शनिवार, 20 दिसंबर 2008

जब से होश संभाला ........

हमने जबसे होश संभाला है , हमें ईश्वर से एक जबरदस्त शिकायत बनी हुई थी कि उसने हमें , एक साधारण किसान के परिवार में पैदा करने के बजाये किसी उच्चवर्गीय /अभिजात्य परिवार में उगने का मौका क्यों नहीं दिया !
यूँ तो हम ईश्वर के ऋणी हैं कि उसने हमें इन्सान बनाया और इज्जत दी ! मगर हमें सोते जागते शिकायत , ये बनी रही कि ! काश ईश्वर हमें किसी शक्तिशाली राजपरिवार में पैदा करता ! कुछ भी कहें , हसरतें जब भी उफान मारतीं , हम ईश्वर से शिकवा जरुर किया करते थे !
मगर अब ,जब से हमने दुनिया के सबसे ताक़तवर शख्स के जीवन भर की कमाई को टेलीविजन पर इतिहास की तरह दर्ज होते हुए देखा है ! हम ईश्वर के प्रति अपने शिकवे को लेकर बेहद शर्मिंदा हैं !
हे ईश्वर हमें क्षमा कर ! तेरा कोटिशः धन्यवाद कि तूने हमें जनसाधारण के घर पैदा किया और दूसरों को इज्जत देने का ज़ज्बा दिया ! जीवन संघर्ष का माद्दा दिया !
आखिर शक्तिशाली होने का क्या मतलब जबकि कुल कमाई केवल "एक जोड़ी " जूते हों ! जार्ज बुश के बहाने हमें "जन साधारण" होने का महत्त्व बताने के लिए हम तेरे आभारी हैं !