गुरुवार, 22 जून 2023

चेन लियेन


वू तांग एक संपन्न घर का युवा था, जो चेन लियेन के पड़ोस मे अपनी छुट्टियां बिताने आया हुआ था और वह पेड़ पर चढ़कर पक्षियों के घोंसले की तलाश कर रहा था । उसने देखा कि चेन लियेन अपने बागीचे में बैठी हुई कढ़ाई करते हुए, गुनगुना रही थी । वू तांग को चेन लियेन की आवाज ने सम्मोहित कर दिया । वह फुसफुसाया, मुझे मेरी दुल्हन मिल गई है और उसने अपने माता-पिता से कहा कि शादियां करवाने वाले को तुरंत बुलवाएं और इस लड़की से मेरी शादी तय कर दें । शादी करवाने वाले ने चेन लियेन के परिवार से सामान्य चर्चा की और कहा कि चेन लियेन, वू तांग को पसंद है, लेकिन चेन लियेन ने कहा कि मैं वू तांग से अकेले में बात करना चाहती हूं । असल में चेन लियेन बचपन की एक घटना के कारण अपनी एक भौं पर घाव के निशान से चिंतित थी । वह भूल से भी आईना नहीं देखती थी, उसे वह निशान, हमेशा परेशान करता । वह अपना ज्यादातर समय अपने बगीचे मे बिताती, जहां पर बैठे हुए उसे, वू तांग ने देखा था ।

शादी की बात चल रही थी, तो चेन लियेन ने शादियां करवाने वाले मध्यस्थ से कहा कि, मेरे भावी पति को स्पष्ट कहिए कि वह मुझसे मिल लें । मेरी भौं पर चोट का एक निशान है, उन्हें इस निशान को देख लेना चाहिए और तभी शादी के लिए हां करना चाहिए, मध्यस्थ वू तांग के पास गया और उससे यह बात कही तो वू तांग ने कहा, कोई बात नहीं, मैं इसी लड़की से विवाह करूंगा । शादी के दिन चेन लियेन के घर के बगीचे को शानदार फूलों से सजाया गया था और चेन लियेन दुल्हन की पोशाक में खड़ी थी और असहज महसूस कर रही थी । उसने अपनी मां से कहा कि आपको विश्वास है कि, वू तांग मुझे स्वीकार कर लेगा ? चेन लियेन की मां ने कहा, मेरी बच्ची मैं तुम्हें सौ बार बोल चुकी हूं कि वू तांग के लिए तुम्हारी चोट का निशान कोई मायने नहीं रखता और वह इसके बावजूद तुमसे शादी करना चाहता है । चेन लियेन को मेहमानों के साथ खड़े अपने भावी पति की चिंता थी कि, वह आकर,उसके घाव के बारे में कोई बात क्यों नहीं करता ।

शादी का समारोह संपन्न हुआ और पति ने अपनी पत्नी का घूंघट उठाया और उसकी भौं को देखकर चुप रहा, चेन लियेन को आश्चर्य हो रहा था कि, उसका पति उसकी भौं के निशान को लेकर चुप क्यों है । उसने कहा कि, मैं जब छोटी लड़की थी तो मेरा परिवार एक लंबी यात्रा पर गया था, जहां मैं बागीचे में खेल रही थी, तभी एक छोटे बच्चे ने एक पत्थर फेंका जो मेरी भौं पर लग गया था, जिससे एक गहरा निशान बन गया है । मुझे विश्वास है कि उस लड़के ने जानबूझकर वो पत्थर मुझे नहीं मारा था । वू तांग ने अपनी पत्नी से पूछा कि, क्या तुम्हें याद है, उस छोटे लड़के का क्या नाम था ? चेन लियेन ने कहा, वह भी एक आगंतुक था और मुझे उसका नाम याद नहीं है । वू तांग ने कहा, तुम जिस बगीचे में खेल रही थीं, क्या वह बीजिंग में ली परिवार का था ? चेन लियेन हैरान होकर कहा, आप इस बात को कैसे जानते हैं ? वू तांग ने कहा कि वह लड़का मैं ही था और मेरे माता पिता ने मुझे अक्सर बताया है कि, ली परिवार के बागीचे में, जब मैंने पत्थर फेंका था तब एक बच्ची के माथे पर गहरी चोट लगी थी । यह एक नियति है और तुम्हें लगी हुई चोट के लिए मैं ही उत्तरदाई हूं । इसलिए मुझे क्या करना है ,यह मैं ही तय करूंगा ।

