इबीबियो में जन्मी खूबसूरत लड़की जो बसंत ऋतु में पैदा हुई
थी सो उसके माता पिता ने उसका नाम अकीम रखा,उसके माता पिता बेहद गरीब थे लेकिन
अपनी इकलौती बेटी को बहुत ज्यादा प्यार करते थे । वो कोशिश करते कि अकीम अपनी
घरेलू जिम्मेदारियों को समझे और उन लड़कियों की सोहबत से दूर रहे जो शहरी तौर
तरीकों से प्रभावित हुआ करती हैं । एक रोज अकीम पास के ही झरने में पानी भरने गई, जहां उसे शहरी जिंदगी,
रुझान और स्वभाव वाली सात लड़कियां मिलीं । वैसे तो वो लड़कियां अकीम के सौन्दर्य के
प्रति जलन का भाव रखती थीं पर उन्होंने दिखावटी अपनापे के साथ अकीम से कहा कि वो लोग
चार पांच दिनों बाद शहर जाएंगी और वहां नाटक तथा अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों में
हिस्सा लेंगी इसलिए अकीम को भी उनके साथ शहर जाना चाहिए । अकीम ने उनसे कहा कि वो माता
पिता को छोड़ कर शहर नहीं जा सकती, क्योंकि उसे घर के काम भी करना होते हैं, इसलिए
पसंद होने के बावजूद वो, नाटक, नृत्य वगैरह देखने के लिए शहर नहीं जा सकती । अकीम
के इंकार से आहत लड़कियों ने साजिश के तहत योजना बनाई कि वो लोग रोज अकीम के घरेलू
कामों में मदद का दिखावा करके, उसका विश्वास जीतेंगी और फिर अकीम से बदला लेंगी ।
इसके बाद वो लड़कियां अकीम की मदद के लिए उसके घर आने लगीं ।
वो घर की साफ सफाई करने और झरने से पानी लाने में अकीम की मदद करतीं तथा उसका दिल
जीतने की कोशिश करती हालांकि उनके इस व्यवहार में अकीम को नुकसान पहुंचाने का मकसद
भी छुपा हुआ था । अकीम के माता पिता ने शहर में होने वाले आयोजन से ठीक पहले अकीम
को फर्श चमकाने और घास उखाड़ने का अतिरिक्त काम भी बता दिया ताकि अकीम उन लड़कियों
के साथ शहर जाने से बच जाए लेकिन लड़कियां चालाक थीं और उन्होंने अकीम का सारा काम
निपटाने में खास मदद की और कहा, अब शहर चलो सारा काम निपट गया है चूंकि अकीम भी
नृत्य नाटक देखने की चाहत अपने दिल में छुपाये हुई थी तो वह उन लड़कियों के साथ शहर
की ओर चल दी । रास्ते में एक नदी थी जहां एक खतरनाक जलजीव जू जू रहता था जो नदी
पार करने वालों से खाने की वस्तुएं मिलने के बाद ही नदी पार करने देता वर्ना पानी
में डुबा कर मार डालता । अकीम को यह रहस्य पता नहीं था लेकिन वो सातों लड़कियां यह
रहस्य जानती थीं इसलिए जू जू को खाना देकर उन सभी ने नदी पार कर ली और अकीम इस बात
को समझी भी नहीं ।
नदी के उस पार ऊंचे दरख्त पर बैठा एक नन्हा पंछी अकीम की
खूबसूरती की तारीफ में गीत गाने लगा, जिसे सुनकर सातों लड़कियां और भी जल भुन गईं ।
समारोह स्थल पर पहुंच कर अकीम ने कोई शृंगार नहीं किया लेकिन वो लड़कियां बेहतरीन
कपड़े और गहने पहन कर तैयार हुई हालांकि वहां मौजूद युवाओं और अन्य लोगों ने अकीम
को उस जगह मौजूद सभी लड़कियों में से, सबसे ज्यादा खूबसूरत लड़की घोषित किया और उसे
खाने पीने का मनचाहा सामान उपहार में दिया । देर रात तक सब ठीक और आनंदमय था लेकिन
अकीम को पता था कि अगली सुबह उसके माता पिता को घर में उसकी गैरहाजिरी का पता चल
जाएगा । उसने लड़कियों से कहा, हमें सुबह जल्द से जल्द घर वापस लौटना होगा ।
लड़कियां समारोह स्थल में युवाओं की अवहेलना को महसूस करते हुए और भी ज्यादा
