सेइक्स, ट्रेचिस का राजा था और अल्कियोनी उसकी खूबसूरत पत्नी । उनके सौंदर्य
पर देवता भी मुग्ध थे और जन सामान्य भी । अपने सौंदर्य के प्रति लोगों के रुझान को
देखते हुए वे दोनों स्वयं को जिउस और हेरा की तरह से समझने लग गए थे। जिसके कारण जिउस
उन पर बहुत नाराज हुआ और उसने उन दोनों को दंडित करने के बारे में सोचा । असल में सेइक्स
इयोसफरस का पुत्र था जबकि उसकी पत्नी अल्कियोनी, इनरेट की पुत्री थी तथा उसके पिता
इयोलिया के राजा थे । वे दोनों परस्पर प्रेम लीन रहते । वे दोनों जिउस के कहर से
बचने की चिंता करने के बजाए स्वयं के सौंदर्य पर और एक दूसरे की प्रेम पर आत्ममुग्धता
की सीमा विश्वास करते थे । एक दिन सेइक्स ने अपने भाई डेंडीलायन को खो दिया जो कि
बेहद साहसी और स्वभाव से बेहद कठोर था । डेंडीलायन की एक खूबसूरत बेटी थी, जिसका
नाम चियोनी था, वह इतनी मोहक थी कि, देवता भी उसके प्रेम में पड़ गए थे ।
कहते हैं कि, चियोनी ने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया, जिनमें से एक देवता हेमीज और दूसरा देवता अपोलो की संतान था । गौरतलब बात यह है कि, चियोनी को देवताओं ने ये महसूस कराया कि, वो विश्व की सबसे अधिक सुंदर महिला है । यहां तक कि, देवी आर्टेमिस से भी सुंदर । इस दावे को जानकर देवी आर्टेमिस ने चियोनी की जीभ पर एक तीर चलाया और उसे मार डाला । डेंडीलायन अपनी बेटी के अंतिम संस्कार में फूट फूट कर रोया, हालांकि उसके भाई सेइक्स ने उसे बहुत सांत्वना दी, लेकिन उसने अपनी पुत्री की चिता पर कूदकर जान देने की चेष्टा की और कम से कम तीन मौकों पर सेइक्स ने उसकी आत्मघाती कोशिश को नाकाम किया । आत्महत्या के चौथे प्रयास में डेंडीलायन बहुत तेज गति से दौड़ते हुए माउंट पर्नासेस की चोटी से कूद पड़ा पर उसके जमीन पर गिरने से पहले ही अपोलो ने उसे बाज के रूप में बदल दिया ।
इस तरह से सेइक्स ने अपने भाई और भतीजी को खो दिया था और अगले कई दिनों तक, उनके शोक में लगा रहा । इस चिंता काल में और कुछ अपशकुनों को ध्यान में रखकर सेइक्स ने डेल्फी में आकाशवाणी जैसे परामर्श या सुझाव लेने के बारे में सोचा।असल में अल्कियोनी नहीं चाहती थी कि, उसका पति, उसके भाई की मृत्यु के समय क्लारोस जाए, क्योंकि उसे मालूम था कि, समुद्र का पानी बेहद खतरनाक है । उसे यह भी मालूम था कि, मौसम के हालात बेहद खराब रहने वाले हैं, इसलिए उसने कहा कि उसका पति उसे भी अपने साथ ले जाए लेकिन सेइक्स, पत्नी के आंसुओं और उसकी चिंता के बावजूद राजधानी छोड़कर जाने के लिए तैयार था, उसने कोशिश की, कि वह अपनी पत्नी को यह आश्वासन दे कर बाहर जाये कि, वह सुरक्षित लौटेगा और फिर उसने अपने पिता की शपथ लेते हुए, पत्नी से कहा कि, वह दो चंद्रमास में अपनी यात्रा पूरी करके सुरक्षित लौट आएगा । इसके बाद सेइक्स ने अपनी खतरनाक यात्रा की शुरुआत की ।
जब अल्कियोनी ने उसे जहाज पर बैठे हुए देखा तो वह फिर से रो पड़ी और उसने आंसुओं से भरी हुई आंखों के साथ क्षितिज को तब तक निहारा जब तक कि, उसके पति का जहाज एक बिंदु में परिवर्तित होकर अदृश्य नहीं हो गया । यात्रा के प्रारंभ में समुद्री मौसम अनुकूल था और जहाज धीमी गति से आगे बढ़ रहा था, लेकिन रात को लहरें ऊंची उठने लगीं और मध्यम हवाएं, भयंकर तूफान में बदल गई, फिर जहाज डगमगाने लगा और समुद्र का पानी जहाज में घुसना शुरू हो गया । जहाज के नाविक कंटेनर की तलाश में इधर-उधर हाथ पैर मारने लगे ताकि वे जहाज से पानी बाहर निकाल सकें । जहाज का कप्तान जोर से चिल्लाया, लेकिन तूफान के शोर में उसकी आवाज दब गई, जल्दी ही जहाज डूबने लगा, उसमें बड़ी मात्रा में पानी घुस गया था और उसे बचाया नहीं जा सकता था, तभी एक विशाल लहर जहाज से टकराई और उसने अधिकांश नाविकों को समुद्र के तल पर भेज दिया ।
