गुरुवार, 29 जून 2023

आर्फियस और यूरीडाइस

 

आर्फियस और यूरीडाइस में मोहब्बत थी यूरीडाइस जो कि, एक सुंदर अप्सरा थी ।  आर्फियस, अपोलो का पुत्र था और स्वयं अपोलो ने उसे वाद्य यंत्र बजाने, विशेषकर वीणा वादन की शिक्षा दी थी आर्फियस का संगीत लोगों को मंत्रमुग्ध कर देता था और लोग चाहते थे कि, वे इसे लगातार सुनते ही रहें ।  यूरीडाइस भी आर्फियस की दीवानी थी और फिर उन दोनों ने ब्याह कर लिया और एक साथ खुशी से जिंदगी बिताने लगे, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था यूरीडाइस की सुंदरता से प्रभावित होकर एरिसस्टियस नाम के चरवाहे ने उसे बहकाने की कोशिश की, जिससे यूरीडाइस, बेहद नाराज हुई और उसने इसका आक्रामक तथा नकारात्मक जवाब दिया जब वह वहां से वापस निकल रही थी तो उस जगह पर उसे एक सांप ने काट लिया परिणामस्वरूप यूरीडाइस की मृत्यु हो गई अपनी पत्नी की मृत्यु से आर्फियस हताश, निराश और दुखी हो गया उसने पाताल लोक के देवता हेडेस से प्रार्थना की कि, वो उसका संगीत सुन लें उसके संगीत को सुनकर हेडेस आनंद से भर गए और उन्होंने आर्फियस से पूछा तुम क्या चाहते हो?

आर्फियस ने कहा कि वह अपनी पत्नी यूरीडाइस को जीवित धरती पर ले जाना चाहता है । हेडेस उसके संगीत से मंत्रमुग्ध थे, अतः उन्होंने एक शर्त रखते हुए कहा कि, पाताल लोक से धरती तक जाते हुए तुम मुड़कर नहीं देखोगे तो यूरीडाइस तुम्हारे साथ धरती लोक पर चली जाएगी, लेकिन आर्फियस अपनी पत्नी को देखने का लोभ संवरण नहीं कर सका और उसने बीच रास्ते में ही मुड़कर यूरीडाइस को देखने की भूल कर दी, इसलिए हेडेस की शर्त के अनुसार वह अपनी दिवंगत पत्नी को पाताल लोक से धरती पर नहीं ला सका उसे अकेले ही धरती पर लौटना पड़ा उसने एक बार फिर से  वीणा वादन किया ताकि, वह दिव्य संगीत के माध्यम से अपनी पत्नी के साथ जुड़ सके अपनी पत्नी को धरती पर वापस नहीं ला पाने और उसकी असामयिक  मृत्यु से आर्फियस इतना दुखी था कि, उसने कसम खाई कि अब वह कभी भी, किसी से प्रेम नहीं करेगा

यह कथा कुलीन परिवारों,विशेषकर देवता और अप्सराओं के संयोग का उदघाटन करती है , लेकिन यह भी स्पष्ट करती है कि, अप्सराओं की मृत्यु हो सकती है और उन्हें मृत्यु के उपरांत, पाताल लोक जाना पड़ सकता है इस आख्यान से स्पष्ट होता है कि,आर्फियस और यूरीडाइस का प्रेम उन्हें पति-पत्नी के रूप में एक दूसरे के साथ जीवन व्यतीत करने के लिए प्रेरित करता है,किंतु सुंदर यूरीडाइस के प्रति आकर्षित चरवाहा,उसे बहकाने का यत्न करता है, जिससे नाराज होकर वह नकारात्मक प्रक्रिया देती है, किंतु घर वापस लौटते समय सांप के काट लेने से उसकी मृत्यु हो जाती है अपनी पत्नी की असामयिक मृत्यु से आर्फियस दुखी है और चाहता है कि, वह अपनी पत्नी को पाताल लोक से धरती पर वापस लाये इसके लिए वह अपने दिव्य संगीत के माध्यम से पाताल लोक के देवता हेडेस को प्रसन्न करता है और उनसे वरदान प्राप्त करता है कि, यूरीडाइस उसके साथ धरती पर वापस जा सकती है, बशर्ते पाताल लोक से धरती लोक के रास्ते के दरम्यान  ऑर्फियस अपनी पत्नी की ओर मुड़कर नहीं देखे, लेकिन यह आख्यान इन दोनों के गहन आकर्षण की बात कहता है, तो ऑर्फियस अपना लोभ संवरण नहीं कर पाता और रास्ते में ही अपनी पत्नी की ओर मुड़ कर देख लेता है, जिसकी परिणति यह होती है कि, हेडेस की शर्त भंग हो जाती है और यूरीडाइस की धरती लोक पर वापसी का प्रकरण समाप्त हो जाता है

अपनी पत्नी के वियोग में धरती पर ऑर्फियस अपने संगीत की साधना करता है और लोग उससे मंत्रमुग्ध होते रहते हैं, लेकिन वो यह सौगंध लेता है कि, अब जीवन में किसी अन्य स्त्री से प्रेम नहीं करेगा यह कथा सौंदर्य और संगीत निपुणता के पारस्परिक  आकर्षण की कथा है, जहां प्रेम, दांपत्य जीवन में प्रवेश तो करता है, किंतु परपुरुष के हस्तक्षेप के कारण, संयोग ऐसा बनता है कि, सौंदर्य अपना जीवन खो बैठता है और मृत्यु लोक जा पहुंचता है संगीत की दक्षता यह प्रयास करती है कि, सौंदर्य को जीवित ही पाताल लोक से धरती पर वापस ला सके, किंतु प्रबल आकर्षण, शर्तों की बाध्यता नहीं मानता और यही, ऑर्फियस और यूरीडाइस के प्रकरण में हुआ कि, शर्त भंग होने के कारण यूरीडाइस जीवित धरती पर नहीं लौट सकी, अंततः ऑर्फियस अपनी पत्नी के प्रति अपनी वफादारी का सबूत देता है और यह शपथ लेता है कि, वह यूरीडाइस के बाद किसी अन्य स्त्री से प्रेम नहीं करेगा । यह कथा दु:खद तो है किंतु इस कथा से यह भी स्पष्ट होता है कि, प्रेम हो, प्रेम की परिणति, दांपत्य जीवन के रूप में भी हो, लेकिन पारस्परिक वफादारी जीवित रहे, भले ही जीवन संगी सामने मौजूद हो अथवा नहीं...