मंगलवार, 15 जुलाई 2008

जनसंचार माध्यम और उनकी सामाजिक ग्राह्यता ..2

कल हमने इस कड़ी में राष्ट्रीय समाचार पत्र का लेखा जोखा प्रस्तुत किया था आज आंचलिक समाचार पत्र से सम्बंधित जानकारी प्रस्तुत है !

मुख्य पृष्ठ  में स्थान : ख़बरों की वरीयता क्रम में :

राजनीति ....२२.२१ % , हेड लाइंस ...१४.६७ % ,नौकरशाही ..११.०८ % ,
रिक्त स्थान ...९.२५ %, विज्ञापन ...७.३९ %,
व्यापार जगत ४.६१ % ,न्यायालय ...४.५४ %,भ्रष्टाचार ...४ % ,
शिक्षा ...३.९७ %,स्वास्थ्य ...३.६३ ,नक्सल हमले ..३.५५ % ,
मृत्यु ...२.७८ % ,चोरी ...२.६४ ,बैंकिंग ...०.४३ % ,अन्य ..५.१५ %

पाठक गण :

आयु ..३० वर्ष से कम ..८४ % ,३० वर्ष से ज्यादा ..१६ %
लिंग ...पुरूष ..७६ % , स्त्री ...२४ %
शिक्षा ..उच्च शिक्षित ..४८ % , शिक्षित ..५२ %
परिवार ..छोटे ..७२ % , बड़े ...२० % ,विघटित ..८ %
पैसा ...रुपये ७००० /प्रति माह से कम ..५२ % , रुपये १३०००/प्रति माह तक ..२८ %,बेरोजगार ...२० %

समाचार पत्र पढने के वर्ष : ३ वर्षों से ..३६% , २ वर्षों से ..४४ % ,१ वर्ष से ..२० %
(इस आंचलिक की शुरुवात तीन वर्ष पूर्व ही हुई है )

समाचार पर विश्वास : हाँ .... ६० % , नहीं ....४० %
समाचार की भाषा की प्रभावशीलता :...हाँ ...६८ % ,नहीं ..३२ %



प्रस्तुत आंकडों के आधार पर निष्कर्ष आप लोग निकालें