सेइक्स को लगा अब वह डूब जाएगा, लेकिन उसे खुशी भी थी, कि वह अपनी प्यारी पत्नी को साथ नहीं लाया और वो सुरक्षित होगी, तभी उसने सोचा कि वह अपनी मृत्यु से पूर्व अपनी भूमि ट्रेचिस के किनारों को नहीं देख पाएगा । वह अपनी खूबसूरत पत्नी के अलावा किसी और के बारे में नहीं सोच रहा था और वह देवताओं से प्रार्थना कर रहा था कि, मेरा अंत आ गया है तो देवता मेरे शरीर को, मेरी मृत्यु के पश्चात इस तरह से सुरक्षित रखें कि, अल्कियोनी, शव को प्राप्त कर सके, अंततः सेइक्स डूब गया और उसके पिता इयोसफरस उसको बचाने के लिए कुछ नहीं कर सके। अल्कियोनी अपने पति की वापसी का बेसब्री से इंतजार करती रही, यहां तक कि दो चंद्रमास भी पूरे हो गए, किंतु पति वापस घर नहीं लौटा, उसने अपने पति के लिए नए कपड़े भी सिल लिए थे और पति की सुरक्षा के लिए सभी देवताओं से प्रार्थना भी की थी, यहां तक कि, जिस देवी हेरा को उसने नाराज किया था, उसके मंदिर में जाकर बलि भी चढ़ाई थी ।
देवी हेरा अल्कियोनी की दु:खद स्थिति से विचलित हो गई और उसने अपने दूत आइरिस को नींद के देवता हिप्नोस की तलाश के लिए भेजा, जिसका उद्देश्य यह था कि, हिप्नोस सेइक्स से मिलती-जुलती आकृति, अल्कियोनी की ओर भेजें और उसे बताएं कि सेइक्स की मृत्यु हो चुकी है । लेकिन हिप्नोस ने अपने बेटे मार्फियस को अल्कियोनी के पास भेजा जो कि एक असाधारण शिल्पकार और भिन्न मानवीय रूपों के निर्मिति कर्ता के रूप में जाने जाते थे । उन्होंने अपने आपको सेइक्स के रूप में बदला यहां तक कि, उसकी आवाज और लहजे की नकल की और ट्रेचिस में आकर अल्कियोनी के पास खड़े हो गए । उन्होंने अल्कियोनी के सपने में सेइक्स के भीगे बालों और दाढ़ी वाले रूप में अवतरित होते हुए, अल्कियोनी को यह सूचना दी कि मेरा निधन हो गया है ।
यह खबर मिलते ही अल्कियोनी जाग गई और अपने पति की निर्जीव देह को ढूंढने के लिए समुद्र तट पर जा पहुंची । पति की मृत देह को लेकर अल्कियोनी ने कई दिनों तक शोक मनाया और उसे परलोक में भेजने के लिए उसका उचित रूप से अंतिम संस्कार किया । उसे यह महसूस हो रहा था कि, वह सेइक्स के बिना जी नहीं सकती, अतः उसने अपने पति के साथ पुनर्मिलन की उम्मीद के साथ खुद भी समुद्र में डूब कर आत्महत्या कर ली । इस युगल के प्रेम को देखते हुए देवता जिउस ने अपना निर्णय बदला और इन दोनों प्रेमियों को किंगफिशर के रूप में बदल दिया । तब से लेकर आज तक अल्कियोनी के पिता दो सप्ताह तक समुद्र को शांत रखते हैं, ताकि उनकी पुत्री इस समय घोंसला बनाकर अंडे दे सके । इन दोनों सप्ताहों को अल्कियोनी दिनों के रूप में जाना जाता है क्योंकि, अल्कियोनी के पिता समुद्र और उसकी हवाओं को स्थिर रखकर अपनी पुत्री को शिकार का मौका भी देते हैं ।
यह समय शांति और स्थिरता का समय है, जहां अल्कियोनी और सेइक्स की प्रेम कथा समुद्र के शांत स्वभाव के दरमियान अभिव्यक्त होती है । यह शाश्वत प्रेम के लिए देवताओं का उपहार है । अल्कियोनी चाहती थी कि, सेइक्स अपने भाई की मृत्यु के नाम पर समुद्र पार नहीं जाए लेकिन उसके पति ने उसकी बात नहीं मानी और अंततः काल के गाल में समा गया यद्यपि अल्कियोनी भी अपने अटूट प्रेम के चलते अपने पति सहित किंगफिशर परिंदों के रूप में परिवर्तित हो गई और यह प्रेम युगों युगों के लिए अमर हो गया ।
