शनिवार, 20 जून 2009

इस दुष्टा ने हमारी बिटिया का भाग्य बदल दिया ?

तब श्रीलंका ने पहली बार , आस्ट्रेलियाई दर्प को खंड खंड कर , क्रिकेट का विश्व कप जीता और खेल पर एशियाई दबदबे की मुहर लगा दी थी ! पिछले कई दिनों से घर और नर्सिंग होम के दरम्यान चक्कर लगाते हुए क्रिकेट की तरफ़ ध्यान ही नहीं गया पर उस दिन बिटिया का जन्म , क्रिकेट पर गोरों की बादशाहत के ख़त्म होने का शगुन जैसा लगा ! बिटिया सिजेरियन थी इसलिए कुछ दिन नर्सिंग होम में ही टिकना था ! हम सब खुश थे लेकिन मित्र द्वय की नाराजगी छुपाये न छुपती ? बार बार डाक्टर को खा जाने वाली निगाहों से घूरते ! डाक्टर हैरान और परेशान !
किस्सा कुछ यूं हुआ कि मित्र पंडित गोस्वामी और आचार्य राव ,बहुत दिनों से गणनायें करके बैठे हुए थे कि फलां फलां तिथि को ,ग्रह दशायें अत्यन्त शुभ हैं इसलिए उस दिन संतान का जन्म योगकारक है ! संयोगवश प्रसव के लिए अपेक्षित तिथि तथा उन दोनों के द्वारा निर्धारित तिथि में कोई अन्तर ना था इसलिए दोनो कहते , निश्चिंत रहिये संतान अत्यन्त भाग्यशाली है !
उस दिन डाक्टर ने मुझसे कहा , कंडीशन क्रिटिकल है स्वाभाविक प्रसव का इन्तजार उचित नहीं ? हमें आपरेशन करना होगा ! मैंने कहा ठीक है ! लिहाजा निर्धारित तिथि से एक दिन पहले बिटिया रानी धरती पर अवतरित हो गईं ! मित्र कहते हैं हमें इंतजार करना चाहिए था !
वर्षों बाद वे आज भी उस डाक्टर से रुष्ट हैं और कहते हैं ... इस दुष्टा ने  हमारी बिटिया का भाग्य बदल दिया ?

6 टिप्‍पणियां:

  1. सर्वप्रथम तो बधाईयाँ. यदि भाग्य नामकी कोई चीज है अथवा सब कुछ पूर्व निर्धारित है तो फिर उसे बदले जाने का प्रयास सफल कैसे हो सकता है. .

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  2. ज्योतिष अपनी जगह है लेकिन वास्तविकता अपनी जगह है। सही समय पर सही फैसला लेना ही समझदारी है।

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  3. मुझे इस प्रकार की बातों से हंसी आती है ..घर पर बचपन से देखती आ रही हूँ शायद इसलिए भी. नाना जी तो पंचाग देखे बिना घर से पांव नही निकालते थे ..पारम्परिक गोस्वामी परिवार में यही होता आया है. इन अंधविश्वासों का खत्म होना बहुत जरुरी है

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  4. ठीक ही तो कह्ते हैं अगर वह डाक्टर नहीं होती तो बिटिया का भाग्य अवश्य बदल गया होता..समझ रहे हैं ना आप.

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  5. बिटिया तो मजे में है ना!यदि भाग्य है तो यही भाग्य था, नहीं है तो फिर चिन्ता ही नहीं।
    घुघूती बासूती

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  6. Sir,
    i am also a student of astrology,and many a times i also think on this created situations but, i believe that in earlier times the different types of practises were conducted by the then experts like todays doctors.Astrology should not be used to this extent rather astology is a torch to see the things.So to a larger extent destiny can not be changed at its own.

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