tag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post5830474998267595075..comments2023-10-30T13:19:42.453+05:30Comments on ummaten: उसने कहा ओ...दुष्ट लड़की...!उम्मतेंhttp://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comBlogger23125tag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-19759535130881145232012-08-05T08:20:40.867+05:302012-08-05T08:20:40.867+05:30सर ,
आपकी स्माइली हम वैसे ही जोड़ कर देखते हैं जैस...सर ,<br />आपकी स्माइली हम वैसे ही जोड़ कर देखते हैं जैसे आपकी शुभकामनायें आपका आशीर्वाद !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-64685233429334235842012-08-05T08:12:33.822+05:302012-08-05T08:12:33.822+05:30अरे भाई एक स्माइली लगाना भूल गया.अरे भाई एक स्माइली लगाना भूल गया.P.N. Subramanianhttps://www.blogger.com/profile/01420464521174227821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-29965026894287764912012-08-03T18:01:32.792+05:302012-08-03T18:01:32.792+05:30बेशक युवती कुशल योजनाकार / रणनीतिकार थी !बेशक युवती कुशल योजनाकार / रणनीतिकार थी !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-20313083025414290892012-08-03T16:33:05.477+05:302012-08-03T16:33:05.477+05:30दास युवती में पुरूष को पहचानने की गजब की कुवत थी। ...दास युवती में पुरूष को पहचानने की गजब की कुवत थी। एकांत हरम में सेवा देने के उपरांत भी वह लोगों की मानसिकता को ठीक ठीक जांच परख सकती थी। वह किसी पुरूष को नहीं ठग रही थी बल्कि उसमें रही मोहांधता को परख रही थी। वह अच्छी तरह से जानती थी कि यदि यह सीमातीत नफरत करेगा तो ही वह प्रेमातुर हो प्रेम भी करेगा। उसे मोहासक्त करना भी आवश्यक था। रबड की गुडिया बनवाना उसके योजनाबद्ध होने का संकेत है। वह अच्छी तरह से जानती थी उस युवक की नफरत को चरम देकर उस नफरत को व्यक्त भी करवाना होगा, तभी वह पश्चाताप भी करेगा और चतुरता को स्वीकार भी करेगा, मोहासक्त समर्पण भी करेगा। परिणामों के प्रति युवती को पूरा व सटीक विश्वास था। पूरी घटना ही उसकी चतुर योजना का परिणाम प्रतीत होती है।<br /><br />कथा सार यह है कि पुरूष मूर्ख नहीं होता, मोहान्धता मूर्ख होती है।सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-47168001789065311792012-08-03T14:38:36.786+05:302012-08-03T14:38:36.786+05:30आप दूसरों की प्रतिक्रिया का इंतज़ार ना किया करें आ...आप दूसरों की प्रतिक्रिया का इंतज़ार ना किया करें आपकी अपनी टिप्पणी ही चाहिये होती है :)उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-8058425868256295222012-08-03T14:24:07.343+05:302012-08-03T14:24:07.343+05:30पहले भी आया था जब टिप्पणियां एक या दो ही थीं. किसी...पहले भी आया था जब टिप्पणियां एक या दो ही थीं. किसी और के कहे से कुछ निकाल कर परोस ने के लिए इंतज़ार किया. बात बनती नहीं दिख रही है. अब इतना ही लग रहा है कि व्यापारी के गैरहाजिरी का फायदा उठाते हुए उसने (दासी) जग देखने समझने की कोशिश की. शातिर थी सो अपने इरादों में सफल भी रही.P.N. Subramanianhttps://www.blogger.com/profile/01420464521174227821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-62236353733453083842012-08-03T13:20:25.471+05:302012-08-03T13:20:25.471+05:30The concept of soul / soulmate and marriage
I re...The concept of soul / soulmate and marriage <br /><br />I read in a book that those who deeply harm each other in one life ie they hate each other then in next life they are supposed to get married to love each other <br />the concept of universe itself is based on HATE AND LOVE :-)रचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-53572448280372433602012-08-03T11:15:43.162+05:302012-08-03T11:15:43.162+05:30इस कथा का एक शीर्षक “The Arab Girl in Hate and Lov...इस कथा का एक शीर्षक “The Arab Girl in Hate and Love” भी था :)<br /><br />लोक आख्यानों से निकले एकता कपूर के दृढ नारी चरित्र :)उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-38978564773569588732012-08-03T10:41:36.837+05:302012-08-03T10:41:36.837+05:30गुलाम होने के पारिवारिक या गरीबी के कारण अन्य कारण...गुलाम होने के पारिवारिक या गरीबी के कारण अन्य कारण भी हो सकते है जैसा रचना जी ने कहा/लिखा !<br />घनी नफरत में कही प्रेम छुपा है या फिर हत्या का अपराधबोध (रक्त/शरबत का मीठापन )<br />विद्वता और साहस परिस्थितियों को अपने अनुकूल बना लेते हैं .<br />कई बार एकता कपूर के दृढ नारी चरित्र इन लोक आख्यानों से निकले प्रतीत होते हैं :)वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-47308234323884456332012-08-03T06:08:54.377+05:302012-08-03T06:08:54.377+05:30सलिल जी ,
कई दिनों से ये ख्याल बस ख्याल ही बना रहा...सलिल जी ,<br />कई दिनों से ये ख्याल बस ख्याल ही बना रहा कि आपका हाल चाल पूछ लूं , सो उसके लिए खेद ! सिर्फ एक बहाना कामकाज में मसरूफियात का ही कर रहा हूं !<br /><br />@ व्याख्या, <br />बिल्कुल सही ! वह पहले दिन से ही बाहरी दुनिया की खोज / अपने लिए बेहतर की खोज में थी और उसने जिसे पाया उसकी टेस्टिंग बराबर की ! उसमें गज़ब का आत्म विश्वास था !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-43514420055230938212012-08-03T06:02:40.553+05:302012-08-03T06:02:40.553+05:30पारिवारिकता और गरीबी दो संभावनायें मात्र हैं इनके ...पारिवारिकता और गरीबी दो संभावनायें मात्र हैं इनके अलावा किसी भी अन्य कारण की उपस्थिति से इंकार नहीं ! आपके सुझाये कारण भी सही हो सकते हैं !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-3143880023873086522012-08-02T23:56:18.029+05:302012-08-02T23:56:18.029+05:30अली सा.
