रविवार, 6 अक्तूबर 2024

अटलांटा

मुद्दतों पहले की बात है जब अटलांटा की परवरिश एक सुहृदय भालू ने की थी, क्योंकि नवजात अटलांटा को उसके पिता ने पहाड़ी मे छोड़ दिया था। उसे लड़की के बजाय पुत्र की कामना थी । बड़े होने पर अटलांटा, भालुओं की तरह से शहद और फल खाया करती और शिकार किया करती । वो खुशी खुशी जंगल में घूमती फिरती और देवी डायना की उपासना किया करती । देवता अपोलो ने उससे कहा कि तुम कभी ब्याह मत करना वरना तुम अपनी पहचान खो दोगी । वो बला की खूबसूरत थी सो अनेकों युवाओं ने उससे ब्याह करना चाहा लेकिन अटलांटा इन युवकों परेशान हो गई थी । उसने इन युवाओं से पीछा छुड़ाने के लिए घोषणा कर दी कि जो भी युवा दौड़ में मुझे हरा देगा मैं उससे ब्याह कर लूंगी लेकिन जो हार जाएगा उसे मरना होगा । उसे विश्वास था कि उसकी इस शर्त से ब्याह के इच्छुक युवा हतोत्साहित होंगे पर ऐसा हुआ नहीं । कई युवाओं ने ऐसी कोशिश करते हुए अपनी जान गंवा  दी ।

ऐसी ही एक प्रतियोगिता के दिन अजनबी युवा हिप्पोमेनेस उस क्षेत्र में घूम रहा था । उसने सोचा कि ये शर्त तो पागलपन है । कौन बेवकूफ इस तरह से पत्नि पाना चाहेगा । तभी उसने अटलांटा के, हाथी दांत की कंघी से, संवारे गए केश देखे, उसे हिरनी की तरह से चलते देखा, उसकी मनमोहक देहयष्टि से मुग्ध हो कर  उसने दौड़ में पराजित युवक, जिसे मृत्यु दंड दिया जाने वाला था, से कहा मुझे माफ कर दो, मैं नहीं जानता था कि पुरस्कार इतना अद्भुत है । अटलांटा विजयी हुई थी सो उसे विजयमाला सौंपी जाना थी। उसी वक्त हिप्पोमेनेस ने भीड़ के सामने  युवती से कहा, मैं समुद्र के देवता नेपच्यून का पोता हूं तुम सुस्त रफ्तार लोगों के खिलाफ क्यों दौड़ती हो ? मेरे खिलाफ दौड़ कर देखो ? अटलांटा चौंक गई, उसने सोचा कि देवता ऐसे निडर युवक की पराजय और मृत्यु क्यों चाहेंगे भला । उसे पहली बार ये एहसास हुआ कि इस युवक को विजयी होना चाहिए । उसे समझ में नहीं आया कि प्यार ने उसके हृदय मे जगह बना ली है । उसने युवक  से कहा जाओ मैं तुम्हारी जान नहीं लेना चाहती ।

भीड़ समझ गई थी कि ये मुकाबला जबरदस्त होगा तो वो दोनों के लिए नारे लगाने लगी । अटलांटा ने इस दौड़ के लिए भारी मन से सहमति दे दी, असल में वो उस युवक को हराना नहीं चाहती थी । वो उसकी मृत्यु के लिए तैयार नहीं थी । फिर तय ये हुआ कि  दौड़ अगले दिन होगी । उस रात हिप्पोमेनेस बेचैन था उसने देवी प्रेम की देवी वीनस से प्रार्थना की, कि वो उसकी मदद करे । देवी, प्रेम का तिरस्कार करने की वजह से अटलांटा से खुश नहीं थी सो उसने युवक को सुनहरे पत्तों और सुनहरे सेबों वाले दरख्त के पास ले जाकर कहा, इस दरख्त से तीन सेब तोड़ लो, उसके बाद उसने युवक को सेबों के उपयोग का तरीका सिखाया । अगले दिन हिप्पोमेनेस ने सेब छुपा कर दौड़ में हिस्सा लिया । तुरही बजते ही वो दोनों तेजी से भागे लेकिन युवक पिछड़ने लगा तब उसने एक सुनहरा सेब अटलांटा की तरफ फेंका, जिसे देखकर अटलांटा नीचे झुकी और सेब को उठाया लिया तब तक युवक आगे निकल चुका था । भीड़ युवक को प्रोत्साहित कर रही थी लेकिन अटलांटा ने अपनी गति बढ़ा कर युवक को फिर से पीछे छोड़ दिया ।

