बुधवार, 28 जून 2023

हेडेस और पर्सेफोन


कहते हैं कि, पाताल लोक के देवता हेडेस को प्रकृति की देवी डेमेटर की पुत्री पर्सेफोन को देखते ही प्यार हो गया था और उसने अपने भाई, देवलोक के राजा जिउस से सहायता की मांग की और यह तय हुआ कि, वह पर्सेफोन का सुनियोजित अपहरण करेंगे।अपहरण के बाद पर्सेफोन को, पाताल लोक ले जाया गया और हेडेस ने उसे अपनी पत्नी बना लिया हालांकि पर्सेफोन शुरू में बहुत दुखी थी, लेकिन कालांतर में उसे हेडेस से प्रेम हो गया । हुआ ये कि, एक सुबह देवी डेमेटर धरती पर उतरी, उसने अपनी पुत्री पर्सेफोन को खेलने के लिए नेरीडस और नायड, सायन आदि के साथ खेलने छोड़ दिया, जोकि नदियों, झरनों और झीलों के मीठे पानी की अप्सराएं थीं ।  डेमेटर धरती पर अपनी फसलों की देखभाल करने में व्यस्त हो गई, जब, पर्सेफोन अप्सराओं के साथ खेलने में व्यस्त थी, तभी उसका ध्यान घाटी के सुगंधित पीले फूलों, नार्सिसस की ओर चला गया और उसने कहा कि, अप्सराएं उसके साथ घाटी तक चले, लेकिन अप्सराएं, अगर अपने मीठे पानी के स्रोत को छोड़कर जातीं तो उनकी मृत्यु हो जाती ।

पर्सेफोन ने इन फूलों को तोड़ने की बहुत कोशिश की, जिससे उसकी शक्ति क्षीण होने लगी लेकिन नार्सिसस का फूल, अत्यधिक बल लगाने के बाद टूटा और उसका तना फिर भी धरती पर बना रहा, अचानक उसने देखा कि, तने की आकृति बढ़ने लगी है और उसमें एक छेद जैसा प्रकट हुआ, जिसे देखकर वह डर गई । अचानक उसे धरती पर एक विशाल छेद दिखाई दिया, जिसमें से घोड़ों के रथ की आवाज आई । उसने पाया कि, हेडेस उसका अपहरण करना चाहता है, उसकी चीख पुकार सुनकर, अप्सरा नायड और सायन ने उसे बचाने की कोशिश की, किंतु पाताल लोक के देवता हेडेस के सामने उनका कोई मुकाबला नहीं था । अपनी सखि पर्सेफोन के अपहरण का दुख मनाते हुए सायन के आंसू बहने लगे । जब पर्सेफोन की मां डेमेटर उस स्थान पर वापस पहुंची, जहां उसने अपनी पुत्री को छोड़ा था, तो अप्सराओं ने रोते हुए पर्सेफोन के अपहरण का हाल कहा, लेकिन वे लोग साफ साफ यह नहीं बता पाईं कि, पर्सेफोन को कौन ले गया । डेमेटर ने क्रोध में आकर सभी अप्सराओं को बदसूरत और क्रूर किस्म की महिला बनने का श्राप दे दिया, हालांकि सायन के रुदन से वह प्रभावित थी, इसलिए उसने सायन को नदी के रूप में बहने का वरदान दिया ।

इसके बाद डेमेटर पागलों की तरह से अपनी पुत्री को ढूंढने लगी, उसके हाथों में एक मशाल थी और वह पूरी पृथ्वी पर नौ लंबे दिन और नौ लंबी रात लगातार घूमती रही । अंत में उसकी भेंट जादू टोने और आत्माओं के देवता हैकेट से हुई,जिसने उसे सूर्य देव हेलिओस से मदद मांगने को कहा । हेलिओस ने डेमेटर को बताया कि, किस तरह से हेडेस ने पर्सेफोन को पाताल लोक में खींच लिया है । डेमेटर ने हेडेस से अनुरोध किया कि, वह जवान पर्सेफोन को पाताल लोक में ना रखे, बल्कि उसे धरती पर रहने के लिए वापस भेज दे, जिसने अपने भाई जिउस से चर्चा की और यह तय किया कि पर्सेफोन  शुरू के छह माह तक धरती पर रहेगी और बाकी के छै माह पाताल लोक में । लिए गए निर्णय के अनुसार पर्सेफोन को अनार के बीज खाने के लिए कहा गया, जिसके अनुसार उसे छै माह के लिए, पाताल लोक में लौटने की शर्त को मानना था और शेष समय अपनी मां डेमेटर के साथ व्यतीत कर सकती थी । बहरहाल जब भी पर्सेफोन पाताल लोक को छोड़कर धरती पर आती है तो यह समय धरती पर वसंत का समय होता है और जब वापस पाताल लोक चली जाती है तो, उस समय धरती पर सर्दी की ऋतु होती है । पर्सेफोन का वापस आना ग्रीस राष्ट्र में महान उत्सव के अवसर देता है और यह भी कहता है कि, पर्सेफोन को जिउस और हेडेस की शर्तों के अनुसार, छै माह हेडेस की रानी की तरह से पाताल लोक में बिताना है...

