गुरुवार, 31 मई 2018

किन्नर - 2

शताब्दियों तक चीन में किन्नरों की महत्वपूर्ण भूमिकाएं प्रचलित रहीं ! न्यूनाधिक रूप से मिंग साम्राज्य(1911) के अंत तक यही प्रचलन बना रहा ! निर्धन परिवारों से लाकर किन्नर बनाये गये बच्चे कालान्तर में चीनी शाही परिवारों की सेवा करते और अक्सर शासकीय नौकरशाहों के मध्य बेहद शक्तिशाली हो जाया करते ! महल में प्रवेश पाने वाले पुरुषों की किन्नर श्रेणी को यह अधिकार सहज सुलभ था ! समरण रहे कि वेई झोंग जियान का परिवार उसे किन्नर नहीं बनाना चाहता था ! वह निर्धन जन्मा, समुचित आयु में विवाह किया और एक पुत्री का पिता भी बना किन्तु दुर्भाग्यवश, वो एक जुआरी बन कर कर्ज़दार हो गया ! कर्ज़ चुकाने के लिये बढते दबाब के कारण उसने स्वयं को बंध्याकृत करने का निर्णय लिया और सम्राट वान ली की सेवाओं में सम्मिलित हो गया, इस समय उसकी उम्र मात्र 21 वर्ष थी ! अगले तीस सालों तक उसने चतुराई पूर्वक उच्च संपर्क बनाए !


उसका सबसे अच्छा समय तब आया जब 15 वर्ष की आयु में झू यू जियाओ सम्राट बना ! कुछ ही समय पहले किन्नर वेई झोंग जियान ने झू यू जियाओ की महिला सेविका / नर्स श्रीमती के, से मित्रवत सम्बन्ध स्थापित किये थे ! आगे चलकर यही निर्णय उसके काम आया ! उसने किशोर सम्राट का ध्यान भटकाते हुए सारी शक्तियां स्वयं में केंद्रित कर लीं और एक तरह से पदेन शासक बन बैठा ! वो गोपनीय पुलिस तंत्र का निदेशक भी था अतः जो भी व्यक्ति विरोध करता उसे समाप्त कर दिया जाता ! किन्तु 21 वर्ष की आयु में सम्राट झू यू जियाओ की मृत्यु हो जाने से उसका खेल बिगड़ गया और उसने आत्म हत्या कर ली ! उसकी देह, टुकड़े टुकड़े  कर दी गई और उसके अवशेष सुदूर गांव में रखे गये ताकि दूसरे लोग इससे नसीहत लें !

 

वेई झोंग जियान के परिजन निर्धन थे किन्तु वे नहीं चाहते थे कि उनका पुत्र किन्नर बने ! किसी अन्य व्यक्ति ने भी उसे बल पूर्वक किन्नर नहीं बनाया बल्कि किन्नर बनने का निर्णय स्वयं, उसका अपना निर्णय था ! गौर तलब है कि वेई झोंग जियान एक सामान्य पुरुष था और ब्याह कर के एक पुत्री का पिता भी बना था,किन्तु विरासत में मिली निर्धनता ने उसकी मति हर ली थी! अस्तु वो तात्कालिक और लघुकृत तथा अयाचित उपायों से भी धन कमाने का इच्छुक था ! किसी मेहनतकश इंसान की तरह से धनार्जन करने की बजाये, उसने जुआ खेल कर अपनी पारिवारिक निर्धनता दूर करने का अनुचित प्रयास किया ! अर्थ-कामी उद्यम बतौर जुए की असफलता और कर्ज़ चुकाने की विवशता ने उसके अंदर बंध्याकृत हो कर शाही दरबार का संरक्षण प्राप्त करने की लालसा पैदा की ! जुआ खेलना, उसका अपना निर्णय था और किन्नर हो जाना भी !


जुआ खेलना धनार्जन का लघुकृत उपाय था जो असफल रहा ! इसी तरह से बंध्याकृत हो जाना भी शाही कृपा प्राप्त करने के लिये किया गया लघुकृत उपाय ही माना जाएगा जोकि लघु समय तक ही सफल रहा, और अन्ततोगत्वा इस तात्कालिक उपाय ने उसे आत्महत्या करने के लिये मजबूर कर दिया ! कथनाशय यह है कि मनुष्य के जीवन में लघुकृत उपाय सुफल / सफल सिद्ध हो जायें, यह बिलकुल भी आवश्यक नहीं है ! अतः इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि वेई झोंग जियान को पहले प्रयास से किन्नरत्व और दूसरे प्रयास से आत्मघात की प्राप्ति हुई ! उसने अपने परिजन त्यागे, सत्ता सुख की लालसा में सत्ता समूह के मित्र त्यागे और पाया अपनी टुकड़ा टुकड़ा मृत देह का सार्वजानिक प्रदर्शन ! वो छद्म सम्राट था जोकि वास्तविक सम्राट झू यू जियाओ की सदाशयता का लाभ उठा रहा था ! उसके हाथों में कठपुतली की डोर थी...पर कठपुतली के अंतर्ध्यान होते ही उसका तमाशा खत्म हो गया !