जल प्रलय के दौरान पानी
में डूबती उतराती, ईश दूत नूह की नौका, बारिश
के थमने के कई दिन बाद बमुश्किल धरती के किसी ऊंचे स्थान पर जा पहुंची जोकि पानी का स्तर कम होने के कारण पानी की सतह पर उभर आया था, तब नौका के
मस्तूल पर मौजूद परिंदे, धरती को देखकर, इतने उत्साहित हो गए
कि उन्होंने आकाश की ओर ऊंची उड़ान भर दी,
जहां उन्हें इंद्र धनुष दिखाई दिया, उड़ान भरते
परिंदे, इंद्र धनुष के विविध रंगों से होकर गुज़रे, जिसके कारण
से उनके पंख / जिस्म, उन्हीं रंगों में रंग गए ! यानि कि किसी परिंदे की रंगत सुर्ख लाल, किसी की रंगत चटख नील वर्ण और
कोई परिंदा सुनहरे / पीले रंगों में रंग गया, बस ऐसे ही सारे परिंदों ने अलग अलग रंगत पाई...