tag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post8732302442267880362..comments2023-10-30T13:19:42.453+05:30Comments on ummaten: इक शम्मा है दलीले सहर सो ख़मोश है !उम्मतेंhttp://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-68637066871188656392009-05-08T14:57:00.000+05:302009-05-08T14:57:00.000+05:30उड़ता हुआ कागज आजाद हुए शब्द और उनसे उनके अर्थ ! ...उड़ता हुआ कागज आजाद हुए शब्द और उनसे उनके अर्थ ! <br /><br />"मिला तो हुआ हूँ मगर ढूढ़ता हूँ<br />दुआओं में अपनी असर ढूंढ़ता हूँ<br />उठाते समय नहीं साथ देते<br />हाथों में अपने क़सर ढूंढ़ता हूँ<br />रेती सा मैं अब बिखरने लगा हूँ<br />पत्थर का मैं इक शहर ढूंढ़ता हूँ "<br /><br />अली साहब , आपके लेख पर मैं अपनी गजल के कुछ शेर बतौर बधाई लिख रहा हूँजय श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/13861991547003318743noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-36792053978931929852009-05-07T15:37:00.000+05:302009-05-07T15:37:00.000+05:30पहली बार आपके ब्लॉग पर आया हूं। अद्भुत शैली और गह...पहली बार आपके ब्लॉग पर आया हूं। अद्भुत शैली और गहरे तक बेधते शब्द। इस बेहतरीन पोस्ट के लिए बहुत बहुत बधाई।Kapilhttps://www.blogger.com/profile/15871506466698035418noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-19670720838611783182009-05-07T02:21:00.000+05:302009-05-07T02:21:00.000+05:30क्या कहूँ? बच्चा नए कपड़े न भी पहनता तो भी ठीक था। ...क्या कहूँ? बच्चा नए कपड़े न भी पहनता तो भी ठीक था। कृपया वर्ड वेरिफ़िकेशन हटा लीजिए।<br />घुघूती बासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-64466207701930709252009-05-07T01:41:00.000+05:302009-05-07T01:41:00.000+05:30सचमुच बेहतरीन
---
चाँद, बादल और शामसचमुच बेहतरीन<br /><br />---<br /><A HREF="http://prajapativinay.blogspot.com" REL="nofollow">चाँद, बादल और शाम</A>Vinayhttps://www.blogger.com/profile/08734830206267994994noreply@blogger.com