यधिक प्रसन्न था, इसलिए, नेपच्यून ग्रह की हैसियत से, उसने डालफिन की छवि को अपने
नक्षत्र मंडल में स्थान दिया, फिर एम्फीट्राईटी और पोसीडॉन का ब्याह हुआ । वे सुख
पूर्वक समय व्यतीत करने लगे । इस ब्याह से समुद्र देवता, प्रशासित क्षेत्र में
शांति हुई और पाताल लोक के देवता का स्वभाव भी अस्थिर न रहा, कालांतर में उन्हें
अपने प्रणय जीवन का फल भी मिला। एक पुत्र ट्राईटन और दूसरी पुत्री रोड्स ।
यह आख्यान, अन्धकार यानि कि, पाताल लोक के देवता की
स्वभावगत उग्रता की ओर संकेत करता है, जोकि प्रेम के अभाव में अस्थिर चित्त है,
गुस्सैल है । किसी युवा पुरुष अथवा देवता के अस्थिर चित्त की शांति का एक उपाय इस
कथा से प्रकटित होता है कि, एकाकी युवा, देवता को प्रेम में होना चाहिए, अस्तु उसका
ब्याह कर दिया जाए । देवता जिउस ने सोचा कि, स्त्रियों का सानिध्य,सहवास, बीमार को
शिफा देता है,तो उसने ये उपाय अपने क्रोधी भाई के लिए आजमाया । नि:संदेह बात बात
पर क्रोधित होना एक बीमारी ही है, जिससे व्यवस्था असंतुलित होती है, चाहे वह धरती
की हो, समुद्र अथवा देवलोक की । पोसीडॉन की मनःअशांति को दर्शाने के लिए, समुद्र
और धरती में सुनामी तथा भूकंप के प्रातीतिक संकेत दिए गए हैं । आख्यान कहता है कि, अगर देवता अशांत है तो
समुद्र और धरती भी अशांत रहेंगे । अतः
स्त्रियां और उनका प्रेम, देवलोक, पाताल लोक, धरती में जल थल या फिर देवताओं के
चित्त में व्यापित, अशांति का निवारण कर सकता है, यह तथ्य देवता के राजा जिउस भी
मानते हैं ।
कथा प्रकट रूप में कहती है कि, भाई अपने भाई की चिंता करता
है, लेकिन उसका अप्रकट निहितार्थ भी है कि, देवताओं के राजा जिउस को अपने भाई के
साथ ही साथ, व्यवस्थाजन्य चिंता भी है क्योंकि, पोसीडॉन के व्यवहार से धरती और
समुद्र में अव्यवस्था, हिंसा और अस्थिरता फैल रही थी । वो पाताल लोक का प्रभारी
देव है अतः उसकी चिकित्सा अपरिहार्य है । कथनाशय यह है कि, स्त्रियों के सानिध्य
से वंचित होना, उनके प्रेम से दूरी, देवताओं को भी अयाचित असंतुलन देती है जोकि,
उनके और सृष्टि के स्वास्थ्य के लिए कदापि उचित नहीं है । मोटे तौर पर हम यह
स्वीकार कर सकते हैं कि,सृष्टि, धरती, नश्वर मनुष्य और अनश्वर देवता, सभी में,
स्त्रियां तथा उनका प्रेम पूर्णता का अपरिहार्य तत्व है । स्त्रियों के बिना सब जग
अधूरा है, व्यर्थ है, कदाचित पागलपन है । कथा कहती है कि, डालफिन,जोकि, एक
बुद्धिमान जीव है, एम्फीट्राईटी को समझाती है कि, देवता और स्वयं उसके परिजन क्या
चाहते हैं, पोसीडॉन की अस्थिरता, व्यग्रता, उग्रता का मूल कारण क्या है ?
डालफिन का समझाना, उसका बुद्धि कौशल है, एम्फीट्राईटी का
समझ जाना उसकी परिपक्वता है, जो कारणों, समस्या, के निवारण में, उसकी भूमिका के
महत्व को रेखांकित करती है । पोसीडॉन, डालफिन के उपकार के बदले में, उसे नक्षत्र
मंडल में स्थाई जगह देता है , क्रोध और अशांति से, व्यवस्था की मुक्ति के,
व्यवहारिक समर्थन के लिए, एक तरह से अमरत्व देता है । ये ब्याह देवता और अप्सरा के अमरत्व का गठबंधन
है, लेकिन डालफिन ने व्यवस्था के स्वास्थ्य लाभ के लिए , कोशिश की और अमरता अर्जित
कर ली है, सो कथा सार यह भी है कि, कोई नश्वर जीव अगर चाहे तो, अमरत्व को हासिल कर
सकता है और स्त्रियां, देवियां, कायनात का मूल एवं संतुलनकारी तत्व हैं । अगर सब
कुछ शुभ और निरंतर है, तो उनका प्रेम, इसके लिए उत्तरदाई है । धरती, पाताल या
देवलोक में । ट्राईटन, रोड्स के रूप में या फिर, आख्यानों को कहने वाले, असंख्य जन
समुदायों की शक्ल में...