सामान्य काल 79-106 में सम्राट हे
के शासन काल में काई लुन महत्वपूर्ण किन्नर था । उन दिनों चीनी नौकरशाहों को
अत्यधिक दस्तावेजीकरण करना पड़ता था जोकि या तो महंगे रेशम अथवा बांस की पत्रियों
में किया जाता था । ऐसे में काई लुन ने
कागज़ की महत्ता को पहचाना और उसके उत्पादन की व्यवस्था का विस्तार किया । इसलिए उसका नाम कागज़ के प्रथम निर्मिति कर्ताओं में गिना
जाता था ।
हालांकि वह स्वयं इस बात को अधिक प्रचारित नहीं करता था । कुल
मिलाकर उसकी प्रसिद्धि और भाग्य, कागज़ के उत्पादन
से जुड़ा हुआ था । दुर्भाग्यवश सम्राट हे की मृत्यु के बाद उसके
उत्तराधिकारियों ने शक्तिशाली किन्नर बूढों से मुक्ति पाने में ही भलाई समझी और
काई लुन ने बंदी बनाए जाने से पूर्व ही आत्महत्या
कर ली ।
चीनी साम्राज्यों में किन्नर समुदाय सामान्यतः व्यवस्था सञ्चालन का
कार्य किया करते थे । उन दिनों सम्राट गण अनेकों कारणों से किन्नरों पर
विश्वास करते, यथा यह विश्वास कि किन्नर स्वयं की सल्तनत
स्थापित करने की नीयत नहीं रखेंगे सो वे निरापद हैं और
यह भी कि किन्नरों को साम्राज्य हर तरह से संरक्षण प्रदान करता है सो वे
स्वामीभक्ति से मुंह नहीं मोड़ेंगे, हालांकि बहुतेरे
प्रकरणों में इस तरह के विश्वास, मिथ्या साबित हो जाया
करते ।
बहरहाल काई लुन, साम्राज्य
हितैषी किन्नर था । उसने साम्राज्य के भविष्य के लिये अतीत को संरक्षित करने की
धारणा के अंतर्गत कागज़ के उत्पादन पर बल दिया । वो निज उपलब्धियों के प्रचार
का भूखा नहीं था सो यह माना जाए कि काई लुन संयम से काम लेने वाला एक सहज सामान्य
व्यक्ति था । उसकी निजी महत्वाकांक्षाएं नहीं थीं ।
उसके एजेंडे में साम्राज्य हित /
देश हित प्रमुख था । जहां काई लुन एक विवेकशील किन्नर था वहीं शाही दरबार में बूढ़े
और स्वार्थी किन्नरों का वर्चस्व था । इसीलिए सम्राट हे की मृत्यु के साथ ही, बूढ़े किन्नरों के संभावित आतंक से मुक्ति की अभिलाषा में काई लुन का
स्वप्न भंग हो गया ।