मंगलवार, 19 दिसंबर 2017

पतले लंबे दरख़्त



वो गर्मियों का मौसम था और मौसम के एक तपते हुए दिन में, सूरज के कहर से बचने के लिये, एक ही परिवार की दस लड़कियां, नदी की शरण में जा पहुंचीं ! पानी में उछलती / कूदती / खिलवाड़ करती हुई, इन लड़कियों के पास अचानक एक अपरिचित बूढ़ा आया और उसने कर्कश आवाज़ में कहा, सुंदर लड़कियो, मुझे पानी दो, मैं बहुत प्यासा हूँ ! बूढ़े के अनपेक्षित आगमन से खिसियाई हुई लड़कियों ने कहा, ओह ये कितना बदसूरत है, एक बूढ़े मेढक की तरह...और वे हँसने लगीं, हालांकि उनमें से एक लड़की खामोश थी, वो अपनी बहनों के अशिष्ट व्यवहार पर शर्मिन्दा थी !

दुर्भाग्यवश वो बूढ़ा, एक जादूगर था, सो उसके एक इशारे पर नौ लडकियां, पतले लंबे दरख्तों में तब्दील हो गईं, नदी तट पर समानान्तर खड़े हुए...और यह सब देख कर, नर्ममिजाज़ लड़की, बदहवास, चीखती, चिल्लाती, रोती हुई अपने पालकों के पास जा पहुंची, उसने, उन्हें घटनाक्रम की जानकारी दी ! दु:खी माता पिता नदी तट की ओर भागे, पिता के हाथों में कुल्हाड़ी थी, उसने पेड़ को काटने की कोशिश लेकिन...यह देख कर आतंकित हो गया कि पेड़ पर, कुल्हाड़ी की चोट वाले स्थान से खून बहने लगा है, वो रुक गया, उसने रुक रुक कर, तीन कोशिशें कीं लेकिन हर बार पेड़ से खून बहने लगता !
दुखियारे माता पिता के पास कोई विकल्प नहीं था, अब उन्हें, उस बूढ़े जादूगर के कोप से, बच गई पुत्री को सुरक्षित रखना था, इसलिए उन्होंने, उस लड़की को अपने से दूर, बहुत दूर देश, भेज दिया ताकि लड़की जीवित और सलामत बनी रहे...और वे स्वयं हमेशा हमेशा अपने आंसुओं के साथ, उन पतले लंबे दरख्तों के नीचे अपना जीवन गुज़ारते रहे...
अफ्रीकी बुशमैन कबीले की यह कथा दो पीढ़ियों की आपसी समझ और पारस्परिक तालमेल के अभाव की कहन है ! बुशमैन समाज के लोग सामान्यतः जादुई कहानियों, प्रेतों और चुड़ैलों के किस्सों के मज़े लेने वाले लोग हैं, उन्हें यह लगता है कि यह सब उनकी वास्तविक दिनचर्या का अभिन्न हिस्सा है ! कहानी में किरदार बतौर मौजूद दसों बहनों में से केवल एक संवेदनशील और बड़ी पीढ़ी के प्रति आदर भाव रखने वाली लड़की है, जबकि शेष नौ बहनों का आचरण उम्रदराज़ लोगों के प्रति लगभग अशिष्टता की सीमा को लांघता हुआ नज़र आता है !
यह तो संभव नहीं कि कोई एक बूढ़ा अपने जादू से वाचाल प्रतीत हो रही लड़कियों को पतले लंबे दरख्तों में तब्दील कर दे...पर लड़कियों की सामान्य दैहिक किन्तु सांकेतिक तुलना में दरख्तों का पतला और लंबा होना, ध्यान देने योग्य कथन है ! बूढ़ा प्यासा था और उसकी अपेक्षा थी कि लड़कियां, उसकी प्यास बुझाने में उसकी मदद करें किन्तु नौजवान / कमसिन लड़कियां उस बूढ़े की देह रचना के मेढक जैसा होने का प्रतीकात्मक...किन्तु उपहासपूर्ण और अनादरपूर्ण कथन करती हैं, जोकि पुरानी पीढ़ी के प्रति नई पीढ़ी की सर्वथा अवांछित और अनुचित समझ का उदाहरण है !
दुनियां में शायद ही ऐसा कोई आदिम समाज हो, जहां के लोगों के मन में, जादुई कृत्यों तथा प्रेतों और चुड़ैलों के प्रति आतंकित होने की हद तक विश्वास मौजूद ना हो ! अतः लगता यह है कि जैसे पुरानी पीढ़ी, नितांत सांकेतिक कथा शैली में, नई पीढ़ी को अपनी शक्तिमत्ता का पाठ पढ़ाना चाहती हो, उसे, उस आस्था / विश्वास की योजना के अंतर्गत सबक देना चाहती हो, जिससे कि वे आतंक की हद तक प्रभावित रहे हों, कहने का तात्पर्य यह है कि पुरानी पीढ़ी के द्वारा, नई पीढ़ी की वाचालता और पुरानी पीढ़ी के प्रति उनके उपहासपूर्ण दृष्टिकोण तथा अनादर भाव की काट बतौर जादुई कथानक का सृजन किया जाना संभव है !   
आख्यान के मुताबिक नई पीढ़ी के असंगत आचरण का परिणाम ना केवल वे स्वयं बल्कि उनके माता पिता भी भुगतते हैं, जैसा कि इस कथा में उल्लिखित नौ बहने, पेड़ बन, अभिशप्त हुईं, एक बहन, लगभग देश निकाले जैसे हालात में जीवन व्यतीत करने के लिये बाध्य हुई और उनके निकट संबंधी / पालकगण यानि कि उनकी पुरानी पीढ़ी भी, आंसुओं के संग, घर से बेघर हुई...