tag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post4372442046486116044..comments2023-10-30T13:19:42.453+05:30Comments on ummaten: फूल उदास हैं...अंदर कहीं ब्लेक होल्स ज़रूर होंगे !उम्मतेंhttp://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comBlogger23125tag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-27061749717894820232010-08-06T19:33:04.433+05:302010-08-06T19:33:04.433+05:30बेहतरीन खुशबूदार पोस्ट.बेहतरीन खुशबूदार पोस्ट.P.N. Subramanianhttps://www.blogger.com/profile/01420464521174227821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-1777439380952063152010-08-05T14:46:33.937+05:302010-08-05T14:46:33.937+05:30'कुछ तो मजबूरियां रही होगी ......' बेवफाई ...'कुछ तो मजबूरियां रही होगी ......' बेवफाई पर यह शेर आद आ रहा है। फूलों की उदासी और ब्लेक होल्स की नजदीकियां दोनो दुखकारी है। हॉं ब्लेक ट्राउजर और सफेद कमीज शून्य व्यक्तित्व में भी रंग भरने का काम करता है ऐसा मेरा मानना है :)36solutionshttps://www.blogger.com/profile/03839571548915324084noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-35420016544402965002010-08-01T10:27:25.741+05:302010-08-01T10:27:25.741+05:30... bhaavpoorn abhivyakti !!!... bhaavpoorn abhivyakti !!!कडुवासचhttps://www.blogger.com/profile/04229134308922311914noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-90559579698082480302010-07-31T22:31:34.127+05:302010-07-31T22:31:34.127+05:30@ काजल भाई ,
पढते थे ये क्या कम है :)
@ देवेन्द्र...@ काजल भाई ,<br />पढते थे ये क्या कम है :)<br /><br />@ देवेन्द्र भाई ,<br />आपका शुक्रिया !<br /><br />@ 1st choice , <br />देखी :)<br /><br />@ वन्दना जी ,<br />हार्दिक आभार !<br /><br />@ पंडित दिनेश शर्मा वत्स जी ,<br />पोस्ट पढकर दार्शनिकता के बजाये प्रेम में पड़ें तो बताईयेगा :)उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-68195859999389668232010-07-31T21:34:45.755+05:302010-07-31T21:34:45.755+05:30अली भाई आपकी पोस्ट पढकर कम से कम दो घंटे तक तो दिम...अली भाई आपकी पोस्ट पढकर कम से कम दो घंटे तक तो दिमाग कुछ ओर करने लायक ही नहीं रहता....दार्शनिकता यूँ जकड लेती हैं कि क्या बताऊँ..बडी मुश्किल से निकल पाता हूँ :)Pt. D.K. Sharma "Vatsa"https://www.blogger.com/profile/05459197901771493896noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-58696330634536581372010-07-31T18:07:57.586+05:302010-07-31T18:07:57.586+05:30uff...........kyaa baat kah di hai ........seedhe ...uff...........kyaa baat kah di hai ........seedhe dil mein utar gayi hai.vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-81038328480493197882010-07-31T14:50:34.491+05:302010-07-31T14:50:34.491+05:30nicenice1st choicehttps://www.blogger.com/profile/15194232997495535693noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-11601321272613236392010-07-31T08:47:29.715+05:302010-07-31T08:47:29.715+05:30हम धोखा देते हैं...धोखे खाते हैं ! खुश होते हैं...हम धोखा देते हैं...धोखे खाते हैं ! खुश होते हैं ... अवसाद में घिर घिर जाते हैं ! दुखी होते हैं...दुखी करते हैं ! चोटिल होते हैं ...चोट पहुंचाते हैं ! टूटते हैं ...तोड़ देते हैं ! जीते हैं ...मरते हैं , भला क्यों ? ...ये सारे का सारा विरोधाभाष हमारा अपना है...अपने अंदर ही कहीं बसता है ये ! ख्याल करता हूं कि खुशियां , रौशनी सी हैं ...सितारों सी हैं... जेहन के अंदर ज़ज्बातों की शक्ल में रंग रंग ! ...और फिर इंसानों की देह भाषा उसे अभिव्यक्त भी खूब करती है ! सोचता हूं 'उन्स' ...भी ब्रम्हांडीय घटना है जो जिस्मों पर प्रकटती और दिल-ओ-दिमाग के अंदर आलोक सा बिखेरती है , फिर तो यकीनन फूटते उजालों को निगलते अंधेले दैत्य भी होंगे वहां ! फूल उदास हैं तो अंदर कहीं ब्लैक होल्स ज़रुर होंगे !<br /><br />...इस आखिरी पैरा ने तो हिला के रख दिया. इसे सहेजना पड़ेगा कहीं अपनी नीजी डायरी में. भूमिका अच्छे से तैयार कर अंत में आपने एक दर्शन से रूबरू करा दिया. ब्लैक होल्स है मगर इन्हें बंद करने लायक तप नहीं किया जीवन में.<br />..आभार.देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-85577123989084454972010-07-31T07:50:55.057+05:302010-07-31T07:50:55.057+05:30पी.एच.डी.
