tag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post2731041757152149548..comments2023-10-30T13:19:42.453+05:30Comments on ummaten: जिस क़दर अफ़साना-ए-हस्ती को दोहराता हूं मैं...उम्मतेंhttp://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comBlogger28125tag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-18855196880105375432012-04-15T12:07:03.280+05:302012-04-15T12:07:03.280+05:30बचपन में कुछ तिलस्मी किताबें पढ़ा करते थे. लौटना प...बचपन में कुछ तिलस्मी किताबें पढ़ा करते थे. लौटना पड़ रहा है.P.N. Subramanianhttps://www.blogger.com/profile/01420464521174227821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-40854639354919096712012-04-15T11:28:55.761+05:302012-04-15T11:28:55.761+05:30अगली पोस्ट लिखने से पहले इतनी तारीफ :)
टेंशन हो ...अगली पोस्ट लिखने से पहले इतनी तारीफ :) <br /><br />टेंशन हो रहा है :)उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-49336155003852956552012-04-15T11:26:53.684+05:302012-04-15T11:26:53.684+05:30देवेन्द्र जी , इतनी शक्कर घुली तारीफ :) सुभानल्लाह...देवेन्द्र जी , इतनी शक्कर घुली तारीफ :) सुभानल्लाह कहते तो मिठास थोड़ी कम हो जाती :)उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-33014232819466583352012-04-15T10:11:17.564+05:302012-04-15T10:11:17.564+05:30वे सारे वाकयात जो ख़्वाबों में आपने देखे, ज़ेहन मे...वे सारे वाकयात जो ख़्वाबों में आपने देखे, ज़ेहन में समेटे, उन्होंने कहीं न कहीं आपके इस फन को संवारा तो है ही!! और मेरे ख्याल से इन ख़्वाबों की ताबीर साइंसी तफसील में नहीं, अदबी फलसफे में मिलेगी!!<br /><br />...आमीन।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-41580342728572576752012-04-15T10:07:47.991+05:302012-04-15T10:07:47.991+05:30शुभानअल्लाह ! ख्वाब सुने अनगिनत हमने मगर इतने हसीन...शुभानअल्लाह ! ख्वाब सुने अनगिनत हमने मगर इतने हसीन न थे अंदाज-ए-बयां कि अपने लगते !!देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-9260862725135456262012-04-14T22:43:58.232+05:302012-04-14T22:43:58.232+05:30संजय भाई!
एक तरफ भाई बोलते हैं और दूसरी ओर गरीबी क...संजय भाई!<br />एक तरफ भाई बोलते हैं और दूसरी ओर गरीबी की बात करते हैं.. लानत है ऐसी अमीरी पर जो एक भाई को अपनी गरीबी की याद दिलाए.. अरे हम तो खाली शब्द से अमीर "दिखाई देते" हैं, मगर जो एहसास की दौलत आपके पास है उसको हम सलाम करते हैं.. बाक़ी तो अली सा. ने खुद ही कह दिया..!!अली सा. प्रणाम!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-31901693772533516102012-04-14T18:06:26.857+05:302012-04-14T18:06:26.857+05:30डाक्टर साहब ,
मैं क्या लिख रहा हूं ये तो मुझे भी न...डाक्टर साहब ,<br />मैं क्या लिख रहा हूं ये तो मुझे भी नहीं पता ! अच्छा हुआ जो आपने इसे ललित निबंध का नाम दिया !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-21915618136003735262012-04-14T16:56:48.323+05:302012-04-14T16:56:48.323+05:30डिअर अली ,तुम जिस तरह से लिख रहे हो उससे तुमसे बहु...डिअर अली ,तुम जिस तरह से लिख रहे हो उससे तुमसे बहुत उम्मीदें है.ये सुंदर लेख ललित निबंध की श्रेणी में आते हैं.इनमे अपनी एक ताकत है.जय श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/13861991547003318743noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-84237520564404809052012-04-14T16:16:06.405+05:302012-04-14T16:16:06.405+05:30सिन्हा जी ,