इसके बाद वू तांग ने एक ब्रश और काली स्याही की सहायता से अपनी पत्नी की नई भौं बनाई जो पतली और घुमावदार थी, ठीक विलो वृक्ष की पत्ती की तरह । यह चेन लियेन की दूसरी भौं के जैसी थी । अब कोई नहीं कह सकता था कि, दोनों भौं में कोई अंतर है ?  इसके बाद, वू तांग अपनी पत्नी चैन लियेन के साथ खुशहाल जीवन व्यतीत करने लगा । वह हर एक सुबह अपनी पत्नी की चोट वाली भौं पर ब्रश और काली स्याही से एक नई भौं बना दिया करता और इस तरह वे सदैव एक दूसरे का साथ देने के लिए और बेहतरीन जीवन जीने के लिए संकल्पित बने रहे...

इस आख्यान का संबंध चीन से है जो अत्यंत संवेदनशील और भावुक जोड़े की कथा कहता है इस आख्यान में युवती अपनी भौं में लगी चोट से व्यथित है और वह विवाह से पूर्व अपने भावी पति को इसके संबंध में स्पष्ट रूप से अवगत कराना चाहती है , अतः वह शादी के लिए नियुक्त मध्यस्थ से इस विषय में चर्चा भी करती है कि, युवक वू तांग उसे एक बार देख ले, उससे व्यक्तिगत चर्चा कर ले ।  वह वू तांग को अपनी चोट का निशान दिखाना चाहती है, जिसे लेकर उसमें यह भावना दृढ़ हो गई है कि वह बदसूरत हो चुकी है वह आइना नहीं देखती बल्कि अपना अधिकांश समय अपने बागीचे में व्यतीत करती है वह अपने भावी पति को किसी भी प्रकार से  धोखा नहीं देना चाहती कथा से यह भी स्पष्ट होता है कि चेन लियेन, कढ़ाई और गायन जैसे कार्यों में निपुण है और अपना अधिकांश समय इन्हीं कार्यों में व्यतीत करती है चेन लियेन, विवाह समारोह से पूर्व अपनी मां से अपनी शंका का निवारण चाहती है और विवाह के पश्चात अपने पति से हुई, चर्चा को लेकर हतप्रभ रह जाती है, जब उसे पता चलता है कि उसके बालपन की घटना का संज्ञान उसके पति को है । चेन लियेन का पति, संकेतों और चुने हुए शब्दों के माध्यम से उसे अवगत कराता है कि जिस बालक को वह घटना का मासूम सहभागी मान रही है। वह वू तांग स्वयं है।

इस आख्यान को पढ़ने से, यह प्रतीत होता है कि यह कथानक  संवेदना के धरातल पर अत्यधिक प्रभावशील है । बालपन की घटना में सम्मिलित लड़की और लड़का, अब युवा होकर पति, पत्नी हो गए हैं और वे दोनों एक दूसरे के साथ अपनी परिचित, अपरिचित कथा का रहस्योदघाटन करते हैं । वू तांग कहता है कि वह चेन लियेन के बालपन का अपराधी है और उसकी जिम्मेदारी बनती है कि वह उस अपराध का निवारण करे । चेन लियेन अपने पति को अपने बारे में स्पष्ट बताना चाहती थी और उसका पति बालपन उससे अनायास हुए अपराध का निवारण करना चाहता है, इसलिए वह उससे विवाह करता है और जीवन भर उसकी चिंता करता रहता है । कुल मिलाकर यह कथा स्पष्ट करती है कि अगर पति पत्नी के दरमियान आपसी समझ बूझ और एक दूसरे की परवाह हो तो परिवार सदैव सुरक्षित, संरक्षित रहता है। परिवार की निरंतरता का आधार जोड़े का पारस्परिक, मित्रवत व्यवहार तथा परस्पर हितैषी भावना है । वू तांग आजीवन अपनी पत्नी का श्रृंगार करता रहता है जो कि इस बात का प्रतीक है कि जिस कुरूपता के लिए वह उत्तरदाई था, उस कुरूपता को वह प्रतिदिन सुंदरता में परिवर्तित करता है और अपनी पत्नी के प्रति अपने समर्पण का उदघोष करता है ।  कुल मिलाकर यह कथा बालपन की चिंताओं, अपराध बोध और युवा समय में एक दूसरे से स्पष्ट बातचीत, समझ बूझ की कथा है तथा यह प्रकटित करती है कि परिवार, दंपत्ति की आपसी फ़िक्र पर निर्भर करते हैं...