यह आख्यान ग्रीक मूल का आख्यान है । जहां सेइक्स एवं अल्कियोनी अभिजात्य, राज परिवारों के पुत्र और पुत्री हैं और उनका परस्पर विवाह हुआ है । वे दोनों बेहद खूबसूरत है और जन सामान्य के अतिरिक्त देवी देवता भी उनके सौंदर्य से अभिभूत हैं । अतः यह कथा नवदंपत्ति के प्रणय की कथा है, जिसमें विवाह से पूर्व के घटनाक्रम का कोई उल्लेख नहीं मिलता । बहरहाल सौंदर्य की प्रशंसा ने पति पत्नी को इतना विवेकहीन कर दिया कि, वह दोनों स्वयं को देवता जिउस और देवी हेरा के समतुल्य समझने लगे । इस कथा के अनुसार, प्रणय जीवन के समानांतर, सेइक्स के भाई और भतीजी की मृत्यु, एक समुद्रपारीय महाप्रवास की परिस्थिति निर्मित करती है और जहां सेइक्स का जहाज डूब जाता है तथा सेइक्स की मृत्यु हो जाती है । संभव है कि, समुद्र का तूफ़ान प्रचंड था । जिसके सम्मुख सेइक्स के जहाज की तकनीकी निर्बलता और नाविकों की अनुभव हीनता इस संकट से निपटने में नाकाफी रही हो ।
सेइक्स ने अपने पारिवारिक शोक के समय अपनी पत्नी के इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था कि, पत्नी को भी, शोक संतप्त परिवार के पास जाना चाहिए । बहरहाल इस कथा में महत्वपूर्ण अंश यह है कि, पति सेइक्स के निधन को अल्कियोनी, हिप्नोस देवता के पुत्र मार्फियस के माध्यम से जान पाती है, हो सकता है कि, यह केवल एक स्वप्न मात्र था, जिसे प्रतीकात्मक रूप से पति के निधन की सूचना देने वाले देवता मार्फियस से जोड़ दिया गया है । स्वप्न में अपने पति की मृत्यु के संकेत मात्र से शोकाकुल होकर अल्कियोनी समुद्र तट पर जा पहुंचती है और वहां अपने पति की मृत देह को बरामद करती है । वह अगले कई दिनों तक शोक संतप्त रहती है और अंततः अपने पति के बिना जीवन के निर्वाह की संभावना को शून्य मानते हुए स्वयं भी समुद्र में डूब कर अपने जान दे देती है । इस तरह से अल्कियोनी जो अपने पति के साथ ससुराल पक्ष के शोक परिवार में जाना चाहती थी, जो अपने पति का इंतजार कर रही थी, जिसने अपने पति की वापसी की उम्मीद में पति के लिए नए कपड़े सिल रखे थे, वह अपने पति की मुक्ति के लिए तत्कालीन समाज के नियमानुसार कर्मकांड करती है और पति से पुनर्मिलन की आकांक्षा में अपने प्राण त्याग देती है ।
इस कथा में अल्कियोनी का प्रेम, पति के परलोक सिधारने के बावजूद कम नहीं होता अतः यह घटना प्रेम को अमर कर देती है।अल्कियोनी अपने पति की महाप्रवासीय अनुपस्थिति के चलते बेचैन है और वह सभी देवी देवताओं से उसकी सुरक्षा की याचना करती है, यहां तक कि, जिस देवी हेरा को उसने रुष्ट कर दिया था, उसके मंदिर में जाकर वह अपने पति की सुरक्षा के लिए बलि चढ़ाती हैं । कहने का आशय यह है कि, अल्कियोनी में अपने पति की सुरक्षा के नाम पर ही सही, पर विनम्रता का भाव है, जिसके चलते वह हेरा जैसी असंतुष्ट देवी को प्रसन्न करने के लिए, हेरा के मंदिर जाती है और बलि चढ़ा कर अपने पति की सुरक्षा की कामना करती है । प्रेम का उत्थान और पतन, वास्तव में विनम्रता और घमंड पर निर्भर करता है चूंकि अल्कियोनी अपने अहंकार को छोड़, विनम्रता का मार्ग अपनाती है अतः उसका प्रेम महत्वपूर्ण हो जाता है । कथा में अल्कियोनी से इतर सेइक्स की भूमिका भी बहुत महत्वपूर्ण है । वह अपने भाई और भतीजी की मृत्यु के समय समुद्री यात्रा के लिए अपनी पत्नी को साथ नहीं ले जाना चाहता और उसे हर तरह से आश्वस्त करता है कि वह जल्द ही सुरक्षित घर लौट आएगा, यद्यपि ऐसा होता नहीं है ।