वापसी पर आपके आशीर्वाद को हाज़िर हो गया हूँ...अली सा.<br />वापसी पर आपके आशीर्वाद को हाज़िर हो गया हूँ.. <br />अमूमन आशिक मोहब्बत में जान देने की बात करते हैं.. कई मिसालें भी मौजूद हैं.. लेकिन बड़ा आसान है जान दे देना मोहब्बत में, मुश्किल है कोई ऐसा मिले जिसके लिए जान दी जा सके.. लिहाजा वो लड़की अच्छा इम्तिहान ले रही थी अपने आशिक का, जिसके मोहब्बत की गिरफ्त में वो पहले ही रोज से कैद थी!!<br />व्याख्या वगैरह दीगर.. मैंने तो इस आख्यान को बहुत एन्जॉय किया.चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-69179499267190366582012-08-02T22:57:50.497+05:302012-08-02T22:57:50.497+05:30लड़की बुद्धिमान थी उसके दासी बनने में गरीबी या पार...लड़की बुद्धिमान थी उसके दासी बनने में गरीबी या पारिवारिक कारण ज़रुर रहे होंगे !<br /><br />not necessary <br />Human trafficking is done with a intention of forced labor http://en.wikipedia.org/wiki/Human_trafficking<br />many a times girls {from affluent families also} at toddler stage gets kidnapped and then they are put in a place under a matron who teaches them to become "pleasure objects" ,among those who are not suitable as pleasure objects they are sold for forced labor as maids { daasi } and this usually happens in country other then they belong to <br /><br />such kidnappings were also done to settle animositiesरचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-10549563597513729862012-08-02T21:21:57.929+05:302012-08-02T21:21:57.929+05:30मूल कथा में पत्नी का उल्लेख है मैंने सोचा उसे निहि...मूल कथा में पत्नी का उल्लेख है मैंने सोचा उसे निहित मान लिया जाएगा ! आपका सुझाव देखकर उसे फिलहाल वाक्य में उसे जोड़ रहा हूं ! दास दासियों के शोषण अंतहीन माने जा सकते हैं ! लड़की बुद्धिमान थी उसके दासी बनने में गरीबी या पारिवारिक कारण ज़रुर रहे होंगे ! रेस्तरां का स्वामी युवक पैसे वाला तो था ही और लड़की से कम बुद्धिमान भी !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-82760993129571848482012-08-02T21:03:09.486+05:302012-08-02T21:03:09.486+05:30मूल कहानी में व्यापारी अपनी पत्नी के साथ गया था यह...मूल कहानी में व्यापारी अपनी पत्नी के साथ गया था यहाँ व्यापारी की पत्नी का उल्लेख नहीं हैं इस लिये दासी और हरम शब्द से एक गलत सन्देश जाता हैं की शायद व्यापारी की दासी उसकी रखैल रही होगी<br />हरम में दासियाँ , केवल हरम में रहने वाली अपनी रानियों की जैसे यहाँ व्यापारी की पत्नी की , सेवा करती थी और एक समय अवधि के बाद उनका विवाह वही किसी दास से किया जाता था .<br />हरम में पुरुष वही आते थे जो परिवार के सदस्य होते थे और उन से पर्दा नहीं करती थी दासिया क्युकी पहली बात तो वो पुरुष इतने ऊँचे पायदान पर होते थे की वो दासी की तरफ देखेगे वो भी हरम में ये संभव ही नहीं था , वहाँ केवल पत्नी का राज्य था .<br />दासी उस समय अभिभूत होती थी अगर क़ोई पुरुष उसको अपने कक्ष में बुलाता था { टर्की क्या , अपने यहाँ महाभारत में भी दासी का उल्लेख हैं } और { अनारकली - सलीम की मुगले आज़म } कौन भूल सकता हैं .<br />इस दासी को बाहर की दुनिया देखनी थी , इस लिये वो इस प्रकार से बाहर गयी . बाहर जा कर उसने जिस पहले पुरुष को देखा उस पर वो रीझ गयी क्युकी उसकी वो दासी नहीं थी , उसके बाद बार बार उसने उस पुरुष का इम्तिहान लिया और देखा क्या वो उसके साथ जीवन बिता सकती हैं . फिर उसकी<br />दूर दृष्टि थी की उसने अपने मालिक से इनाम में गुडिया मांगी जो केवल " हाँ हाँ " कहती हो , अपने जैसी , ताकि अगर पुरुष उसको ना चाहता हो तो वो गुडिया पर पहला प्रहार करे या अगर दासी ही बना कर रखना हो तो गुडिया को ही रख ले जो "हाँ हाँ " ही कहेगी { क्या रोबोट का विज्ञान तब भी था , क़ोई बताये शायद }<br />मूल कथा में वो गुडिया खोखली बताई गयी हैं और उस पुरुष के घर में वो दासी उस गुडिया में लाल मीठा शर्बत भरती हैं .