गुरुवार, 7 जून 2018

किन्नर - 9

बंध्याकरण के अन्य विवरणों / दृष्टान्तों की तुलना में यह प्रकरण विलक्षण है, क्योंकि थामस कॉर्बेट की पत्नि की मृत्यु प्रसव के दौरान हो गई थी और विधुर थामस कॉर्बेट ने गणिकाओं की लालसा के पाप से बचने के लिये स्वयं ही कैंची की सहायता से अपने अंडकोष बाहर निकाल दिये थे । यह एक असाधारण निर्णय था, जिसके अंतर्गत एक आध्यात्मिक, धार्मिक स्वभाव वाला व्यक्ति अपनी पत्नि के अतिरिक्त किसी अन्य स्त्री से यौन सम्बन्ध नहीं रखना चाहता था, बल्कि ये कहना समीचीन होगा कि पत्नि से इतर यौन संबंधों की कामना तक नहीं करना चाहता । 

वैराग्य के लिये उसके दृढ़ निश्चय का प्रमाण यह है कि वो डाक्टर के पास जाकर अपने घावों की चिकित्सा कराने से पूर्व प्रार्थना सभा में सम्मिलित हुआ और उसने रात्रिकालीन भोजन भी किया । इस दृष्टान्त को बांचते समय दिल-ओ-दिमाग पर दो बातें कौंधती है, एक तो यह कि कार्बेट अपनी पत्नि से अत्यधिक प्रेम करता था और उसकी मृत्यु के उपरान्त यह अधिकार किसी अन्य स्त्री से साझा नहीं करना चाहता था, कदाचित यह उसका विशुद्ध प्रेम था, दिवंगत प्रियतमा को श्रृद्धांजलि थी, एक पत्नि व्रत का प्रकटीकरण था, प्रेम में वफादारी का साक्ष्य था ।

जबकि प्रचलित धारणा यह है कि पुरुष सामान्यतः बहु-स्त्रीगामी होता है, अस्तु कार्बेट के निर्णय में खालिस प्रेम की सुगंध है, यौन एकलनिष्ठता की अभिव्यक्ति है । इसके इतर दूसरी बात जो जेहन में आती है वो ये कि कार्बेट ने जो भी किया, धार्मिक विश्वास के अधीन किया, यानि कि यह उद्धरण, धार्मिकता द्वारा यौन संबंधों के नियमन का उद्धरण हो सकता है । स्वयं के बंध्याकरण के अतिरिक्त कार्बेट की प्रसिद्धि का एक कारण यह भी है कि उसने राष्ट्रपति लिंकन के हत्यारे जान विल्किस बूथ की हत्या की थी ।

कहते हैं कि बूथ खलिहान में छिपा हुआ था जबकि सैनिकों ने उसे चारों ओर से घेर लिया था, उस समय कार्बेट दीवाल के एक छेद से बूथ को देख सकता था सो उसने बूथ को गोली मार दी जबकि बूथ को जीवित पकड़ने के आदेश थे । इस घटना क्रम के कुछ समय बाद कार्बेट, टोपियां बनाने वाले अपने पुराने, कदाचित पैतृक व्यवसाय की ओर वापस लौट आया । कुछ लोग यह भी मानते हैं कि टोपियां बनाने वाले अन्य कामगारों / व्यवसाइयों / लोगों की तरह से उस पर भी पारे का प्रभाव दिखाई दिया था । इस व्यवसाय में पारे के उपयोग के चलते ही शायद उसमें असामान्यता / पागलपन के लक्षण दिखाई दिये थे ।