इसके बाद युवक ने दूसरा सेब फेंका जिससे अटलांटा का ध्यान भटक गया और युवक दोबारा उससे आगे निकल गया, मगर अटलांटा ने जल्दी ही खुद को काबू में किया और एक बार फिर से युवक से आगे निकल गई । युवक जानता  था कि यह आखिरी मौका है तो उसने तीसरे सेब को जरा दूर फेंका । अब की अटलांटा पशोपेश में थी कि उसे सेब उठाना चाहिए या नहीं । उसने सोचा सेब उठाने की वजह से वो हार सकती है इसलिए उसने सेब नहीं उठाने का फैसला किया तभी देवी वीनस ने उसके दिल का स्पर्श कर लिया । जिससे मुग्ध होकर वो सेब की दिशा में भागी और युवक ने तेजी से भागते हुए अपना लक्ष्य पा लिया । हिप्पोमेनेस पत्नि के रूप में अटलांटा को जीत चुका था । मगर अटलांटा को पाकर वो इतना भाव विभोर हो गया कि देवी वीनस को इस विजय के लिए धन्यवाद देना भूल गया । इसे कृतघ्नता मानते हुए देवी वीनस ने चंद्रमा की देवी से कहा कि  इन दोनों को दंडित करो ।

चंद्र देवी उन दोनों शिकारियों को देख कर अभिभूत हुई और उसने उन्हें मृत्यु दंड देने के बजाय पशु के रूप में बदलने का निर्णय लिया । उसने रात में सोये हुए प्रेमियों को परम शिकारी और खूबसूरत जानवरों में बदल दिया । उनके शरीर में बदलाव आ गया था और अगली सुबह वो दोनों शेर बन चुके थे, जिनकी पूंछ जमीन पर लहरा रही थी और वे सुबह के आहार के लिए शिकार पर चल दिए, तब से आज तक वो दोनों शेरों की तरह से जंगल में रहते हैं और उन्हें केवल चंद्र देवी ही काबू में रख सकती है ।

यह आख्यान तत्कालीन ग्रीक सामाजिक मान्यताओं  को उद्घाटित करता है जहां नवजात सुकन्या का पिता पुत्र मोह में अंधा होकर, उसे जंगली जानवरों से भरी पहाड़ी में छोड़ देता है यानि कि उक्त समाज भी कन्या की तुलना में प्राथमिकता के आधार पर बालक शिशु की कामना करता है और वो निर्दयता की हद से परे जाकर अपनी पुत्री को असहाय अवस्था में छोड़ देता है । इसके उपरांत मनुष्य हितैषी जंगली जीव के रूप में भालू, उस बच्ची का पालन पोषण करता है और बच्ची भालुओं की तरह से शहद, फल खाने को प्राथमिकता देती है कदाचित उसकी कमनीयता का रहस्य भी यही रहा हो कि वो भेषजिक गुणों से भरपूर शहद का सेवन करती थी। जंगल में भालुओं की तरह से स्वच्छंद घूमने वाली लड़की जंगल की देवी पर विश्वास करती है, यह कथन स्वभाविक ही है । हालांकि यह निष्कर्ष निकालना कठिन है कि वो युवावस्था में विवाह से परहेज क्यों करती है ? उसे युवकों के प्रणय निवेदन नापसंद क्यों थे ? क्या इसका कारण यह रहा होगा कि उसके पिता ने बालपन में ही उसका परित्याग कर दिया था और उसके प्रति अपने सामाजिक दायित्वों का निर्वहन नहीं किया था । वो असहाय थी अगर भालू उसे प्रश्रय नहीं देता तो उसकी मृत्यु भी हो सकती थी ?

