गतांक से आगे...
अन्य किन्नर पुरोहित ढ़ोल की आवाज़ सुनकर आतंकित हो गये,
उन्हें पता था कि राजा नाराम-सिन् उस दिन अपने कक्ष में नहीं था । वे जानते थे कि ढ़ोल की अजीब आवाज़ नाराम-सिन् के
ढ़ोल बजाने का परिणाम नहीं है । उन्होंने
राजा नाराम-सिन् को घटनाक्रम की खबर भेज दी । खबर मिलते ही राजा मंदिर परिसर में वापस आया और
ढ़ोल को फटा देखकर शेर की तरह से गरजा क्योंकि उसके बिना उसकी प्रार्थना पूर्ण नहीं
हो सकती थी । उसने दोनों शैतान, किन्नर
किशोरों को पकड़ा और खींच कर देवी की वेदिका में, उनकी बलि चढ़ा दी, कंठ नाल कट जाने
से उन दोनों का खून पूरी वेदी में फ़ैल गया । यही उनके अपराध का प्रायश्चित्त था । शाम को
हीबानी के वापस मंदिर परिसर में लौटने पर अन्य किन्नर पुरोहितों ने, उसे सारा
किस्सा बयान किया । हीबानी उन किशोरों को
अत्यधिक स्नेह करता था सो उसके हृदय में अथाह दुःख और बदले की भावना घर कर गई ।
वह एक सौम्य शालीन किन्नर पुरोहित था इसलिए उसने
देवी की पूजा की और राजा की सैन्य शक्ति के विषय में चिंतन किया । उसके मन में पहली बार हिंसा की भावना पनप रही थी । वो जानता था कि राजा नाराम-सिन् से मुआवजे की मांग राजा को
और भी क्रोधित कर देगी, यहां तक कि राजा अपने सैनिकों को किन्नर पुरोहितों के भगवा
परिधान और आभूषण उतारने के आदेश दे देगा, आभूषण जिन पर लिखा था, ना स्त्री और ना
ही पुरुष और उन सभी किन्नर पुरोहितों को दर दर भटकने की नौबत आ जायेगी । हीबानी यह भी जानता था कि उन्हें संगसार भी किया
जा सकता है । स्वर्ग के राजा पिता एन ने
धरती का संविधान बनाते समय तय किया था कि जब तक किन्नर देवताओं के पवित्र चंवर
डुलाते रहेंगे,उन्हें दैवीय संरक्षण प्राप्त होता रहेगा अन्यथा देवता और मनुष्य
उन्हें, अप्राकृतिक कौतुक में, गिनने लग जायेंगे यहां तक कि उन्हें मत्स्य दैत्य
प्रदेश में मृत्यु दंड के लिये भेज दिया जाएगा ।
हीबानी एक एक करके, मंदिर परिसर में रहने वाले सभी
पैगम्बरों / धार्मिकों के पास गया । उसने
उनसे कहा, कि वे सभी राजा के विरुद्ध ईश्वर से न्याय की मांग में, उसकी सहायता
करें । उन्होंने कहा, तुम स्वयं देवी
इन्नाना के कृपापात्र हो अतः उनसे यह मांग तुम ही करो । इस पर हीबानी ने कहा, इन्नाना एक सौम्य देवी है,
वो सम्पूर्ण मानवता को पोषित करती है इसलिए बदले की प्रार्थना को स्वीकार नहीं
करेगी ।उसके न्याय में आंख के बादले आंख, दांत के बदले दांत, जीवन के बादले जीवन, सम्मिलित नहीं है इसीलिए मैं आप सब से
सहायता मांगने आया हूं । क्या आप युद्ध
में सहायक देवता निनुर्ता या एंलिल से प्रार्थना नहीं कर सकते या फिर पिता एन से
दुआ नहीं कर सकते कि उनके द्वारा दिये गये आदेश को कोई अन्य कैसे संशोधित कर सकता
है? स्वर्ग के राजा एन, जो न्याय को
तौलते हैं। ... ...क्रमशः