एक दिन सारे परिंदों ने
तय किया कि उन्हें एक राजा की ज़रूरत है और राजा, वो परिंदा बनेगा जो सबसे ऊंचा उड़ेगा ! अगली सुबह सारे प्रतिस्पर्धी एक
मैदान में इकट्ठा हुए और उल्लू की सीटी बजते ही आकाश की ओर उड़ चले, जैसे जैसे ऊंचाई बढ़ती जा रही थी, छोटे छोटे
परिंदे थक कर वापस लौटने लगे, क्योंकि उन्होंने इससे पहले
कभी भी इतनी ऊंची उड़ान नहीं भरी थी ! जल्द ही प्रतिस्पर्धा में केवल तीन परिंदे
बाक़ी रह गए, एक तो गिद्ध, दूसरा उकाब
और तीसरा बाज़ ! चूंकि प्रतिस्पर्धा के दौरान सूरज बेहद तप रहा था, सो बाज़ भी प्रतिस्पर्धा से बाहर हो गया, इसके बाद
उकाब और गिद्ध, ऊपर की ओर उड़ते रहे, यहां
तक कि सूरज की गर्मी से दोनों पक्षियों के सिर के बाल / पंख झुलसने लगे थे और उनके
सिरों में गंज दिखाई देने लगी थी, कुछ देर बाद उकाब भी गर्मी
की ताब ना ला सका और होड़ से बाहर हो गया, जबकि गिद्ध लगातार
ऊंचा उड़ता रहा, यहां तक कि उसके जिस्म के ज्यादातर पंख भी जल
गए ! तब से गिद्ध,पक्षियों का राजा कहलाया, हालांकि उस दिन के बाद से उसके बच्चे भी गंजे सिर और नुचे / जले हुए पंखों
वाले शरीर के साथ पैदा होते हैं...