बुधवार, 7 नवंबर 2018

मानुष पुत्रियां

कहते हैं कि स्टिम्फ़ेलियन परिंदे, आर्केडिया की स्टिमफेलिस झील में मौजूद आतंक का पर्याय थे ! जिन्हें हरक्यूलिस (हेराक्लेस) द्वारा मारा गया थाप्रचलित दन्त-कथा के अनुसार जब हरक्यूलिस, झील के किनारे पहुंचा तो उसने पाया कि झील में स्टिम्फ़ेलियन परिंदों के अनेकों झुण्ड / घोंसले  मौजूद हैं लेकिन भीषण दलदल और गहरे जल क्षेत्र में उतरे बगैर उन तक पहुंचना असंभव है ! अस्तु देवी एथेना ने हरक्यूलिस को एक खड़खड़ बाजा / वाद्ययंत्र दिया, जिसके शोर से स्टिम्फ़ेलियन परिंदेझील की सतह को छोड़ कर आकाश की ओर उड़ने लगे, उनमें से अधिकांश को हरक्यूलिस ने मार डाला और जो परिंदे बच गए, वे सुदूर टापू में जा बसेकालांतर में उन्हें, एक नये नाम से जाना गया, आर्निथेस आरियोई यानि कि एरेस की चिड़ियां !

एक मान्यता यह भी है कि युद्ध के देवता एरेस इनके पंखों का इस्तेमालतीरों को दिशा प्रदान करने वाले उपस्कर के तौर पर किया करते थे ! बहरहाल टापू में बसे इन परिंदों का शिकारग्रीक नाविकों के द्वारा किये जाने के उल्लेख भी मिलते हैं ! ग्रीक गल्पों में इन्हें मांसाहारी और निरंतर भुक्खड़ बने रहने वाले परिंदों के रूप में वर्णित किया गया है जो कि मनुष्यों पर हमला करकेउन्हें खा जाया करते थे !  मिथक का एक अन्य संस्करण कहता है कि वे आर्टिमिस के मंदिर के रखवाले थे और उनके पैर मात्र ही परिंदों के जैसे थे अन्यथा वे, स्टिमफालुस की मानुष पुत्रियां माने गए हैं ! विश्वास किया जाता है कि हरक्यूलिस ने उन्हें इसलिए मार डाला था क्योंकिउन्होंने अपने घर मेंहरक्यूलिस का प्रतिष्ठापूर्ण / गरिमामय स्वागत नहीं किया था...