"हिंद देश के निवासी सभी जन एक है ! रंग रूप और भाषा चाहे अनेक हैं !! "
कई बरस पूर्व आकाशवाणी में अक्सर यह गीत बजा करता था ! उस वक़्त गौर नहीं किया ! अब जब कि लोग धर्म के नाम पर तलवारें भांज रहे हैं तब इस गीत को सार्थक करते एक परिवार की वंशबेल प्रस्तुत है !
:: गृहस्वामी ::
पति ( सिख ) :: पत्नी ( पंजाबी सनातन धर्मी )
पुत्र ( मोना ) :: पुत्रवधु ( क्रिश्चियन )
पुत्री :: दामाद ( ब्राह्मण )
पुत्री :: दामाद ( मुस्लिम )
उल्लिखित परिवार की दूसरी पीढी के सदस्यों नें अब अपने अपने कार्यक्षेत्र में अपने अपने परिवार बसा लिए हैं किंतु इन सभी में आपसी सम्बन्ध बहुत अच्छे हैं !
हमारा परिवार भी भाँति भाँति के प्रान्तों, धर्मों, देशों के लोगों से भरा पड़ा है। किसी पर भी तलवार चलेगी तो अपने पर ही चलेगी।
जवाब देंहटाएंघुघूती बासूती
क्या वास्तव में ऐसा कोई परिवार है। यदि है, तो प्रेरणाप्रद है यह।
जवाब देंहटाएंमज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना- की अच्छी मिसाल॥
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