अरे सर आप आये नहीं , हम लोग कब से इंतज़ार कर रहे हैं ? पर मुझे कहां आना है भाई ? यहां इंटरव्यू बोर्ड में आप मेंबर हैं , हमने तो चिट्ठी भेजी थी और आज सुबह से कई बार फोन किया पर आपने उठाया ही नहीं ? लेकिन चिट्ठी तो मुझे मिली ही नहीं किसे दी ? और अपरिचित नम्बर वाले फोन मुझे क्यों उठाना चाहिये ? हमने चिट्ठी तो भेजी थी पर आपको नहीं मिली क्या ? अब तो इंटरव्यू शुरू हो रहे हैं बड़ी गडबड हो जायेगी!...भला ये क्या बात हुई आपने मेरी सम्मति ली ही नहीं और मुझे बोर्ड मेंबर बना लिया फिर चिट्ठी किसे भेजी पता नहीं , अब अचानक अभी अभी फोन सुनकर इंटरव्यू लेने पहुंच जाऊं ? वो भी अपने सारे काम काज छोड़ कर ? प्लीज सर कुछ तो कीजिये बच्चे बड़ी दूर दूर से आये हैं ! चूंकि मैं भी इस अघोरतंत्र का हिस्सा हूं , सो उनसे कहता हूं ठीक है , लगभग दो बजे तक पहुंचता हूं ! जी बेहतर है , हम आपके पैनल को दोपहर बाद में रखते हैं , आपका शुक्रिया ...
सुनो मियां आजकल कहां हो तुमको वोट क्या दिया नदारद ही हो गये ! वो स्कूल वाली सडक का क्या हुआ ?कभी एक्सीडेंट होंगे तभी दिखोगे क्या ? सर उसमें इसी महीने तारकोल पड़ जायेगा ! मैं हूं ना आप निश्चिंत रहिये ! जनप्रतिनिधि महोदय पुराने शिष्य हैं , सो वचन की थोड़ी सी विलंबित ही सही , लाज रखते हुए सड़क को पक्की करवा बैठे ! मोहल्ले वाले खुश हुए , उन्हें गोया इसी का इंतज़ार था कि सड़क कब पक्की हो ! सड़क पार से नल कनेक्शन ले लिए गये हैं और जल्दी ही शादियों में लगने वाले पंडालों और कनातों के डेढ़ फुटिए कीले भी ठोंके जायेंगे यहां पर ...
मुन्ना और मुन्नी प्रेम करने लगे ! मुन्नी छोटा मोटा काम करती थी और मुन्ना बेरोजगार ! शादी करने से पहले मुन्नी ने ससुर का घर देखने की ख्वाहिश ज़ाहिर की ! लिहाज़ा एक दिन जगदलपुर आया गया और दोनों रिक्शे में बैठ कर मुन्ना के मोहल्ले से गुज़रे , रिक्शे पर पर्दा लगा हुआ था ! मुन्ना ने रिक्शे वाले से कहा रिक्शा ज़रा तेज चलाओ डैडी जी देख लेंगे ! मुन्नी समझ गई उसने घर देख लिया था ! इसके बाद शादी हो तो गई पर मुन्नी उस घर में घुसने के लिए तरसती रही...भला कैसे घुस पाती किसी दूसरे के घर में ? मुन्नी अब लोगों के घरों में झाडू पोंछा करके बच्चे पाल रही है किन्तु उसे असमय विधवा होने का दुःख नहीं है भले ही वो देर से जान पाई कि मुन्ना हिस्ट्रीशीटर चोर / जुआरी / शराबी था ...
उसका राशन कार्ड निरस्त कर दिया गया ! वो वर्षों से बीपीएल कार्ड धारी था यानि गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने को मजबूर...समाचार सुनकर मुझे दुःख तो हुआ पर...इससे आगे...उसके पास केवल दो मंजिला मकान और दो बोलेरो गाडियां पाई गईं ! फिलहाल मैं देश की आर्थिक प्रगति पर गर्व कर सकता हूं....
नक्सलियों ने हाईवे १६ की दो पुलिया तोड़ डाली हैं ! दक्षिण बस्तर के रास्ते काट दिए हैं ! पुलिस कैम्प पर हमला किया है ! एक थाना कुछ स्कूल और कुछ पक्की बिल्डिंग्स उड़ा दी हैं वहां शायद फ़ोर्स रूकती थी ? कुछ लोगों को मुखबिरी के शक में क़त्ल कर दिया गया है ! पुलिस नें फिर से कुछ नक्सली पकडे हैं भरमार बंदूकों के साथ ...
इधर कोई उपाध्याय किसी ज़रीना को लेकर भाग गया है , वहां लीज़ा ने मनमोहन को कन्वर्ट कर लिया है और अकरम की बीबी मुसलमान हो गई है ! ...यहां सब गड्ड मड्ड हो रहा है ! समझ में नहीं आ रहा कि प्रेम जिहाद है कि फसाद ? पर ये पक्का है कि उनमें से किसी को भी प्रेम के आगे कुछ और सूझा ही नहीं होगा ...
सरकारों के होने ना होने...व्यवस्था और अव्यवस्था...नागरिकता बोध और बाधाओं...संबंधों में विश्वास और धोखे...हिंसा और अहिंसा...की धरती / रणक्षेत्र में , बहसें चलती रहेंगी ! अपने आलेख के शिल्प से बाहर...आउट आफ ट्यून्स ? प्रेम का जी उठना...उठते रहना...मुझे विश्वास देता है...एक आस जगाता है...फूल खिलते रहेंगे दुनिया में...रोज निकलेगी बात फूलों की...