युवती द्वारा अनेकों युवकों के प्रेम को अस्वीकार करने का निर्णय प्रेम और सौन्दर्य की देवी वीनस को पसंद नहीं आया । वो रोमान की देवी है अतः प्रेम को ठुकराने का निर्णय उसके लिए कदाचित अपमानजनक माना जाएगा संभवतः इसी कारण से वो अटलांटा के प्रति शत्रुता का भाव रखती है और हिप्पोमेनेस के जरिए अपनी प्रतिष्ठा को बहाल करना चाहती है । युवक की विजय के लिए उसने सुनहरे सेबों के आकर्षण /  जादुई प्रभाव का इस्तेमाल किया। यह एक तरह का छल था अन्यथा युवती, युवक की तुलना में कहीं ज्यादा सामर्थ्यवान थी । कथनाशय ये है कि अपने अभिमान के लिए देवी अथवा देवता अनुचित, अन्यायपूर्ण कृत्य भी कर सकते हैं । युवक के लिए वीनस का समर्थन इसी संकेत के साथ स्वीकार किया जाना चाहिए । मिथक के अनुसार युवती से पराजित सभी युवक मृत्यु के आगोश में ढकेल दिए गए थे । हिप्पोमेनेस बाहरी युवक है और जब तक उसने अटलांटा को स्वयं नहीं देखा था । वो इस तरह की प्रतियोगिता के माध्यम से पत्नि पाने के प्रयास का उपहास करता है पर जैसे ही उस रूप गर्विता को स्वयं देखता है उसकी धारणा बदल जाती है और वो युवती की शर्त को स्वीकार करते हुए उसे अपनी पत्नि के रूप में पाना चाहता है ।

मिथक का यह अंश स्पष्ट करता है कि अनदेखे आधार पर बनाई गई धारणाएं, अवलोकित सत्य पर आधारित और निर्धारित धारणाओं के सामने निरर्थक हो जाती हैं । हिप्पोमेनेस युवती को बेहद कूटनीतिक और गर्वीले शब्दों / कथन के आधार पर चुनौती देता है । अटलांटा के लिए यह प्रणय प्रस्ताव अनोखा था और वो युवक के प्रति आकर्षित हो जाती है । वो युवक को पराजित करके उसकी मृत्यु का कारण नहीं बनना चाहती । वो दोनों एक दूसरे के प्रति आकर्षित हैं और प्रतिस्पर्धा में युवती, देवी वीनस यानि कि प्रणयानुभूति के सम्मोहन में पराजित हो जाती है । प्रेमी द्वय का एक होना सुनिश्चित था किन्तु हिप्पोमेनेस प्रेमातिरेक के चलते देवी वीनस का आभार प्रदर्शन करना भूल जाता है जिसके कारण से देवी वीनस उससे रुष्ट हो जाती है और चंद्र देवी को उन दोनों को दंडित करने का आदेश देती है । ध्यान रहे कि रोमानियत भरे संबंधों को कहीं ना कहीं चंद्रमा के आलोक से जोड़ कर देखा जाता है । बहरहाल चंद्र देवी नवविवाहित दम्पत्ति से प्रभावित है अतः वो वीनस के आदेश में आंशिक संशोधन करते हुए उन दोनों को जीवित रहने का अवसर देती है । ऐसा अवसर जिसमें अटलांटा और हिप्पोमेनेस के सामर्थ्य और स्वभाव का प्रकटीकरण हो । अस्तु सिंह के रूप में कायांतरण से बेहतर दंड और कुछ हो भी नहीं सकता था ।