मंगलवार, 21 अक्टूबर 2025

सिगर्ड और ब्रिनहिल्ड

ड्रैगन फफ़्निर को मारने के बाद सिगर्ड एक नायक की तरह से प्रसिद्ध हो गया था ।  कुछ समय के बाद उसने वाल्किरी, ब्रिनहिल्ड को आग में घिरे हुए महल से बचाया था । खूबसूरत ब्रिनहिल्ड को ओडिन द्वारा दंड स्वरूप कैद किया गया था । कैद से मुक्त हुई ब्रिनहिल्ड को सिगर्ड से मुहब्बत हो गई और सिगर्ड भी उसके सौन्दर्यपाश मे बंध गया । दोनों ने एक दूसरे से ब्याह का वादा किया लेकिन उन्ही दिनों सिगर्ड को छल से एक जादुई शर्बत पिला दिया जाता है और वो अपने अतीत को भूलकर राजा गिउकी की बेटी गुड्रुन से ब्याह कर लेता है । सिगर्ड की बेवफाई से आहत होकर ब्रिनहिल्ड यह घोषणा करती है कि वो, उस पुरुष से ब्याह करेगी, जो शक्ति और साहस के मामले में, उससे बेहतर प्रदर्शन करेगा ।

 

इधर जादुई शर्बत की वजह से याददाश्त खो चुका सिगर्ड, गुड्रुन के भाइयों को खुश करने की कोशिश के तहत गुन्नार बन कर ब्रिनहिल्ड का हाथ जीतने में उसकी मदद करता है तथा उससे शादी करवा देता है । इधर ब्रिनहिल्ड इस सत्य से अनजान थी कि सिगर्ड स्वयं ही जादुई छलावे का शिकार हो चुका है । ब्रिनहिल्ड को लगता है कि सिगर्ड ने उसके साथ दोबारा धोखा किया है और अपने साले गुन्नार से उसका ब्याह छल पूर्वक करवा दिया है तो वो गुड्रुन के भाइयों की मदद से ही सिगर्ड की हत्या करवा देती है और अंतिम संस्कार के समय मृत सिगर्ड की चिता में बैठ कर खुद भी आत्महत्या कर लेती है ।

 

यह दु:खद प्रेम कथाओं मे से, एक है । इस आख्यान के अनेकों संस्करण है जिनमे से नॉर्स और जर्मनिक स्रोतों के मिथक ज्यादा कहे और सुने जाते हैं । इस कथा में प्रेम है और विश्वासघात भी । इसके इतर कतिपय जादुई कृत्यों के आधार पर भाग्य निर्धारण के कथन भी । कथा की खूबसूरत नायिका ब्रिनहिल्ड, देवता ओडिन की अवहेलना के दंड स्वरूप जलते हुए महल में कैद है , वो नायक सिगर्ड के पराक्रम से मुक्त होती है , नायक जिसकी वीरता और ख्याति में ड्रैगन फफ़्निर की हत्या के सितारे जड़े हुए हैं । बहरहाल कथा का नायक सिगर्ड , नायिका ब्रिनहिल्ड की  देह यष्टि और सौन्दर्य का मुरीद है तथा ब्रिनहिल्ड, सिगर्ड के साहस और वीरता की ।

 

देवता द्वारा तयशुदा अंतहीन कैद से मुक्ति के बाद, खुली हवा में सांस लेते ही बलशाली सिगर्ड के साथ जीवन गुजारने की लालसा ब्रिनहिल्ड में जागना ही थी । आख्यान कहता है कि वो दोनों एक दूसरे को ब्याह का वचन देते हैं किन्तु एक जादुई कृत्य, तरल पेय पदार्थ  का सेवन, नायक का अतीत विलोपित करने मे सफल हो जाता है और नायक सिगर्ड, नायिका ब्रिनहिल्ड से की गई वैवाहिक वचनबद्धता को भूलकर राजा की बेटी से ब्याह कर लेता है । नायिका के वास्तविक जीवन में यह पहला धोखा था जो स्वयं उसके प्रेमी ने दिया था, भले ही इस धोखे के लिए जादुई कृत्य की सांकेतिकता का उल्लेख किया गया हो । किन्तु प्रश्न यह भी पूछा जा सकता है कि, क्या यह संभव नहीं कि राजा जैसे कुलीन परिवार में ब्याह करना सिगर्ड ने स्वयं ही चुना हो ?

 

प्रेम में विश्वासघात जैसे यकीन के साथ जीवन जी रही ब्रिनहिल्ड, कथित जादुई कृत्य से अनभिज्ञ है और वो किसी अन्य पराक्रमी योद्धा से ब्याह की सशर्त घोषणा करती है । सिगर्ड अपने नवदाम्पत्य से तादात्म्य स्थापित करने की कोशिश में, अपने ही साले गुन्नार से ब्रिनहिल्ड का ब्याह करवा देता है । यह दूसरा छल था जिससे आहत ब्रिनहिल्ड अपने ही पूर्व प्रेमी की हत्या का संकल्प ले लेती है , भले ही वो उसका प्रथम स्वप्न था । अंततः

जिस परिवार के लिए सिगर्ड ने जाने या अनजाने मे ही ब्रिनहिल्ड को मानसिक चोट पहुंचाई थी । उसी परिवार की मदद से वो सिगर्ड को मृत्यु दंड दे देती है । यह एक दु:खी युवती का प्रतिकार था । जिसने प्रेम में बारम्बार चोट खाई थी ।

 

ब्रिनहिल्ड छल के प्रतिशोध स्वरूप मृत्यु दंड को चुनती है । उन हाथों को चुनती है , जिन्होंने उसके प्रेमी को उससे छीन लिया था । यह मिथक, नायिका के प्रतिकार पर समाप्त नहीं होता बल्कि एक समर्पित प्रेयसी या पत्नि की तरह से सिगर्ड की मृत देह के निकट अंतिम संस्कार के समय आत्मघात कर लेना, प्रतीकात्मक रूप से राजपूताने की स्त्रियों की जौहर गाथा जैसा लगता है । संभव है कि कथा को बाँचते समय यह तथ्य याद रह जाए कि राजपूताने में बहुपत्नियों का सहअस्तित्व सहज स्वीकार्य है , जबकि ब्रिनहिल्ड पत्नियों की बहुलता में विश्वास नहीं रखती, ऐसा प्रतीत होता है ।