अजीब से
नाम वाले इस परिंदे को भारत में कठफोड़वा और दुनिया की दूसरी जगहों में हुदहुद भी कहते हैं ! अरबी मिथकों में इसका उल्लेख बोध-प्राप्त यानि कि इल्हाम-शुद परिंदे के तौर पर
किया जाता है ! मान्यता यह भी है कि इसे निदानात्मक तथा पानी को दिव्यता प्रदान करने
वाली शक्तियां प्राप्त हैं ! कहते हैं कि राजा सुलेमान ने इसके पंखों को एकत्रित
करके तपते रेगिस्तान में अपने लिए छायादार पनाहगाह बनाई थी ! एक धारणा यह भी है कि
युवा हुपु, अपने बूढ़े और निर्बल हुपु
सम्बन्धियों की ख़ास फ़िक्र करते है ! यूरोपीय मिथक के अनुसार हुपु को ईश्वर ने ख़ास तौर
पर सृजित किया और उसके खाने के लिए वो तमाम चीजें बनाईं, जिन्हे परिंदे पसंद करते हैं, लेकिन हूपु ने वो सब
खाने से इंकार कर दिया, जिससे रुष्ट होकर ईश्वर ने उसे दंड स्वरूप अन्य जानवरों के
मल में से भोजन प्राप्त करने हेतु अभिशापित कर दिया...