कुछ लोग अखिल ब्रम्हांड के सभी जीवों में, ईश्वर का वास देखते हैं और सर्वव्यापी ईश्वर से प्रेम, केवल प्रेम करते हैं ! ...कुछ लोग सर्वव्यापी ईश्वर की अपेक्षा , केवल मनुष्यों से प्रेम करते हैं ! ...जबकि कुछ लोग ईश्वर को मानने का दावा तो करते हैं पर वे ईश्वर और मनुष्यों से चीन्ह चीन्ह कर प्रेम और घृणा का व्यवहार करते हैं !
कुछ लोग बहुत अच्छे ! कुछ अच्छे ! और कुछ नहीं होने के बराबर , होते है !
फिलोसोफी .....
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