सोमवार, 26 जून 2023

अफ़रोडाइट और पोसीडॉन


पोसीडॉन समुद्र का देवता है, उसे अक्सर धरती का पालनहार भी कहा गया है , जिसके साथ अफ़रोडाइट के अनधिकृत प्रणय प्रसंग की संक्षिप्त सी कथा भी कही गई है । हुआ यह कि एरेस और अफ़रोडाइट द्वारा, हेफ़िस्टोस से बेवफाई के प्रकरण में पोसीडॉन द्वारा एरेस और अफरोडाइट का समर्थन किए जाने के कारण से वे दोनों, पोसीडॉन के प्रति कृतज्ञ थे । उस समय पोसीडॉन ने हेफ़िस्टोस द्वारा एरेस को बंदी बना लेने और बेड़ियों में जकड़ देने के पश्चात, हेफ़िस्टोस से यह अनुरोध किया था कि, आप दुनिया के महानतम शिल्पी हैं और मैं आपसे विनती करता हूं कि, एरेस को जाने दो, उसे मुक्त कर दो और आपको, उससे जो भी मुआवजा  चाहिए होगा, मैं आपसे वादा करता हूं कि, एरेस उसका भुगतान करेगा और यह भुगतान सभी देवताओं की उपस्थिति में होगा, किंतु हेफ़िस्टोस ने कहा कि पालनहार पोसीडॉन, मुझसे यह मत कहो, विश्वासहीन लोगों के लिए वचन, विश्वासहीन वचन ही होते हैं ।

अगर एरेस मेरी जंजीरों के बंधन से मुक्त होकर चला गया तो मैं क्या करूंगा ? तो पोसीडॉन  कहता है कि, हे शिल्पी देवता अगर एरेस बंधन मुक्त होने के पश्चात अपने दंड को चुकाने से इंकार करता है तो, उसका दंड मैं स्वयं ही भर दूंगा और यह भुगतान मेरे द्वारा किया जाएगा । तब हेफ़िस्टोस ने  कहा कि, ठीक है मैं आपके कहने से, आप पर विश्वास करते हुए एरेस को मुक्त कर देता हूं । इस प्रकार से पोसीडॉन के कहने से हेफ़िस्टोस ने बंदी एरेस को  बंधन मुक्त कर दिया और अवैध संबंधों के लिए कलंकित एरेस तथा अफ़रोडाइट, वहां से चले गए लेकिन उन्होंने पोसीडॉन के इस उपकार को कभी  विस्मृत नहीं किया और वे व्यभिचार में पकड़े जाने तथा बंदी बनाए जाने के उपरांत, पोसीडॉन के समर्थन के लिए सदैव कृतज्ञ बने रहे । कहते हैं कि, उस समय एरेस  और अफ़रोडाइट के व्यभिचारी संबंधों में समर्थन के कारण अफ़रोडाइट ने पोसीडॉन से प्रेम किया और उसने पोसीडॉन की दो पुत्रियों  को जन्म भी दिया जो कि, रोडोस और हेरोफिलोस थी ।

देव शिल्पी हेफिस्टोस और अफ़रोडाइट के वैवाहिक संबंधों के समानांतर, एरेस और अफ़रोडाइट के अनैतिक संबंधों के कारण, हेफिस्टोस का वैवाहिक जीवन ध्वस्त हो गया था और देवलोक में इस प्रकरण की सार्वजनिक रूप से चर्चा होने लगी थी अतः हेफिस्टोस ने एरेस को देवलोक में ही अपनी शिल्प विद्या के जरिए बंदी बना लिया था और उसे बंधन मुक्त करने से मना कर दिया था, क्योंकि वह अपने वैवाहिक जीवन को नष्ट करने के लिए तथा अपनी पत्नी अफ़रोडाइट के साथ अनैतिक संबंध रखने के लिए, एरेस को दंडित और अपमानित करना चाहता था।  इस समय पोसीडॉन जो समुद्र का देवता है और जिसे धरती का पालनहार भी कहा गया है, उसने एरेस की मुक्ति के लिए हेफिस्टोस से बारम्बार अनुरोध किया कि, वह एरेस को मुक्त कर दे और जब हेफिस्टोस कहा कि, अगर एरेस मुक्ति के पश्चात, मुआवजे के भुगतान से मुकर गया तो क्या होगा ?

तब पोसीडॉन ने एरेस का समर्थन करते हुए कहा कि, उस स्थिति में, मैं स्वयं उस मुआवजे का भुगतान करूंगा और फिर पोसीडॉन के हस्तक्षेप से हेफिस्टोस ने एरेस को बंधन मुक्त कर दिया । तदुपरांत एरेस तथा अफरोडाइट अपने नवागत जीवन को एक साथ व्यतीत करने के लिए तैयार हो गए, क्योंकि इस समय तक अफ़रोडाइट और हेफिस्टोस का सम्बन्ध विच्छेद हो चुका था । इस प्रकरण में अफ़रोडाइट और एरेस, पोसीडॉन के व्यवहार से खुश और कृतज्ञ थे । बस यही एक जगह है, जहाँ पर अफ़रोडाइट और एरेस, पोसीडॉन के उपकार को भूले नहीं, कालांतर में पोसीडॉन के समर्थन के बदले, अफ़रोडाइट ने पोसीडॉन से प्रेम संबंध स्थापित किए और दो पुत्रियों को जन्म दिया, जिनका नाम रोडोस और हेरोफिलोस था । यानि कि, अफरोडाइट ने असमय में पोसीडॉन के समर्थन और उपकार का बदला प्रेम से चुकाया ।

अगर हम गौर करें, तो विवाहेत्तर संबंधों में पकड़े जाने के उपरांत जो अपमानजनक स्थितियां एरेस और अफरोडाइट के समक्ष थी, उनके निवारण के लिए पोसीडॉन की भूमिका महत्वपूर्ण थी और इस भूमिका के चलते अफ़रोडाइट ने पोसीडॉन के साथ प्रेम संबंध स्थापित किए जिनका मुख्य आधार यौनिकता थी...