ईर्ष्यालु हो गईं थीं । तो उन्होंने जू जू को उपहार स्वरूप देने के लिए थोड़ा थोड़ा
भोजन छुपा कर रख लिया और अकीम को इस बात पता भी नहीं चला । नदी पार करते समय जू जू
को, सातों लड़कियों द्वारा खाना देते देख कर अकीम का माथा ठनका, उसने, उनसे कहा कि वो
लोग उसे भी जरा सा खाना दे दें ताकि वो भी जू जू को भेंट दे सके ।
लेकिन उन सबने मना कर दिया और आराम से नदी पार कर गईं जबकि जू
जू ने खाना नहीं मिलने पर अकीम को पानी में डुबा दिया । अकीम को पानी में डूबते
देख कर वो सातों लड़कियां बहुत खुश हुईं उन्हें लगा कि रास्ते का कांटा दूर हो गया
है और किसी ने इस घटना को देखा भी नहीं है जबकि छोटे परिंदे ने यह सब देखा था । परिंदे
ने तय किया कि वो अकीम के माता पिता को सही समय आने पर सारे राज बता देगा । अगली सुबह, अकीम के माता-पिता को यह देख कर बहुत आश्चर्य हुआ कि कमरे का दरवाज़ा बंद था और उनकी बेटी का कहीं कोई नाम-ओ-निशान तक नहीं था । उन्होंने अपने पड़ोसियों से
पूछा, लेकिन कोई भी उन्हें अकीम के बारे में जानकारी नहीं दे पाया इसके बाद वो
दोनों, उन सातों लड़कियों के पास गए
और उनसे पूछा कि अकीम का क्या हुआ । उन्होंने
जवाब दिया कि उन्हें नहीं पता कि उसका क्या हुआ लेकिन वह, उनके साथ सुरक्षित रूप से गांव लौट आई थी और फिर वो बोली कि वो अपने
घर जा रही है । इसके बाद अकीम का चिंतित
पिता नदी तट पर गया, जहां पर नन्हे परिंदे ने उसे पूरा घटना
क्रम बताया ।
अकीम के पिता ने जू जू से प्रार्थना की कि वो, अकीम को, उसे
लौटा दे तब जू जू ने पिता से कहा टोकरी भर अंडे और सफेद कपड़ा मुझे उपहार स्वरूप
दें तो अकीम को मैं नदी से सात बार बाहर फेंकूँगा यदि आप उसे पकड़ पाए तो ठीक है वर्ना
अकीम हमेशा के लिए गायब हो जाएगी । अगली सुबह अकीम के माता-पिता नदी तट पर गए और जू
जू की सलाह के अनुसार बलि दी । जैसे ही उन्होंने ऐसा किया, जू जू ने अकीम को नदी से बाहर फेंका, जिसे अकीम के पिता ने तुरंत पकड़ लिया और
बहुत शुक्रगुज़ार होकर घर लौट आए । हालांकि उन्होंने कभी, किसी को नहीं बताया कि उन्होंने
अपनी बेटी को बरामद कर लिया है, लेकिन उन्होंने उन लड़कियों को दंडित करने
का मन बना लिया था । इसके बाद उन्होंने अपने आंगन में एक गहरा गड्ढा
खोदा और गड्ढे के तल में सूखे ताड़ के पत्ते और नुकीले डंडे रख दिए फिर गड्ढे के ऊपर
नई चटाई बिछा दी और सभी लोगों को संदेश भेजा कि वो आयें और खुशी मनाने के लिए आयोजित
सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लें,
क्योंकि उन्होंने अपनी बेटी को प्रेत लोक से
बरामद कर लिया है ।
बहुत से लोग आए और पूरे दिन और रात नाचते-गाते रहे, लेकिन ईर्ष्यालु लड़कियां दिखाई नहीं दीं, क्योंकि वो डरी हुई थीं, हालाँकि जब उन्हें बताया गया कि पिछले दिन सब कुछ ठीक ठाक रहा था । कोई परेशानी नहीं हुई तो वो सभी अगली सुबह अकीम के घर गईं और नर्तकियों के साथ
घुलमिल गईं लेकिन वो लोग अकीम का सामना करने
में शर्मिंदा थीं, जो नृत्य घेरे के बीच–ओ- बीच में बैठी थी ।
अकीम के पिता ने अपनी बेटी की सहेलियों की तरह से उन लड़कियों का स्वागत करने का नाटक
किया और उनमें से प्रत्येक को एक पीतल की छड़ भेंट की और उनके गले में पहना दिया फिर उन्हें पीने के लिए टॉम्बो भी दिया । इसके बाद उनसे
