बहुत पहले की बात है जब दो सगे भाई बहन बचपन में ही अनाथ हो
गए थे । इसके बावजूद उन्होंने
गहन दु:ख से उबरते हुए एक सामान्य जीवन जिया और स्वस्थ बने रहे । युवावस्था में एक
दिन भाई घर से बाहर टहलने के लिए निकला तो उसे सूर्य कुमारी ने देखा और उस पर
मुग्ध हो गई । वो उसे अपने साथ आकाश में
ले गई और फिर दोनों नवदम्पत्ति की तरह से सुख पूर्वक रहने लगे । कुछ अरसे के बाद
युवक को अपने घर की याद आने लगी तो उसने सूर्य कुमारी से कहा कि वो धरती पर वापस
जाना चाहता है । सूर्य कुमारी चिंतित तो हुई पर उसके पास पति की इच्छा का सम्मान
करने के अलावा दूसरा कोई रास्ता नहीं था । उसने विदा लेते हुए पति को तीन उपहार
दिए एक छेनी , दूसरा कंघी और तीसरा पंख वाला एक घोड़ा ।
युवक धरती पर लौट कर सबसे पहले अपनी बहन के पास गया,जिसने उसके लिए खाना परोसा लेकिन युवक को अब
तक पता नहीं था कि ये उसकी बहन नहीं बल्कि एक चुड़ैल है जो उसकी बहन को पहले ही खा
चुकी है । चुड़ैल ने पंख वाले घोड़े का एक पैर काट कर सूप वाले बर्तन में डाल दिया
था। युवक को संदेह हुआ तो उसने घर से
बाहर की ओर भागना शुरू कर दिया। अब तक चुड़ैल ने बहन होने का दिखावा करना छोड़ दिया
था और वो अपने मूल रूप में प्रकट हो कर उसका पीछा करने लगी । युवक भाग रहा था
लेकिन चुड़ैल उससे बहुत तेज थी । युवक ने बचने के लिए सूर्य कुमारी से प्राप्त छेनी
को पीछे की तरफ फेंक जोकि विशाल पर्वत में बदल गई । चुड़ैल यह देख कर चौंकी जरूर पर
उसने इस पहाड़ को अपने दांतों से कुतर डाला । इसके बाद युवक ने कंघी को पीछे फेंका
जोकि घना जंगल बन गई । हालांकि चुड़ैल ने पूरा जंगल अपने नुकीले दांतों से साफ कर
दिया तो भयभीत युवक ने सूर्य कुमारी को मदद के लिए पुकारा ।
सूर्य कुमारी युवक को बचाने के लिए आकाश से धरती पर उतरी
लेकिन तब तक चुड़ैल ने युवक को पकड़ लिया था । सूर्य कुमारी ने उस युवक को दूसरी ओर
से पकड़ा और उन दोनों में युवक के लिए खींचतान होने लगी । उन दोनों के संघर्ष में
युवक दो हिस्सों में टूट गया और अपने कब्जे वाला हिस्सा लेकर चुड़ैल वहां से भाग गई । सूर्य कुमारी ने युवक को
पुनर्जीवित तो कर दिया लेकिन वो अगले कुछ दिनों में मर जाया करता था, क्योंकि
चुड़ैल उसके दिल वाले हिस्से को लेकर जा चुकी थी । सूर्य कुमारी ने युवक के दिल की
जगह जलते हुए कोयले से काम चलाना लेकिन इसके बावजूद वो कुछ हफ्ते ही जीवित रह पाता
था । दु:खी सूर्य कुमारी ने अपने बर्बाद प्रियतम को आसमान के दूसरे छोर में
निर्वासित कर दिया । जहां वो अर्ध चंद्र बन कर रह गया है ।
ये मिथक दो भिन्न सामाजिक वर्गों के युवक युवती के मध्य
संयोगवश जन्मे प्रेम की कथा है । युवती उच्च वर्गीय सूर्य कुल यानि कि अभिजात्य