हा हा हा... ये ग़लती तो मैं भी करता आया ...पी.एच.डी.<br />हा हा हा... ये ग़लती तो मैं भी करता आया हूं, कभी सोचा ही नहीं था. धन्यवाद.Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-65483428519100472712010-07-31T07:48:33.981+05:302010-07-31T07:48:33.981+05:30सुंदर पोस्ट.
बहुत साल पहले, बचपन में पढ़ा एक उपन्...सुंदर पोस्ट. <br />बहुत साल पहले, बचपन में पढ़ा एक उपन्यास "विक्रम और मदालसा" मुझे भी याद हो आया. अफ़सोस है कि मुझे आजतक इसके लेखक का नाम नहीं मालूम. सच्चाई तो ये है कि उस उम्र में लेखक के नाम मैं कभी पढ़ता ही नहीं था :-(Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-84254397277348259102010-07-30T22:54:33.546+05:302010-07-30T22:54:33.546+05:30@ वाणी गीत जी ,
आपने होल का एक और आयाम सुझाया ! आभ...@ वाणी गीत जी ,<br />आपने होल का एक और आयाम सुझाया ! आभार !<br /><br />@ ज़ाकिर अली रजनीश जी ,<br />हमारी दुआ है कि आप लोगों को परेशान कर पायें :)<br /><br />@ घुघूती बासूती जी <br />आपने कहा नहीं पर लगता है कि उन्स ही होगा !<br />लगाव / प्रेम /स्नेह पर कौन नहीं अटक जाता :)<br /><br />@ विचार शून्य जी , <br />भाई , हौसला बढाने वाली प्रतिक्रिया के लिये आभारी हूं !<br /><br />@ अरविन्द जी ,<br />हहा...धन्यवाद,आपके होते कोई फूल मुरझा सकता है भला ? उदासी तो यूं कि आजकल आप उसपर लिख नहीं रहे हैं :)उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-70747218691366881812010-07-30T21:56:22.156+05:302010-07-30T21:56:22.156+05:30गनीमत है फूल उदास भर है मुरझा उरझा नही गए -ब्लैक ह...गनीमत है फूल उदास भर है मुरझा उरझा नही गए -ब्लैक होल का यह गुण धर्म ही होता है की वह सारी दिव्यता को शोषित कर लेता है -बेचारी फूल !अरे फूल को स्त्रीलिंग होना चाहिए !ब्लैक होल का नाम बता दूंगा तो ब्लॉग जगत में कुहराम मच जाएगा !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-69818133761978264702010-07-30T20:32:17.580+05:302010-07-30T20:32:17.580+05:30साहब जी मेरे कम्प्यूटर पर आपके ब्लॉग में आपके लेख...साहब जी मेरे कम्प्यूटर पर आपके ब्लॉग में आपके लेख और भाई लोगों कि टिप्पणियों के अतिरिक्त कुछ और दिख नहीं रहा ये मेरे कम्प्यूटर कि कमजोरी है या आपके व्यक्तित्व कि मजबूती. अभी तक जिस किसी का भी ब्लॉग देखा उनमे लेखक कि फोटो, अनुसरण करने वालों कि फोटो और भी जाने क्या क्या दीखता है पर आपकी दुकान में खालिस माल ही है. कोई सजावट कोई तामझाम नहीं. पर जनाब आपका माल ओरिजिनल है. कसम से.VICHAAR SHOONYAhttps://www.blogger.com/profile/07303733710792302123noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-92001302205806239432010-07-30T17:43:00.969+05:302010-07-30T17:43:00.969+05:30सदा की तरह घुमावदार मुस्काती खेलती सी भाषा वाली सु...सदा की तरह घुमावदार मुस्काती खेलती सी भाषा वाली सुन्दर पोस्ट। एक दो शब्दों पर अटक गई। उर्दु के होंगे क्योंकि शब्दकोष में नहीं मिले।<br />घुघूती बासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-13565065637940796992010-07-30T11:49:44.532+05:302010-07-30T11:49:44.532+05:30हमनाम लोग अक्सर ज़ेहन में अटक से जाते हैं। मेरे सा...हमनाम लोग अक्सर ज़ेहन में अटक से जाते हैं। मेरे साथ भी ऐसा ही है। चाहे उपराष्ट्रपति जी हों चाहे तबला वादक, अक्सर ज़ेहन में कौंध जाते हैं। सोचता हूँ, क्या मैं भी कभी किसी को इसी तरह परेशान कर पाऊंगा क्या?<br />…………..<br /><a href="http://ss.samwaad.com/" rel="nofollow">पाँच मुँह वाला नाग?</a><br /><a href="http://ts.samwaad.com/" rel="nofollow">साइंस ब्लॉगिंग पर 5 दिवसीय कार्यशाला।</a>Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-92232402758539358782010-07-30T11:21:25.063+05:302010-07-30T11:21:25.063+05:30शीर्षक बहुत ही अच्छा लगा .
