गुरुवार, 19 सितंबर 2024

तिर ना नॉग

नियाम, तिर ना नॉग की राजकुमारी थी । वो अपने जादुई घोड़े पर सवार होकर अक्सर धरती के चक्कर लगाती घूमती फिरती ऐसे ही किसी एक दिन वो, आयरलैंड की भूमि पर विचरण करते हुए फियाना समूह के क्षेत्र में जा पहुंचती है जहां पर उसे ऑइसिन मिलता है । नियाम और ऑइसिन की यह मुलाकात बेहद सम्मोहक रही, भले ही ऑइसिन साधारण मानव था और नियाम स्वर्ग तुल्य स्थान की निवासी, किन्तु वो दोनों एक दूसरे के प्रति मोहित हो गए । दोनों के पारस्परिक आकर्षण का परिणाम यह हुआ कि, नियाम, ऑइसिन को अपनी राज्य में ले जाती है, जहां उन दोनों का ब्याह सम्पन्न होता है और वे नवजीवन की शुरुआत करते हैं , कुछेक साल दोनों सारी दुनिया को भूलकर एक दूसरे में खोए रहते हैं ।

कुछ समय बाद ऑइसिन, नियाम के पिता से केवल एक बार अपनी जन्मभूमि वापस लौटने की अनुमति मांगता है ताकि वो अपने पिता से मिल सके, उन्हें देख सके । नियाम और उसके पिता गहन मंत्रणा के बाद, ऑइसिन को अपने पिता से मिलने के लिए सशर्त अनुमति देते हैं कि वो जादुई घोड़े में सवार होकर अपनी जन्मभूमि में जाएगा और अपने पिता से मिलेगा, किन्तु घोड़े से उतर का आयरिश धरती पर पैर नहीं रखेगा अन्यथा वो फिर कभी भी तिर ना नॉग वापस नहीं लौट सकेगा और अपना प्यार खो बैठेगा । वो इस शर्त से सहमति व्यक्त करता है । ऑइसिन वापस आयरलैंड लौटता है , लेकिन उसकी मातृभूमि में सब कुछ बदल गया था । वो देखता है कि नियाम के साथ रहते हुए उसने लगभग तीन साल गुज़ारे थे जोकि आयरिश धरती के तीन सौ साल के बराबर का समय होता है ।

समय के फेर में उसकी मातृभूमि उसकी कल्पना से कहीं ज्यादा बदल चुकी थी । उसका कोई रिश्तेदार अब जीवित नहीं था और पिता भी नश्वर दुनिया को छोड़ चुके थे । दुख और अवसाद में घिर गए ऑइसिन के लिए यह दुनिया सर्वथा अपरिचित थी । वो घोड़े में सवार पूरे आयरलैंड में दीवानावार घूमता रहा और एक दिन घोड़े से जमीन पर गिर गया । जैसे ही उसका जिस्म आयरिश मिट्टी को छूता है, वो बूढ़ा होने लगता है । बाल सफेद और मुंह दांतों से खाली एकदम अशक्त काया, उसकी आंखे कुछ भी नहीं देख पातीं और वो नश्वर दुनिया के निर्धारित प्राकृतिक नियमों के आधार पर काल के गाल में समां जाता है और फिर कभी अपनी प्रियतमा से मिल नहीं पाता ।

यह मिथक तुआथा दे दानन समूह के चिर युवा और अमर देवी देवताओं की तुलना में आयरिश भूमि में रहने वाले फियाना समूह के नश्वर मनुष्यों में से एक ऑइसिन के प्रेम का कथन करता है । ऑइसिन जोकि ड्रयूड की जादुई आक्रामकता के कारण से नेतृत्वकर्ता फिओन का नन्हा हिरण पुत्र है और मनुष्य के रूप  में जवान हो चुका है । कदाचित तुआथा दे दानन समूह के अमरत्व प्राप्त लोग इस समय तक आयरलैंड छोड़ चुके थे और आयरिश धरती पर नश्वर मनुष्यों की बसाहट बढ़ गई थी । तुआथा दे दानन समूह की युवा देवी क्लीओना जहां अन्य समुद्रपारीय देश के सीओबान से प्रेम करने लगी थी, वहीं फियाना समूह के नश्वर युवा ऑइसिन के प्रेम में तिर ना नॉग की अमर देवी नियाम का पड़ जाना, सांकेतिक रूप से यह संदेश देता है कि प्रेम के लिए अमरता और नश्वरता का कोई भेद भाव नहीं । प्रेम होता है तो बस होता है ।

बहरहाल तुआथा दे दानन और तिर ना नॉग की नायिकाओं के स्वभाव और प्रेम में जो बदलाव दिखाई देता है, वो ये कि तुआथा दे दानन की क्लीओना जहां नश्वर प्रेमी के लिए अपना अमरत्व छोड़ने के लिए तैयार थी और कुलीनता बनाम सामान्यता के वर्ग भेद ने उसके प्राण ले लिए थे या फिर उसे बंदिनी बना लिया था, वहीं तिर ना नॉग की राजकुमारी नियाम नश्वर ऑइसिन को अपने देश यानि अमरता और चिर युवाओं के देश ले जाती है । जहां कुलीनता सामान्यता का विरोध  नहीं  करती है, उसका पिता नश्वर मनुष्य को अपना दामाद स्वीकार कर लेता है । वे सुख पूर्वक साथ रहते हैं किन्तु पूर्वजों के प्रति नायक की लालसा और दोनों संसारों के समय भेद ने नश्वर नायक को काल के गाल में भेज दिया ।