<br />जब उस गुडिया पर वार करने के बाद उस शरबत को खून समझने के बाद वो पुरुष पी कर पश्चाताप करता हैं तो दासी को अपनी पसंद पर विश्वास हो जाता हैं और वो उस से विवाह कर के सुख से रहती हैं<br />खोखली गुडिया बनवाने के भी कारण हो सकते हैं , अगर वो पुरुष ना खरीदे तो उस जगह "घर का समान , हीरे जेवर " इत्यादि भरे जा सकते हैं . { मेरी सोच मूल कथा में ऐसा कुछ नहीं हैं }<br />हां मूल कथा में सबसे जरुरी बात दासी की खरीद के लिये किसी और मुल्क की लडकियां लायी जाती थी , यानी ह्युमन ट्रैफिकिंग तब भी थी , लडकियां दूसरे देश की ला कर उनको टर्की आदमियों से ब्याह दिया जाता था .<br />कहानी में जैसे बेवकूफ उस रेस्तरा के मालिक को दिखाया हैं वैसे बेवकूफ - पैसे वालो के खवाब हर दासी / दासी की मानसिकता वाली स्त्री देखती हैं . सपनो के राजकुमार कभी गरीब या इंटेलिजेंट किसी कहानी में हो तो उसको भी पढवाए .<br />"lived happily here after " is possible only when the husband has a lot of money and he is a little stupid and the wife has a slave mentality and the ability to make the best with a moneyfoolरचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-26300327863927726642012-08-02T20:54:36.567+05:302012-08-02T20:54:36.567+05:30जी ज़रूर !जी ज़रूर !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-82821651393058882402012-08-02T20:53:22.096+05:302012-08-02T20:53:22.096+05:30सो तो है :)सो तो है :)उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-74435886465612228962012-08-02T20:52:57.403+05:302012-08-02T20:52:57.403+05:30ये अनुमान तो आपको ही लगाना था क्योंकि मैंने तो कथा...ये अनुमान तो आपको ही लगाना था क्योंकि मैंने तो कथा की व्याख्या मित्रों के हवाले कर दी है !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-9609609523208709352012-08-02T20:51:26.611+05:302012-08-02T20:51:26.611+05:30क्या पारिवारिक कारण नहीं हो सकते ?क्या पारिवारिक कारण नहीं हो सकते ?उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-71481109179749493692012-08-02T19:50:21.981+05:302012-08-02T19:50:21.981+05:30इस कहानी से यह सीख मिलती है....
बुद्धि और साहस हो...इस कहानी से यह सीख मिलती है....<br /><br />बुद्धि और साहस हो तो चाहे कोई भी व्यवस्था हो नारी गुलामी से मुक्ति पा सकती है।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-77470679966240537432012-08-02T19:40:24.010+05:302012-08-02T19:40:24.010+05:30प्लानिंग कमीशन की चेयरपर्सन बनने लायक थी वो लड़की:...प्लानिंग कमीशन की चेयरपर्सन बनने लायक थी वो लड़की:)संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-38931615614316694272012-08-02T18:49:18.817+05:302012-08-02T18:49:18.817+05:30इस कहानी में कहीं दमित यौन आकांक्षा भी है क्या? जो...इस कहानी में कहीं दमित यौन आकांक्षा भी है क्या? जो बार बार खतरों से जूझने के लिए उस गुलाम औरत को उकसाती रहती है ...... ??Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-18253593310303548152012-08-02T17:46:18.845+05:302012-08-02T17:46:18.845+05:30दासी युवती बड़ी भाग्यशाली थी जो सात साल से पहले ही...दासी युवती बड़ी भाग्यशाली थी जो सात साल से पहले ही मुक्त हो गई . हालाँकि इसमें उसकी बुद्धि का कमाल भी है . <br />लेकिन एक सवाल भी उठता है --इतनी बुद्धिमान युवती दासी कैसे बन गई !डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.com