सोमवार, 8 दिसंबर 2008
साँस भर साँस
नहीं ऐसा नहीं !
ऐसा कुछ भी नहीं !
साँस का जीवन हम जैसा !
न तुम रुक कर चल सकतीं न मैं !
हम एक कहानी हैं !
कोई भी पढ़ लेता .........कोई भी सुन लेता है !
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