जिनके ब्लाग मुझसे गुफ्तगू करते हैं , उन मित्रों से !
संभव है कुछ दिन आपको दिखाई ना दूं ...कोई टिप्पणी भी ना कर सकूं ! मुझे जहां काम हैं शायद वहां नेटवर्क नहीं होगा ! कोशिश करूंगा कि इस दौरान किसी छुट्टी के दिन आपसे सलाम दुआ कर पाऊं ! आपके नियमित पाठक बतौर मेरी गुमशुदगी को अन्यथा मत लीजियेगा !
@ देवेन्द्र भाई संयोगवश दो दिन का अवकाश है सो घर वापसी हुई , लौटते ही नेट पर ताक झांक शुरू की आपकी टिप्पणी पाकर अपनी भूल का अहसास हुआ, निश्चित ही मुझे गुमशुदगी के दिन बताना चाहिए थे ,आपका आभार ! त्रुटि सुधार कर रहा हूँ दरअसल मैं १७ मई तक सुदूर नक्सल क्षेत्र में काम पर हूँ वहां नेटवर्क की समस्या है और फोन पर बात करना भी मुहाल है बीच बीच में दो तीन दिन की छुट्टी मिलती रहेगी तो नेट पर आना अल्पकालिक ही होगा ! कहने को घर से सिर्फ २१५ किलोमीटर की दूरी...पर यात्रा में ८ घंटे लगते हैं ,सड़क मानो है ही नहीं , हाड़ तोड़ू यात्रा के बाद दो तीन दिन की छुट्टियां कैसे गुजरती होंगी आप अंदाज लगा सकते हैं :)
शुक्रिया अली भाई , अच्छा हुआ बता दिया वरना हम सदायें देते रहते और आप नहीं आते ..फिर भी आते रहिये ..
जवाब देंहटाएंधन्यवाद भईया. आपका इंतजार रहेगा.
जवाब देंहटाएंशुक्रिया!
जवाब देंहटाएंआगे इंतज़ार रहेगा.
Come soon
जवाब देंहटाएंअरे, जब गुमशुदगी निर्धारित था तो उसका वक्त भी तो निर्धारित होगा.
जवाब देंहटाएं@ देवेन्द्र भाई
जवाब देंहटाएंसंयोगवश दो दिन का अवकाश है सो घर वापसी हुई , लौटते ही नेट पर ताक झांक शुरू की आपकी टिप्पणी पाकर अपनी भूल का अहसास हुआ, निश्चित ही मुझे गुमशुदगी के दिन बताना चाहिए थे ,आपका आभार ! त्रुटि सुधार कर रहा हूँ दरअसल मैं १७ मई तक सुदूर नक्सल क्षेत्र में काम पर हूँ वहां नेटवर्क की समस्या है और फोन पर बात करना भी मुहाल है बीच बीच में दो तीन दिन की छुट्टी मिलती रहेगी तो नेट पर आना अल्पकालिक ही होगा ! कहने को घर से सिर्फ २१५ किलोमीटर की दूरी...पर यात्रा में ८ घंटे लगते हैं ,सड़क मानो है ही नहीं , हाड़ तोड़ू यात्रा के बाद दो तीन दिन की छुट्टियां कैसे गुजरती होंगी आप अंदाज लगा सकते हैं :)