रविवार, 11 नवंबर 2018

आदमखोर के आर्तनाद

ग्रीक-रोमन मिथकों में स्ट्रिज को निशाचर परिंदा माना गया है, कदाचित उल्लू स्वयं या फिर उल्लू के जैसा परिंदा जो कि अपनी पैशाचिक प्रकृति के लिए कुख्यात है ! उसे अक्सर बच्चों को वश में करके, उनका खून चूसने वाले, परिंदे की तरह से उद्धृत किया जाता है ! इस के समानान्तर लोक विश्वास यह भी है कि बच्चों के गले में लहसुन की कंठी / माला पहनाने से, बच्चे, इस रक्त चूसक पिशाच से सुरक्षित बने रहते हैं ! एक किंवदंती यह भी है कि ये शैतान का सेवक है ! 

गल्प कहते हैं कि असल में यह उन दो भाइयों की कथा है जो कि अन्य मनुष्यों को मार कर खा डालने के दंड स्वरूप / श्राप-वश, वनैले प्राणियों में बदल गए थे और उनमें से एक भाई ख़ास तौर पर स्ट्रिज / उल्लू में तब्दील हो गया था ! बहरहाल अपनी करनी का फल उसे, यह मिला कि वो, भोजन और पानी के बिना उलटा लटके हुए, अपनी ज़िंदगी गुज़ारता है, उसके निराशा भरे आर्तनाद हम रातों में, अब भी सुनते हैं...