परिवार की है और उसे अपने लिए प्रेमी चुनने का अधिकार है । यहां यह तथ्य स्पष्ट होता है कि युवती के कुल में घर जमाई रखने का
प्रावधान था। दूसरी ओर युवक बचपन से ही अनाथ और साधारण कुल अथवा परिवार से
संबंधित था। आख्यान के अनुसार युवती उसकी ओर आकृष्ट हुई और उसे अपने साथ घर ले गई
। युवक, प्रथम दृष्टया युवती की ओर आकर्षित हुआ होगा ये मानना कठिन है क्योंकि उस
स्थिति में वो सूर्य कुमारी को अपने घर लाता , बहरहाल संभव ये भी है कि युवक को
अपनी विपन्न पारिवारिक स्थिति को ध्यान में रखकर यह निर्णय लेना पड़ा हो कि वह घर
जमाई बनेगा । युवक और युवती नवदम्पत्ति की तरह आनंदमय जीवन व्यतीत कर रहे थे
किन्तु जैसे जैसे समय बीता युवक को अपना घर, अपनी धरती और अपनी बहन की याद सताने
लगी ।
प्रेम का क्षरण होने की आशंका के चलते युवती चिंतित थी पर
उसने अपने पति की त्वरित ससुराल वापसी की उम्मीद से उसे उड़ने वाला घोडा दिया और
अयाचित विपत्तियों से बचने के दो अन्य साधन भी । प्रतीत होता है कि उक्त समाज
अंधविश्वासी रहा होगा तभी परिवार में अकेले रह गई बहन को चुड़ैल द्वारा खा लिए जाने
का कथन किया गया है कदाचित बहन की मृत्यु और उसका स्थान, किसी अन्य दबंग बहरूपिये,
अपराधी द्वारा ले लिए जाने का भाव इसमें निहित हो ? भोजन के समय उसने युवक की ससुराल
वापसी के एकमात्र साधन घोड़े को विकलांग कर दिया । शेष आख्यान उक्त अपराधी चुड़ैल के
पहचान लिए जाने और युवक के पलायन को लेकर कहा गया है जिसमें सूर्य कुमारी के प्रदत्त
दोनों अस्त्र अधिक समय तक युवक के बचाव के लिए उपयुक्त नहीं पाए गए । युवक सहायता के
लिए पत्नि का आह्वान करता है किन्तु देर हो चुकी थी सूर्य कुमारी और चुड़ैल के मध्य
संघर्ष में युवक के दो टुकड़े हो जाने का कथन युवक के गंभीर रूप से घायल हो जाने अथवा
विकलांग होने का संकेत देता है ।
युवक संभवतः गहन अवसाद में था जिसे युवती द्वारा पुनर्जीवित
करने और सुश्रुषा करने का उल्लेख मिलता है । मानसिक रूप से चोटिल युवक, विकलांग युवक,
जिसका दिल चुड़ैल का आहार बन गया होगा ? यानि कि उसकी चोट का संबंध उसकी संवेदनाओं से
था । युवती ने युवक के हृदय को ऊष्मा दी ताकि वो स्वस्थ और सामान्य ढंग से जी सके किन्तु
युवक आती जाती उम्मीदों जैसी हालत में था तो युवती ने उसका परित्याग कर दिया । यह एक
क्रूर निर्णय था जोकि उच्चकुलीन युवती के प्रेम आकर्षण और प्रेमी के अस्वस्थ हो जाने
की दशा में सुश्रुषा के स्थान पर आकर्षण के तिरोहण का संकेत देता है । अंततः युवक बे-दिल
होने के कथनाशय में संवेदनाहीन हो गया होगा । वो घर जमाई था सूर्य परिवार के सेवक के
जैसा, जिसे स्त्री धन अपनी सेवा से चुकाना था । ये प्रेम उच्च कुल और अपेक्षाकृत निम्न
कुल के जोड़े के मध्य था तो क्या हुआ ? अगर सूर्य कुमारी ने आधे अधूरे, पूरे, सहज असहज
होते चंद्र कुमार को ठुकरा दिया ।