वांग
झेन, मिंग साम्राज्य (1368-1644) के समय में शाही संरक्षण प्राप्त किन्नर था, उसने सम्राट यिंग
जोंग (1427-1464) के समय में शक्ति हासिल की थी । कालान्तर में इतिहासविद उसे इस बात के लिये दोषी
ठहराते रहे कि, उसके कारण से मंगोल सेना ने युद्ध में सम्राट यिंग जोंग को बंदी
बना लिया था । जिसके बाद में एक हाहाकारी
घटनाक्रम में सम्राट यिंग जोंग के रक्षक ने क्रोधित होकर किन्नर वांग झेन की हत्या
कर दी थी ।
इसके
विषय में अधिक विवरण नहीं मिलता किन्तु घटना क्रम से स्पष्ट है कि वांग झेन, मिंग
साम्राज्य में सम्राट की कृपा प्राप्त किन्तु विवादित किन्नर था । उसने सत्ता से सुविधायें पाईं, शक्तिमत्ता और
अधिकार पाए किन्तु युद्ध के समय में मंगोलों द्वारा सम्राट यिंग जोंग को बंदी बना
लेने के लिये, उसे ही उत्तरदाई ठहराया गया । स्पष्ट है कि वो स्वामी भक्त किन्नर नहीं था
अन्यथा सम्राट की सुरक्षा के लिये स्वयं के प्राणों का उत्सर्ग करने से भी नहीं
चूकता ।
इसके अतिरिक्त, लियु जिन, मिंग साम्राज्य के सम्राट झेंग डे, के समय का
कुख्यात किन्नर था । उसे चीनी इतिहास के
सर्वाधिक भ्रष्ट अधिकारियों में से एक माना जाता है । वो शाही दरबार में मौजूद किन्नरों के शक्तिशाली
समूह ‘आठ बाघ’ का मुखिया था । यह समूह
शाही दरबार में हेर फेर करने और अनियमित गतिविधियों के लिये जाना जाता था ।यहां यह उल्लेखनीय है कि किन्नर समूह के मुखिया
के तौर पर लियु जिन का भ्रष्टाचार दिन ब दिन, बद से बदतर होता चला गया ।
चूंकि
किन्नर लियु जिन (1451-1510) को सम्राट झेंग डे के संरक्षण के अतिरिक्त,
महत्वपूर्ण किन्नर समूह के मुखिया का पद हासिल था, अतः लियु जिन के भ्रष्टाचार पर
रोक लगाने की हिम्मत किसी अन्य दरबारी में नहीं थी । लियु जिन ने इस अवसर का लाभ उठाया, हालांकि उसके
विरुद्ध कार्यवाही करने का हौसला, किसी अन्य अधिकारी / दरबारी में नहीं था...पर
सरगोशियों में, उसका नाम भ्रष्टतम दरबारी बतौर, तिरता रहा / लिया जाता रहा । कहने का आशय यह है कि, लियु जिन पर भले ही कोई
सीधी कार्यवाही ना की गई हो, किन्तु उसका नाम, चीनी इतिहास में, सर्वाधिक कुख्यात
/ भ्रष्ट और बदतरीन किन्नर के तौर पर दर्ज़ हो गया ।