कहा कि वो लोग आंगन के दूसरी तरफ जाकर चटाई पर बैठ जाएं । जब वो लड़कियां गड्ढे को छिपाने
वाली चटाई पर गईं तो सभी गड्ढे में गिर गईं और अकीम के पिता ने तुरंत आग से कुछ गर्म
राख ली और उसे चिल्लाती लड़कियों के ऊपर फेंक दिया । सूखे ताड़ के पत्तों ने तुरंत
आग पकड़ ली और इस तरह से सातों लड़कियां एक साथ मार डाली गईं । जब लोगों ने चीखें सुनीं और धुआँ देखा, तो वो सभी अकीम के घर की तरफ भागे लेकिन तब
तक देर हो चुकी थी ।
अगले दिन मृत लड़कियों के माता-पिता, ग्राम प्रधान के पास गए
और शिकायत की कि, अकीम के पिता ने उनकी बेटियों को मार डाला है । प्रधान ने अकीम के पिता को बुलाया और उससे स्पष्टीकरण माँगा । अकीम का पिता,
जू जू, जिस पर सभी लोग भरोसा करते थे
और छोटे पक्षी को अपने गवाह के रूप में लेकर
प्रधान के पास गया । जब प्रधान ने पूरा मामला सुना, तो उसने अकीम के पिता से कहा कि उसे अपनी बेटी का बदला लेने के लिए केवल एक लड़की
को मारना चाहिए था, सातों को नहीं, फिर कुछ सोचकर उसने अकीम
के पिता से कहा कि वह अकीम को उसके सामने लाए । जब वह आई, तो प्रधान ने देखा कि वह कितनी सुंदर थी,
इसके बाद उसने कहा कि अकीम के पिता ने सातों
लड़कियों को मारने का औचित्य सिद्ध किया है और मामले
को खारिज कर दिया, फिर मृत लड़कियों के माता-पिता से कहा कि वे
लोग चले जाएँ और अपनी बेटियों के लिए शोक मनाएँ, जो दुष्ट और ईर्ष्यालु थीं
और उन्हें अकीम के साथ क्रूर व्यवहार के लिए
उचित दंड दिया गया था ।
यह आख्यान अफ्रीकी देश, नाइजीरिया का है । इस कथा में अकीम
नाम की लड़की के नैसर्गिक सौन्दर्य की बात की गई है और उसका नामकरण बसंत ऋतु में
हुए उसके जन्म को संबोधित है । इस आख्यान में उसके अभिभावक, सामाजिक आर्थिक
संस्तरण मे सबसे निचली पायदान पर जीवन यापन करने वाले मनुष्य माने गए हैं । अकीम इकलौती
लड़की है और उसके अभिभावकगण उसके प्रति अत्यधिक संरक्षण का भाव रखते हैं । वो अभिभावकों
का सम्मान करती है, आज्ञाकारिणी है और तमाम घरेलू काम स्वयं निपटाती है क्योंकि ये
लोग घरेलू सहायिका के पारिश्रमिक का भार वहन नहीं कर सकते हैं । कथा के मध्य में
यह ज्ञात होता है कि अकीम नृत्य, नाटक और अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों में रुचि
रखती है किन्तु अपने माता पिता की अवज्ञा, घरेलू कार्यों से मुंह फेरने जैसा कृत्य
नहीं करती क्योंकि वो अपने अभिभावकों की प्रतिष्ठा को सर्वोपरि मानती हैं इसके
बरअक्स उसी कस्बे की सात घुमक्कड़ लड़कियां, अकीम के सौन्दर्य से ईर्ष्या रखती हैं
और चाहती हैं कि अकीम उनकी तरह घर बाहर निकले उनकी सहेली बने और कस्बे से बाहर,
शहर घूमने में उनका साथ दे ।
सातों लड़कियां बाहर घूमने के लिए स्वतंत्र और स्वच्छंद हैं
तो प्रतीत होता है कि वो सभी सामाजिक आर्थिक संस्तरण की दृष्टि से अकीम के परिवार
की तुलना में उच्चवर्गीय या धन सम्पन्न रही होंगी । नि:संदेह इन लड़कियों की
घुमक्कड़ी को उनके अभिभावकों का समर्थन रहा होगा । अकीम के अभिभावक उन सभी लड़कियों
की मित्रता को अकीम के लिए उचित नहीं मानते थे, कदाचित वो उन्हें बिगड़ी हुई
लड़कियों की श्रेणी में गिनते थे इसलिए कोशिश करते थे कि अकीम उनकी सोहबत, मित्रता
