tag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post2117391512662583729..comments2023-10-30T13:19:42.453+05:30Comments on ummaten: ब्लाग पोस्ट...टिप्पणियां...नक्सलवाद और गिटार के टूटते हुए तार !उम्मतेंhttp://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-11863761636477924902010-06-12T00:02:16.900+05:302010-06-12T00:02:16.900+05:30बढ़िया चिंतन है भाई ।बढ़िया चिंतन है भाई ।शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-7448768731515955232010-06-10T17:04:14.632+05:302010-06-10T17:04:14.632+05:30कहाँ है अली साहब, आपके दर से दीवाने लौटे जाते हैं....कहाँ है अली साहब, आपके दर से दीवाने लौटे जाते हैं....<br />--------<br /><a href="http://za.samwaad.com/" rel="nofollow">ब्लॉगवाणी माहौल खराब कर रहा है?</a>Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-25273920183583782412010-06-07T20:29:06.603+05:302010-06-07T20:29:06.603+05:30पागलखाने का मुशायरा , चंडूखाने की आवाजें .....और ज...पागलखाने का मुशायरा , चंडूखाने की आवाजें .....और जाकिर का लोगों से जवान बनने की अपील -ये क़यामत की झलकियाँ तो नहीं !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-4928773608750903152010-06-07T00:13:04.830+05:302010-06-07T00:13:04.830+05:30उत्तम पोस्ट. व्यंग कटाक्ष और विचार से परिपूर्ण.उत्तम पोस्ट. व्यंग कटाक्ष और विचार से परिपूर्ण.पंकजhttps://www.blogger.com/profile/05230648047026512339noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-54765808686592350662010-06-05T13:14:46.662+05:302010-06-05T13:14:46.662+05:30आईये जानें .... मैं कौन हूं!
आचार्य जीआईये जानें .... मैं कौन हूं!<br /><br />आचार्य जीआचार्य उदयhttps://www.blogger.com/profile/05680266436473549689noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-80514467749165448592010-06-02T16:52:04.928+05:302010-06-02T16:52:04.928+05:30पता नहीं क्यों पर मुझे लग रहा है पहली बार आपकी टिप...पता नहीं क्यों पर मुझे लग रहा है पहली बार आपकी टिप्पणियों वाली खिलंदणी प्रवृत्ति पोस्ट में दृष्टिगोचर हुई है। बधाई।<br />--------<br /><a href="http://sb.samwaad.com/" rel="nofollow">क्या आप जवान रहना चाहते हैं?</a><br /><a href="http://ts.samwaad.com/" rel="nofollow">ढ़ाक कहो टेसू कहो या फिर कहो पलाश...</a>Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-65041993759582011992010-05-31T09:01:04.911+05:302010-05-31T09:01:04.911+05:30एक बार दूरदर्शन पर कवि-सम्मेलन देख रहा था...
कुल ५...एक बार दूरदर्शन पर कवि-सम्मेलन देख रहा था...<br />कुल ५ कवि थे. एक कविता सुनाता तो बाकी चार चीखते ..वाह! वाह!..वाह! वाह!<br />वहाँ कवियों की मजबूरी होती है..जो यह प्रोग्राम बना रहा होता है ..उसका निर्देश होता है कि भाई ..जब आप वाह वाह नहीं करेंगे तो आम जनता क्या करेगी...?<br />..ब्लॉग जगत में किसी का निर्देश तो नहीं होता हाँ स्वतः जन्मा स्वार्थी भाव हो सकता है.देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-9028180612499643122010-05-30T02:07:08.861+05:302010-05-30T02:07:08.861+05:30भाई ज़ान, अधिकाँश ब्लॉगर अभी तक ऑरकुटीय हैंग-ओवर से...<i><br />भाई ज़ान, अधिकाँश ब्लॉगर अभी तक ऑरकुटीय हैंग-ओवर से नहीं उबर पाये हैं, फिर इसमें नेटवर्किंग की सँभावना तलाशते हुये फ़ेसबुकीय तड़का लगाने के प्रयास में दर्ज़नों गुट / ग्रुप बनते जा रहे हैं ।<br />मैं मानता हूँ कि बेनामी ब्राँड ज़ालिम लोशन भी स्वयँ ही तैयार किये और लगाये जाते हैं, ताकि हाय-हूय मचाने का औचित्य ठहरा सकें । हाय हूय होवेगी, तो भला उनके मुकाम पर कौन न पहुँचेगा ! चलचल की हलचल बनाये रखने की भेड़िया-धसान है ब्लॉगिंग !<br /></i>डा० अमर कुमारhttps://www.blogger.com/profile/09556018337158653778noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-22407208674254815492010-05-29T23:36:52.292+05:302010-05-29T23:36:52.292+05:30@ संजीव तिवारी जी
भाई वे संजीदा तो है पर .....के ...@ संजीव तिवारी जी <br />भाई वे संजीदा तो है पर .....के लिए :)<br /> ( रिक्त स्थान आप भर लीजिएगा )<br /><br /><br />@ दिनेश शर्मा वत्स जी <br />पंडित जी देखिये ना मेरी पिछली पोस्ट ज्योतिष की वज़ह से लिखी गयी पर आप आये नहीं : ) खैर अभी तो साथ चलिए !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-6835610828865774262010-05-29T23:19:19.060+05:302010-05-29T23:19:19.060+05:30भाई अली जी, हम भी आ रहे हैं आपके पीछे पीछे :-)भाई अली जी, हम भी आ रहे हैं आपके पीछे पीछे :-)Pt. D.K. Sharma "Vatsa"https://www.blogger.com/profile/05459197901771493896noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-17180045824468626362010-05-29T22:18:28.120+05:302010-05-29T22:18:28.120+05:30सर से गुजरी तो नहीं है पर प्रेम से लगी चपत की धमक ...सर से गुजरी तो नहीं है पर प्रेम से लगी चपत की धमक सुनाई दे रही है. <br />काश 14000 परम आत्ममुग्ध लोगों में से 1400 लोग कुछ संजीदा हो जाते.36solutionshttps://www.blogger.com/profile/03839571548915324084noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3486713072293488752.post-57119798752552331352010-05-29T19:11:52.183+05:302010-05-29T19:11:52.183+05:30कई बार तो मुझे भी लगता है कि मानो शायद किसी ऐसे पा...कई बार तो मुझे भी लगता है कि मानो शायद किसी ऐसे पागलखाने में मुशायरा चल रहा हो जिसमें बाहर वालों का भाग लेना प्रबंधित हो...कुछ को वाह-वाह से ही फ़ुर्सत नहीं तो कोई आस्तीनें चढ़ाए बैठा है..अजब दुनिया है यहां की भी..Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.com