आपका स्वागत है ! ये तो सभी के वश में ह...सिन्हा जी ,<br />आपका स्वागत है ! ये तो सभी के वश में होता है फिर आपके वश में कैसे नहीं होगा :)<br /><br />आपके 'डैशबोर्ड' में 'पठन सूची' होगी और उसके आस पास 'जोड़ें' बटन , उसे क्लिक करके ये एड्रेस डाल दीजिए http://ummaten.blogspot.inउम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-48569049624490512012012-04-14T16:05:01.033+05:302012-04-14T16:05:01.033+05:30धन्यवाद ! मुझे 'या' से कन्फ्यूजन हुआ था वर...धन्यवाद ! मुझे 'या' से कन्फ्यूजन हुआ था वर्ना 'शुरू' पे शक तो था :)उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-43506020867744086442012-04-14T15:39:38.240+05:302012-04-14T15:39:38.240+05:30किसी पक्की तारकोल सड़क पर चला जा रहा हूं और अचानक ...किसी पक्की तारकोल सड़क पर चला जा रहा हूं और अचानक हाशिये की कच्ची सड़क पर एक बड़ा सा छेद हो जाता ... नीचे झांकूं तो , छै सात फुट की गहराई में नम रेत की नदी जैसी , जिसका पानी खत्मशुद और एक बेहद चमकीली चांदी जैसी सफेद मछली रेत पर ! .......<br />hmmm!! soch ka samandar kitna gahra hota hai....:)<br />par iske liye man ki lahron ko uchhalna bhi hota hai...<br />mere bas me aisa kuchh kyon nahi..!<br />bahut behtareen likhte ho sir!<br />pahlee baar aaya, barabar kaise aaun, follow kaise karun?मुकेश कुमार सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/14131032296544030044noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-29766671071024685552012-04-14T15:35:33.743+05:302012-04-14T15:35:33.743+05:30''उधेड़-बुन'' शुरू हो गई है.''उधेड़-बुन'' शुरू हो गई है.Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-30573751322849119672012-04-14T15:03:19.578+05:302012-04-14T15:03:19.578+05:30राहुल सिंह जी ,
सपनों को कौन सी टिकट खरीद कर ट्रेन...राहुल सिंह जी ,<br />सपनों को कौन सी टिकट खरीद कर ट्रेन पर चढ़ना था :)<br />कोई बंदिश / कोई दायरे सपनों पर अपनी मर्जी थोप सके हैं भला !<br />चाह कर सपने देख पाता तो बात कुछ और होती :)<br /><br />वैसे उधेड़बुन के बाद आपने क्या टाइप किया है समझ नहीं सका !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-42221714057865402722012-04-14T14:54:33.572+05:302012-04-14T14:54:33.572+05:30सञ्जय भाई ,
सलिल जी , अपने हैं सो उनसे , क्या तेरा...सञ्जय भाई ,<br />सलिल जी , अपने हैं सो उनसे , क्या तेरा क्या मेरा के बजाये सब अपना ही मानिये ! शब्द भारी पड़ जायें याकि हल्के , कोई दिक्कत नहीं बस शुभेच्छायें बनाये रखियेगा !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-70054443832981082402012-04-14T14:00:28.542+05:302012-04-14T14:00:28.542+05:30आपके सपने तो पटरी पर दौड़ने लगे, लेकिन ऐसा सिरा पक...आपके सपने तो पटरी पर दौड़ने लगे, लेकिन ऐसा सिरा पकड़ा दिया है आपने कि कइयों की ''उधेड़-बुन'' याुरू हो गई है.Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-85776522441618277472012-04-14T11:10:31.302+05:302012-04-14T11:10:31.302+05:30@ आपकी किस्स्गोई, अफ़सानानिगारी या लफ़्ज़ों को जो इज्...@ आपकी किस्स्गोई, अफ़सानानिगारी या लफ़्ज़ों को जो इज्ज़त आप बख्शते हैं वो सिफत, इं ख़्वाबों से वाबस्ता है.. तखय्युल का जो बेहतरीन इस्तेमाल आप करते हैं वो बड़ा रेअर है.. अगर आपकी पोस्टों को पढ़ें और आपकी खूबसूरत बयानी पर गौर फरमाएं तो एक जुमला काफी होगा - आपका अफ़साना मानिन्देख्वाब है!! <br /><br /> ali sa, original salil bhaijee ka hamar photo copy maniyega ........ <br /><br />'garibi is kadar hai ke shabd/wakya bhi chahnewalon ka udhar le leta hoon.....<br /><br /><br />pranam.सञ्जय झाhttps://www.blogger.com/profile/08104105712932320719noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-47009678702288492722012-04-14T11:05:17.251+05:302012-04-14T11:05:17.251+05:30माने त्रिवेदी जी मानकर चल रहे हैं कि अली साहब का द...माने त्रिवेदी जी मानकर चल रहे हैं कि अली साहब का दिमाग फिरा हुआ है :)उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-27817828421779203872012-04-14T10:55:20.323+05:302012-04-14T10:55:20.323+05:30अली सा....अभी कुछ कसर है क्या ??अली सा....अभी कुछ कसर है क्या ??संतोष त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-3844385688966222632012-04-13T23:07:06.411+05:302012-04-13T23:07:06.411+05:30संतोष जी ,