से दूर रहे । आख्यान के इस संकेत को हम अकीम के परिवार और उन सातों लड़कियों के
परिवारों के मध्य सामाजिक दूरी की तरह से स्वीकार कर सकते हैं । कथा कहती है कि वो
लड़कियां षड्यंत्रकारी स्वभाव की थीं अगर घटनाक्रम उनके मनवांछित ना घटे तो वे
मित्रवत सहयोग का दिखावा और कालांतर में विश्वासघात करने से नहीं चूकती थीं । अकीम
द्वारा शहर घूमने और मित्रता अस्वीकार करने के उपरांत उन सातों लड़कियों ने ऐसा ही
किया पहले सहयोग प्रदर्शन से विश्वास जीता और बाद में नदी में डूब कर मरने के लिए
छोड़ दिया । संभवतः अकीम के अभिभावक उन लड़कियों के स्वभाव से परिचित रहे होंगे तभी
तो वे अकीम को लड़कियों से दूर रखना चाहते थे ।
उन्होंने शहर में सांस्कृतिक आयोजन से ठीक पहले अकीम को
अतिरिक्त घरेलू कार्य सौंपे किन्तु चालाक और दुष्ट लड़कियों ने उनकी इस मंशा को
विफल कर दिया । यह आख्यान खूबसूरती की कृत्रिमता को त्याज्य और नैसर्गिकता को
स्वीकारणीय मानता है अतः नदी के उस पार जाते समय नन्हे परिंदे द्वारा अकीम का
स्तुति गान और समारोह के दौरान युवकों द्वारा अकीम को सर्वश्रेष्ठ युवती चुने जाने
का विशेष उल्लेख किया गया है । मिथक कहता है कि सातों लड़कियां कपड़े और गहनों से
सजधज कर भी युवकों की पसंद नहीं बन पाईं अतः कथा संकेत ये है कि उक्त समाज में
सौन्दर्य की प्रकृति प्रदत्त विशिष्टताओं का सम्मान था और दिखावे के लिए सजना अथवा
प्रदर्शन प्रियता, खूबसूरती का मानदंड नहीं था । परिंदे और युवकों की पसंद अकीम,
यानि कि प्रकृति की प्रथम वरीयता नितांत प्राकृतिक, नैसर्गिक सौन्दर्य । सातों
लड़कियां, अच्छे कपड़ों, अच्छे गहनों के उपयोग वाले कृत्रिम साज शृंगार के बावजूद
अकीम से मात खा गईं तो उसका परिणाम अकीम की अकाल मृत्यु का जतन । अकीम के पिता को
जलजीव जू जू ने उपहार के बदले, अकीम वापस सौंप दी और परिंदे ने सातों लड़कियों की
साजिश का रहस्योद्घाटन कर दिया ।
अकीम के पिता ने अकीम की वापसी के जश्न के नाम पर उन सातों लड़कियों को अग्नि स्नान वाली पीड़ा दायक मृत्यु दी । यह दंड, षडयंत्र के बदले षडयंत्र और पानी में दम घुटकर मरने जैसा, कष्ट दायक था । बहरहाल लड़कियों के पिता की शिकायत पर प्रधान की राजतान्त्रिक, परंपरावादी, अलिखित न्याय प्रणाली में सर्व प्रथम अकीम की मृत्यु के बदले एक लड़की की हत्या के न्यायोचित होने का उल्लेख है किन्तु नन्हा परिंदा और जलजीव जू जू , अकीम के पक्ष में गवाही देकर अकीम के पिता की मुक्ति का मार्ग प्रशस्त करते हैं । परिंदे और जू जू पर कथाकालीन समाज के सभी लोग सहज विश्वास करते हैं सो ग्राम प्रधान भी । हालांकि अकीम की मृत्यु के षडयंत्र के बदले, सातों लड़कियों में से केवल एक लड़की की मृत्यु के न्यायोचित होने का संकेत देने वाला ग्राम प्रधान, अकीम के नैसर्गिक सौन्दर्य से अभिभूत होकर इस निर्णय पर जा पहुंचता है कि सातों लड़कियां क्रूर और दुष्ट थीं तथा उन सातों को दिया गया मृत्यु दंड न्यायोचित है । आख्यान कालीन समाज की अलिपिबद्ध न्याय प्रणाली के अंतर्गत न्याय की यह फिसलन, कदाचित जलजीव जू जू और नन्हे परिंदे की गवाही के साथ ही साथ अकीम के अनिंद्य प्राकृतिक सौन्दर्य की पक्षधरता पर आधारित है ।