रविवार, 4 नवंबर 2018

सुंदर चिड़िया

एक समय की बात है जबकि लिम्पोपो नदी के पास एक बूढ़ा व्यक्ति और उसकी पत्नि रहते थे ! हरेक सुबह बूढ़ी स्त्री, नदी तक जाती और घड़े में पानी भर कर लाया करती, चूंकि उसकी उम्र अधिक हो चली थी, सो उसके लिए पानी से भरा हुआ घड़ा लेकर वापस घर लौटना कठिन हो चला था ! बूढ़े ने अपनी पत्नि से कहाअगर तुम सहमत हो जाओ तो मैं किसी युवा और ताकतवर स्त्री से दूसरा ब्याह कर लूं जो कि लकड़ियां काटने और नदी से पानी लाने में तुम्हारी मदद कर सके ! बूढ़ी पत्नि ने इस प्रस्ताव पर अपनी सहमति दे दी ! इसके बाद बूढ़े ने लिम्पोपो नदी के दूसरी ओरसघन जंगल मेंजहां अंजीर के बड़े बड़े वृक्ष थे और रात में हाथियों के चिंघाड़ने की आवाज़ें आया करती थींस्थित किसी छोटे से टोले में रहने वाली युवती से ब्याह कर लिया ! बूढ़े की युवा पत्नि अपने साथ मिट्टी का एक घड़ा लाई थी जिसे वो अपने शयन कक्ष के दरवाजे के पीछे रखा करती थी ! बहरहाल कुछेक दिनों के बाद बूढ़ी और युवा पत्नि के बीच का तनाव, खुलकर सामने आने लगा ! 

एक दिन बूढ़ी ने उस युवती से कहा कि जब मैं तुम्हें पानी लाने के लिए भेजती हूं तो तुम नदी में इतनी देर तक क्या करती रहती हो ? युवती यह सुनकर मुस्कराई और वहां से अलग हट गयी ! इस पर बूढ़ी और उसका पति सलाह मांगने के लिए गुनिया के पास गए ! गुनिया को देने के लिए उनके पासएक मुर्गा भी था पर गुनिया ने कहा, यह प्रकरण जटिल हैमुर्गे से काम नहीं चलेगा, तुम एक बकरा लाओ ! अगले दिन वृद्ध पति और पत्नि, गुनिया के पास एक बकरा लेकर पहुंचे तो उसने कहातुम सुबह जल्दी उठकर नदी के पास झाड़ियों में छुप जाना और सावधानीपूर्वक देखना कि वो युवती अपने घड़े में पानी भरते हुए और क्या क्या करती है ! अगली सुबह बूढ़े ने ऐसा ही कियावो यह देख कर हैरान रह गया कि युवा पत्नि ने नदी तट पर पहुंच कर जैसे ही घड़े का ढक्कन खोला, उसमें से एक बेहद खूबसूरत चिड़िया बाहर निकली और पास के दरख़्त की शाख पर बैठ कर गाने लगी और वो युवती, चिड़िया को एकटक निहारते हुए, उसका गाना सुनने लगी !

अचानक उसे लगा कि काफी देर हो चुकी है, तो उसने घड़े में पानी भरा और चिड़िया को अपने कपड़ों में छुपा कर घर वापस आ पहुंची, फिर घड़े का पानी खाली करके उसने, चिड़िया को घड़े में छुपाकर अपने शयन कक्ष में रख दिया ! इस घटनाक्रम का ब्यौरा देने बूढ़ा फिर से गुनिया के पास जा पहुंचा तो उसने कहा कि इस मुद्दे पर सलाह देने के लिए मुझे, तुमसे दो बकरे चाहिए ! उस बूढ़े ने ऐसा ही किया ! बकरे पाकर गुनिया ने बूढ़े से कहा कि उस चिड़िया को मार डालो ! रात में ये बात बूढ़े ने अपनी बूढ़ी पत्नि को बताई, लेकिन बूढ़ी पत्नि थोड़ी बहरी थी, सो बूढ़े को उसेकिस्सा बयान करने के लिए, ऊंचे सुर में बात करना पड़ी, जिसे युवती और चिड़िया ने सुन लिया ! अगली सुबह बूढ़े और बूढ़ी के जागने से पहले युवती ने अपना सामान बांध लिया और बूढ़े का घर छोड़ने के लिए तैयार हो गयी ! इस वक्त वो चिड़िया घड़े के ढक्कन के ऊपर बैठी थी ! युवती चिल्लाई, तुमने इस खूबसूरत चिड़िया को मारने की योजना बनाई जो कि मेरे लिए मेरी संतान के जैसी है ! इसलिए अब मैं यहां एक पल भी नहीं रुक सकती और वो वहां से चली गयी...

आख्यान का आरंभ ज़र्जर शरीर, दंपत्ति से होता है, जहां बूढ़ी पत्नि दैनिक पारिवारिक कार्यों को सम्पादित करने में पिछड़ रही है, अतः बूढ़ा पति अपेक्षाकृत युवा लड़की को दूसरी पत्नि बनाने का प्रस्ताव अपनी वृद्धा पत्नि के समक्ष रखता है ! दूसरे विवाह के पक्ष में तर्क, पारिवारिक दायित्वों के सम्यक निर्वहन तक सीमित है, सो बूढ़ी पत्नि के एतराज का कारण भी नहीं बनता था ! बहरहाल इस बेमेल विवाह में निहित अंतर्कथा ये है कि युवा पत्नि और बूढ़े पति के दरम्यान किसी रागात्मक सम्बन्ध की संभावना भी नहीं है ! कथनाशय ये है कि वहां दैहिक कामनाओं की पूर्ति का ख्याल भी दूर की कौड़ी लाने जैसा है, सो युवती की अन्यत्र प्राकृतिक अभिरुचियों / लालसाओं / जुड़ाव सम्बन्धी बयान, अस्वभाविक भी नहीं है ! इसके ऐन विपरीत वृद्ध दंपत्ति की प्राथमिक अपेक्षा, घरेलू कृत्यों का तत्पर संपादन है, इसलिए वृद्ध पति पत्नि और युवा पत्नि के दरम्यान, रुचियों / अपेक्षाओं के विरोधाभाष जनित तनाव को अनुचित भी नहीं कहा जा सकता !

आख्यान का दूसरा हिस्सा, दो पीढ़ियों के अयाचित जुड़ाव के सम्पूर्ण समापन / पटाक्षेप से पूर्व युवा पक्ष की अभिरुचियों को जड़ से समाप्त कर देने को समर्पित है, ताकि युवा पक्ष, वृद्ध पीढ़ी की ओर पूर्णतः समर्पित हो जाए ! यानि कि इस मोड़ पर कथा, रुचियों के संघर्ष का रूप ले लेती है ! युवती जो कि बूढ़े पति और परिवार की नौकरानी, सदृश भूमिका से असंतुष्ट है वो, प्रकृति / सुन्दर गायन / परिंदे पर आसक्त है ! हालांकि कथा में रोचक तथ्य ये है कि उभय पक्ष, अपने लक्ष्य / रूचि के संरक्षण के समांनातर, पारस्परिक बैर-भाव को यथा संभव गोपनीय बनाये रखने की चेष्टा करते हैं !  निज पक्ष की जय हेतु बूढ़े दंपत्ति को जादुई सहायता / गुनिया की सहायता चाहिये, जो लालची और छलिया स्वरूप है ! फिर युवती पारिवारिक दासत्व की तुलना में अपनी आसक्ति और स्वतंत्रता को चुनती है...