यह उल्लेखनीय है कि सेइक्स शब्द का प्रयोग किंगफिशर प्रजाति के परिंदों के लिए किया जाता है, अतः कथा के अंतिम हिस्से में जब यह उल्लेख मिलता है कि, दिवंगत पति पत्नी को किंगफिशर बना दिया गया है, तब सेइक्स नाम को किंगफिशर से जोड़कर देखना उचित प्रतीत होता है । सेइक्स अपने भाई और भतीजी की मृत्यु उपरान्त की चिंताओं के शमन के लिए दैवीय परामर्श चाहता है, किंतु उसे ऐसा करने का अवसर नहीं मिलता । वह जानता है कि तूफान के आगे उसका जहाज टिक नहीं पाएगा और वह जल्द ही डूब जाएगा, तब उसे दो ही बातें याद आती हैं एक यह कि, वह देवताओं से प्रार्थना करें कि, उसकी मृत देह उसके देश के समुद्र तट तक पहुंचा दी जाए ताकि उसकी पत्नी उसे प्राप्त कर सके । दूसरा यह कि, वो जानता है कि, उसकी मृत्यु सुनिश्चित है किंतु उसे एक सुख की अनुभूति भी है कि, उसने अपनी पत्नी को घर पर छोड़कर ठीक ही किया है, क्योंकि जहाज में डूबते समय उसकी मृत्यु भले ही हो जाए लेकिन उसकी पत्नी, सुरक्षित रहेगी । असल में यही भाव प्रेम की पराकाष्ठा है ।
कथा में सेइक्स के भाई डेंडीलायन और उसकी भतीजी चियोनी की मृत्यु का उल्लेख मिलता है । जिससे यह स्पष्ट होता है कि अमर देवताओं का व्यवहार, नश्वर मनुष्यों के समान ही होता है । वे प्रणय करते हैं । वासना लीन रहते हैं । ईर्ष्या करते हैं और कुपित हो जाते हैं, किंतु उपासना किए जाने के उपरांत, अनुग्रह भी प्रदान करते हैं । इस कथा में सेइक्स की सुंदर भतीजी चियोनी के जुड़वा पुत्रों को, दो भिन्न देवताओं की संतान बताया गया है । स्पष्टतः यह देवताओं की यौन पिपासा का एक उद्धरण है, जहां पर वे एक ही स्त्री से सहवास करते हैं और उसकी संतान के पिता हो जाते हैं, भले ही उसे, अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार नहीं करते । चियोनी के सौंदर्य की प्रशंसा ने देवी आर्टेमिस को इतना क्रुद्ध कर दिया था कि, वह चियोनी की असमय मृत्यु का कारण बन गई । पुत्री की मृत्यु से आहत पिता डेंडीलायन आत्महत्या करने के लिए पहाड़ की चोटी पर से छलांग लगा देता है हालांकि देवता अपोलो जो उसकी पुत्री के एक पुत्र का पिता भी है, डेंडीलायन को बाज पक्षी के रूप में परिवर्तित कर उसका जीवन सुरक्षित कर देता है ।
चियोनी और डेंडीलायन की मृत्यु से आहत सेइक्स चाहता है कि, वह देवताओं का अनुग्रह प्राप्त करे, परन्तु ऐसा संभव नहीं होता क्योंकि वह स्वयं भी समुद्र में डूब जाता है । उल्लेखनीय है कि, देवताओं का व्यवहार उसके प्रति तब बदलता है जब उसकी मृत्यु हो जाती है । कथा के अनुसार सेइक्स की मृत्यु के उपरांत देवता जिउस को अपने उस निर्णय पर पछतावा होता है, जहां पर वह सेइक्स और अल्कियोनी को दंडित करना चाहता था क्योंकि वे दोनों धरती पर स्वयं को जिउस और हेरा की तरह से प्रस्तुत कर रहे थे । बहरहाल कथा के अंतिम हिस्से में हेरा, अल्कियोनी पर और जिउस, सेइक्स तथा अल्कियोनी, दोनों पर कृपा करते हैं और इन्हें किंगफिशर परिंदों के रूप में बदल देते हैं, ताकि वे दोनों अपने परिवर्तित शरीर के साथ, एक दूसरे के साथ नवजीवन व्यतीत कर सकें । यहां पर अल्कियोनी के पिता, साल में एक बार, समुद्र के उग्र स्वभाव को शांत रखने के लिए उत्तरदाई ठहराए जाते हैं और जिन दो सप्ताहों में किंगफिशर परिंदे घोंसला बनाते तथा अंडे देते हैं । तब समुद्र शांत रहता है और कथा कहती है कि ये दिन, अल्कियोनी दिन हैं...