हकीकतें जो सुख नहीं दे पातीं वे अक्सर ख...संतोष जी ,<br />हकीकतें जो सुख नहीं दे पातीं वे अक्सर ख्वाब दे डालते हैं ! कभी कभार एकाध कतरा सुख के वास्ते इस दुनिया में भटक जाना भी बुरा नहीं है !<br /><br />बहरहाल जो है वहां देर सबेर लौटना ही है !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-75767605868867336692012-04-13T23:04:24.686+05:302012-04-13T23:04:24.686+05:30सलिल जी ,
इस तरह तारीफ सुनकर मेरा दिमाग ना फिर जाय...सलिल जी ,<br />इस तरह तारीफ सुनकर मेरा दिमाग ना फिर जाये बस यही दुआ कीजिये :)उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-44189384671192312032012-04-13T23:01:51.262+05:302012-04-13T23:01:51.262+05:30धन्यवाद !धन्यवाद !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-33045408473316538842012-04-13T23:01:19.127+05:302012-04-13T23:01:19.127+05:30अरविन्द जी ,
तरंगों के मसले में आपका कथन सही है !
...अरविन्द जी ,<br />तरंगों के मसले में आपका कथन सही है !<br />नुस्खे पर आपसे विधिवत चर्चा की जायेगी :)<br />मस्तिष्क का संसार बेहद जटिल है आपने इसे मायावी कहा , यह भी सही है !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-69643873069018358112012-04-13T22:57:52.442+05:302012-04-13T22:57:52.442+05:30सतीश भाई ,
ब्लाग जगत के बारे में फिलहाल कोई कमेन्ट...सतीश भाई ,<br />ब्लाग जगत के बारे में फिलहाल कोई कमेन्ट नहीं करूँगा !<br /><br />स्वप्न देखना और उसके कारणों का विश्लेषण कर पाना दोनों अलग अलग विशेषज्ञता की विषय वासनायें हैं :) <br /><br />मेरा काम मैं कर रहा हूं ! दूसरे अपना करें याकि नहीं ये उनकी अपनी मर्जी :)उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-2994928732991865672012-04-13T20:58:00.348+05:302012-04-13T20:58:00.348+05:30बहुत देखे हैं ख्वाब हमने
सलीके से संवारा है,
अब तो...बहुत देखे हैं ख्वाब हमने<br />सलीके से संवारा है,<br />अब तो लगता है यही<br />हकीकत है,सहारा है !!<br /><br />....भाई ,अब इस दुनिया में लौट भी आओ !संतोष त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-16830534168824229422012-04-13T20:54:41.388+05:302012-04-13T20:54:41.388+05:30अली सा..
पता नहीं.. खाब था जो कुछ कि देखा, जो सुन...अली सा.. <br />पता नहीं.. खाब था जो कुछ कि देखा, जो सुना अफ़साना था.. लेकिन तमाम वाकयात जो आपने बयान किये अपने ख़्वाबों के मुतल्लिक, खासकर वे ख्वाब जिनसे ताल्लुक रखने वाला कोई वाकया आपके साथ नहीं हुआ, को देखकर ख़्वाबों की जो ताबीर ज़ेहन में आ रही है वो कुछ यूँ है.. <br />यकीन मानिए ये बात मैं पूरी संजीदगी के साथ कह रहा हूँ.. <br />आपकी किस्स्गोई, अफ़सानानिगारी या लफ़्ज़ों को जो इज्ज़त आप बख्शते हैं वो सिफत, इं ख़्वाबों से वाबस्ता है.. तखय्युल का जो बेहतरीन इस्तेमाल आप करते हैं वो बड़ा रेअर है.. अगर आपकी पोस्टों को पढ़ें और आपकी खूबसूरत बयानी पर गौर फरमाएं तो एक जुमला काफी होगा - आपका अफ़साना मानिन्देख्वाब है!! <br />वे सारे वाकयात जो ख़्वाबों में आपने देखे, ज़ेहन में समेटे, उन्होंने कहीं न कहीं आपके इस फन को संवारा तो है ही!! और मेरे ख्याल से इन ख़्वाबों की ताबीर साइंसी तफसील में नहीं, अदबी फलसफे में मिलेगी!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.com