यह ग्रीक की अद्भुत कथा है, जिसके अनुसार पर्सेफोन प्रकृति की देवी डेमेटर की पुत्री है जो, धरती पर हरियाली और फसलों की देख रेख करने वाली देवी है । जब वह अपनी पुत्री को लेकर धरती पर आती है तो अपनी फसलों के निरीक्षण के समय अपनी पुत्री को मीठे पानी की अप्सराओं के हवाले कर के काम से चली जाती है और अपहरण का सारा घटनाक्रम उसकी अनुपस्थिति में घटता है । यह एक पक्षीय प्रेम है । पाताल लोक का देवता, अपनी तुष्टि के लिए पर्सेफोन का अपहरण करता है और पर्सेफोन पाताल लोक पर जाने तथा अपहरण और विवाह  हो जाने के, लंबे समय के बाद हेडेस से प्रेम कर पाती है । नि:संदेह ये ब्याह हो जाने के उपरांत का प्रेम है । जो शुरुआती दौर में केवल हेडेस का प्रेम था । हेडेस ने अपने प्रेम के लिए, अपने भाई देवता जिउस से मदद ली और वे दोनों, इस अपहरण के मुख्य षडयंत्रकारी थे, जबकि, पर्सेफोन की धरती वापसी के समय वे दोनों, निर्णायक भी बन गए कि, पर्सेफोन अपनी मां के पास केवल छै माह रह सकेगी और उसे अगले छै माह अपने पति हेडेस के साथ गुजारना होंगे ।

अपहरण के समय कमनीय अप्सराएं शक्तिशाली हेडेस का मुकाबला करके पर्सेफोन को बचा नहीं सकीं और वे यह संकेत देने में भी असफल रहीं  कि, पर्सेफोन का अपहरण किसने किया ? केवल सायन ही ऐसी अप्सरा थी जो, हेडेस से मुकाबला तो नहीं कर सकी, लेकिन वह अपनी जिम्मेदारी में असफल रहने के कारण शोकाकुल रही । अतः उसके आंसुओं का एक नदी के रूप में बदल जाने का कथन शानदार है, जबकि अन्य अप्सराओं को क्रूर तथा बदसूरत स्त्रियों के तौर पर जीवन गुजारने का श्राप मिलता है । एक उल्लेखनीय कथन यह भी है कि वे, पर्सेफोन की मदद के लिए, उसके साथ फूलों की घाटी पर नहीं गईं थी, क्योंकि उनके जीवन का स्रोत मीठा जल था, जिससे दूर जाने पर स्वयं उनकी मृत्यु का संकट उनके सामने खड़ा हो जाता, बहरहाल उन्होंने, अपनी मृत्यु तो टाल दी, लेकिन क्रूर और बदसूरत स्त्रियों का जीवन जीने के लिए अभिशापित हो गई ।

जहां पर्सेफोन की मां पूरी धरती पर मशाल की नन्ही रोशनी में अपनी पुत्री को ढूंढती फिरती है । वहीं उसे जादू टोने के देवता के माध्यम से असीमित रोशनी के देवता सूर्य की मदद मिलती है । यद्यपि वो अपनी पुत्री की, धरती पर शत प्रतिशत वापसी तो नहीं करवा पाती, लेकिन धरती और पाताल के बीच यानि कि, धरती के सामान्य नागरिकों और पर्सीफोन के पति देवता हेडेस, के बीच समय को दो हिस्सों में जरूर बांट पाती है । पर्सेफोन का धरती पर आगमन, वसंत ऋतु और त्योहारों का समय है, जबकि धरती से उसकी विदाई के उपरान्त पाताल लोक यानि कि, प्रतीकात्मक रूप अन्धकार के देवता हेडेस के साथ गुजारने का काल, धरती पर शीत ऋतु का समय है...