ब्लैक होल सिर्फ अन्तरिक...शीर्षक बहुत ही अच्छा लगा .<br />ब्लैक होल सिर्फ अन्तरिक्ष में नहीं ...दिल और दिमाग में भी होता है .....<br />एक ब्लैक होल होता है अन्तरिक्ष में .....जिसमे सब गुम हो जाते हैं ...फूटते उजालों को निगलते अँधेरे दैत्य ...<br /><br />एक होल जो कलेजे में बनता है..कलेजा ..मतलब लीवर, ह्रदय, गुर्दा..जो जितना गहराता है उतना ही उजाला बिखेरता है..जैसे दिया खुद जलकर जग को रोशन करता है ....वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-90114363869801106472010-07-30T08:18:48.116+05:302010-07-30T08:18:48.116+05:30@ बेनामी जी , भावना जी , नमिरा जी , जनदुनिया ,
शु...@ बेनामी जी , भावना जी , नमिरा जी , जनदुनिया , <br />शुक्रिया <br /><br />@ मो सम कौन ? जी ,<br />सच है !<br /><br />@ क्षमा जी ,<br />नावेल्स के मुरीदों से मिलकर अच्छा लगता है :)<br /><br />@ मंसूर अली हाशमी साहब ,<br /> :)<br /><br />@ अमरेन्द्र जी ,<br />हहा... सही ,ब्लैक होल्स कहीं भी हो सकते हैं पर ज्यादातर ब्रम्हांड में या सोच में,ऐसा मेरा ख्याल है ! ये पोस्ट ब्लैक होल्स के प्रभाव से उबरने के बाद लिखी गई मानी जाये :) <br /><br />@ डाक्टर हरदीप संधू जी , <br />सबसे पहले टिप्पणी के लिए शुक्रिया , उसके बाद ये कि आपका प्रोफाइल देख कर बेहद खुशी हुई ,खासकर शब्दों के लिए आपके ज़ज्बात जानकर ! वहां बस एक छोटी सी चीज़ खटकती है अगर उसे दुरुस्त कर सकें तो ? पी.एच.डी.की जगह पीएच.डी.बेहतर होगा ! <br /><br />कभी ये भी बताइयेगा कि 'उत्ती' दूर कैसे जा बसे ? <br /><br />@ अनूप शुक्ल जी ,<br />शुक्रिया !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-46128868878639017702010-07-30T07:22:22.165+05:302010-07-30T07:22:22.165+05:30सुन्दर,प्यारी ,उदास फ़ूल सरीखी पोस्ट!सुन्दर,प्यारी ,उदास फ़ूल सरीखी पोस्ट!अनूप शुक्लhttp://hindini.com/fursatiyanoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-20625934241670539312010-07-30T06:46:29.371+05:302010-07-30T06:46:29.371+05:30Beautiफूल....
फूल उदास हैं तो अंदर कहीं ब्लैक होल्...Beautiफूल....<br />फूल उदास हैं तो अंदर कहीं ब्लैक होल्स ज़रुर होंगे ! <br />अच्छी पोस्ट !Shabad shabad https://www.blogger.com/profile/09078423307831456810noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-46602562623951086352010-07-30T01:03:17.711+05:302010-07-30T01:03:17.711+05:30दुखांत पर आप सोचने लगे .. इसे क्या कहूँ .. ब्लैक ह...दुखांत पर आप सोचने लगे .. इसे क्या कहूँ .. ब्लैक होल , क्या ऐसा प्रेमिल जीवन में ही है या अन्यत्र भी ! .. सही से देखा जाय तो अन्यत्र का असर इस जगह भी है ! .. पोस्ट सुन्दर है , मजेदार , ख़याल-दार भी !Amrendra Nath Tripathihttps://www.blogger.com/profile/15162902441907572888noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-30849578909952863942010-07-30T00:15:14.692+05:302010-07-30T00:15:14.692+05:30ला 'होल' [फूल] , वला 'कुव्वत' [खुश...ला 'होल' [फूल] , वला 'कुव्वत' [खुश्बू]!!!Mansoor ali Hashmihttps://www.blogger.com/profile/09018351936262646974noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-33956270026579890992010-07-29T23:36:15.071+05:302010-07-29T23:36:15.071+05:30Bahut tanmayta se aapki yah post padh lee. Wo zama...Bahut tanmayta se aapki yah post padh lee. Wo zamana bhi yaad aya jab novels padhna bahut bhata tha..khaskar purane classics. Shayad ab bhi bhata hai...bade din ho gaye padhe hue...ab khoj leti hun..kshamahttps://www.blogger.com/profile/14115656986166219821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-46685327592589194512010-07-29T23:27:43.885+05:302010-07-29T23:27:43.885+05:30अली साहब,
वैसे तो सारी पोस्ट ही शानदार है, लेकिन आ...अली साहब,<br />वैसे तो सारी पोस्ट ही शानदार है, लेकिन आखिरी पैरा तो बस गज़ब ही है।<br />फ़ूल हैं तो ब्लैक होल्स तो होंगे ही, बेशक फ़ूल खुश दिखें या उदास।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.com