एक बार शिकरे ने खरगोश के
साथ छल करने का फैसला किया, उसने कहा, आकाश स्थित भूमि में एक कार्यक्रम है और वो, खरगोश को वहां तक ले जा सकता है ! यह
सुनकर खरगोश ने अपना गिटार लिया और शिकरे की पीठ पर बैठ गया ! जब वो दोनों ऊंचे आकाश में
थे तो शिकरे ने खुद को हिलाकर खरगोश को जमीन पर गिराना चाहा ! इस पर खरगोश ने
गुस्से में आकर अपना गिटार, शिकरे के सिर पर ज़ोर से दे मारा,
इसके बाद वो, शिकरे के पंख खींच कर, उनके सहारे फिसल कर / ग्लाइड कर के, आहिस्ता आहिस्ता जमीन में उतर गया ! जब शिकरे ने अपने सिर में फंस गए गिटार को झटक कर निकालना चाहा
तो उसके सिर के सारे बाल / पंख उखड़ गए और तब से, उसके वंशज भी गंजे सिर / चंदू होने
लगे हैं...