अली साहब,
जवाब देंहटाएंकोलाज़ रच दिया है आज आपने।
समाज, धर्म, राजनीति सब ऐसे ही गड्डमगड्ड हुये पड़े हैं।
घूम रहे हैं आपकी रची भूल भुलैया में।
आस ही है जो जिन्दा रखे है, नहीं तो सोचने समझने वाले के मरने में कसर नहीं है।
ये फ़ूल और फ़ूलों की बातें भी जिस दिन बन्द हो गईं, सब खत्म हो जाना है उस दिन। ऐसी बातें निकलती ही रहनी चाहियें।
मुन्नी छली गई ,अफसोस !
जवाब देंहटाएंफूल खिलते रहेंगे दुनिया में...रोज निकलेगी बात फूलों की...
जवाब देंहटाएं....रंग-बिरंगे फूलों का एक गुलदस्ता सजा दिया आपने।
मुहब्बत में नही है फर्क जीने और मरने का,....
जवाब देंहटाएंहज़ारों ख्वाहिशें ऐसी की हर ख्वाहिश पे दम निकले,..
रोज निकलेगी बात फूलों की...ज़रूर निकलेगी.
फिर छिड़ी रात बात फूलों की
जवाब देंहटाएंबात है या ..
फूल खिलते रहेंगे दुनिया में
रात फूलों की बात फूलों की
फुलै फूल मात्र्पनी रइना छइना जीवन ..
बस यूँ ही हिन्दी नेपाली गीतों की पंक्तियाँ याद आ गईं।
नेपाली गाने के पाठ में मुझे ग़लती लगी, नेट पर ढूँढ़ा, गीत तो नहीं मिला - ये पंक्तियाँ मिल गईं:
वनमा फुल्यो फुलै फूल वास्ना चल्यो मनैमा
हाँसु हाँसु लाग्न थाल्यो लाली चढ्यो तनमा
कोलाज पोस्ट की टिप्पणी - फूलनुमा कोलाज।
ये पोस्ट दुखियों का भार हल्का कर सकती है ! सकारात्मक वातायनों से भरी ! या खुदा , इन वातायनों से मलय समीर आये ! मलय प्रभाव में लोग आराम से रहें , नींद भी लें बेफिक्र होकर !
जवाब देंहटाएंमुन्नी जैसे भी तो हैं जो सब कुछ होने के बाद खुश हैं !
ये महकती हुई पोस्ट , रउवा !
लफ्ज की कायनात फूलों सी |
आभार साहब !
@ समीर भाई,रमेशकेटीए जी,मो सम कौन ? भाई , भावना जी ,बेनामी जी ,नमिरा ,देवेन्द्र भाई, काजल जी , शुक्रिया !
जवाब देंहटाएं@ गिरिजेश जी ,
उन खूबसूरत पंक्तियों के लिये आभार !
@ अमरेन्द्र भाई ,
फिक्रों के दरम्यान क्या जीवन जिया भी ना जाये :)
आलेख का हर अंश सत्य घटना है मेरी कल्पना की उडान लेश मात्र भी नहीं !
एक बात जो कहना जरूरी है कि देश की करोडों मुन्नियों की तरह जी रही मुन्नी खुश नही है पर वह जिस मुन्ना से छली गई उसके लिये दुखी भी नही है ! काबिले गौर बात ये कि उसनें प्रतिकूल परिस्थितियों के सामने हथियार नहीं डाले हैं ! काम जो भी है ,जैसा भी है , उसके अस्तित्व के लिये संघर्ष का हथियार है ! मैं उसकी जिजीविषा का कायल हूं बस इसीलिये मेरी उम्मीद कभी मरती नहीं !
और भाई यहां रण क्षेत्र में, मै स्वयं भी, किसी भी समय हताहत हो सकता हूँ तो क्या इसके लिये सारी आशायें आज ही त्याग दूं :)
हम दोनों समानांतर शायद इसलिये बह रहे हैं क्योंकि आप साहित्य अनुरागी हैं और मैं समाजनुरागी तो इसमें मतभिन्नता कहां है हम दोनो केवल अपने अनुराग / अनुशासन के आग्रही हैं ! मुमकिन है कभी हमारे आग्रह किसी मोड /बिन्दु पर एक भी हो जायें !
आदर सहित !
...बेहतरीन!!!
जवाब देंहटाएं@ एक शेर याद आया ---
जवाब देंहटाएं'' तेरे चिराग अलग हों मेरे चिराग अलग
मगर उजाला तो फिर भी जुदा नहीं होता ! ''
प्रेम को समझा बखूबी आपने।
जवाब देंहटाएंबाकी सारी बातें तो बेकार हैं।
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नाग बाबा का कारनामा।
महिला खिलाड़ियों का ही क्यों होता है लिंग परीक्षण?
उम्मीद पे कायम है ये जहॉं.
जवाब देंहटाएंइस गुलदस्ते के लिए धन्यवाद भईया.
सारी निराशायें और आपाधापी ,अव्यवस्थाएं एक तरफ और फूलों की बात एक तरफ -जीवन ऐसे ही कुलाचे मारता चलता है !
जवाब देंहटाएंread on different piched ball.
जवाब देंहटाएंकमाल का लेख लिखा है!
जवाब देंहटाएंवो सुबह कभी तो आयेगी...
अब हमें फूल के आगे के बारे में भी तो बताएँ।
जवाब देंहटाएं………….
ये ब्लॉगर हैं वीर साहसी, इनको मेरा प्रणाम